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उत्तर प्रदेश

परमवीर चक्र विजेता के गांव में इस नेत्रहीन दंपति की दुर्दशा देखिए

गाजीपुर : पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले और राष्ट्रीय क्षितिज पर जिले का गौरव स्थापित करने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के गांव का नेत्रहीन दंपति एक अदद शौचालय के लिये तरस रहा है. एक दूसरे का हाथ पकड़ कर ये दंपति शौच के लिये बोतल में पानी लेकर खेतों में जाते हैं. खेतों तक जाने में उन्हें आधा किलो मीटर की दूरी तय करने के लिए काफी वक्त व्यतीत करना पड़ता है. सामाजिक कार्यकर्ता ब्रजभूषण दूबे ने सवाल उठाया कि आखिर गांवों में कहां बने हैं शौचालय और कहां है स्वच्छता अभियान? साथ ही उन्होंने इस नेत्रहीन दंपति की दुर्दशा के लिए उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार, लूट और जंगलराज की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसके लिए अखिलेश सरकार को अपराधी करार दिया.

गाजीपुर : पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले और राष्ट्रीय क्षितिज पर जिले का गौरव स्थापित करने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के गांव का नेत्रहीन दंपति एक अदद शौचालय के लिये तरस रहा है. एक दूसरे का हाथ पकड़ कर ये दंपति शौच के लिये बोतल में पानी लेकर खेतों में जाते हैं. खेतों तक जाने में उन्हें आधा किलो मीटर की दूरी तय करने के लिए काफी वक्त व्यतीत करना पड़ता है. सामाजिक कार्यकर्ता ब्रजभूषण दूबे ने सवाल उठाया कि आखिर गांवों में कहां बने हैं शौचालय और कहां है स्वच्छता अभियान? साथ ही उन्होंने इस नेत्रहीन दंपति की दुर्दशा के लिए उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार, लूट और जंगलराज की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसके लिए अखिलेश सरकार को अपराधी करार दिया.

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मामला जखनियां तहसील अन्तर्गत धामूपुर / सरायवैरख दलित बस्ती का है जहां 35 वर्षीय सुभाष राम एवं 32 वर्षीया उनकी पत्नी माया जन्मजात पूर्ण नेत्रहीन हैं. सुभाष को किसी ने समग्र विकास इंडिया के अध्यक्ष ब्रज भूषण दूबे का मोबाइल नम्बर दे दिया जिस पर उन्होंने अपनी पीड़ा श्री दूबे तक पहुंचाया. इसके क्रम में श्री दूबे के साथ सामाजिक कार्यकर्ता शिवचरन यादव, पंचदेव चौहान, धर्मेन्द्र चतुर्वेदी, सत्येन्द्र बिन्द आदि शुक्रवार को सुभाष के घर पहुंचे. सुबह के समय सुभाष का हाथ पकड़ कर उनकी पत्नी माया हाथों में डिब्बे का पानी लेकर शौच के लिये जा रही थीं. खेतों तक जाने में उन्हें आधा किलो मीटर की दूरी तय करना पड़ा.

नेत्रहीन पति-पत्नी ने अपनी पीडा बताते हुये कहा कि तहसील दिवस से लेकर एसडीएम व खण्ड विकास अधिकारी के अलावा ग्राम पंचायत से गुहार लगाया किन्तु उन्हें एक अदद शौचालय तक नहीं दिया गया. राशन कार्ड किसी श्रेणी का दिया ही नहीं गया है. आवास छप्पर का है. श्री दूबे ने उन्हें आश्वस्त किया कि विकलांग जन अधिनियम 1995 में विहित प्रावधानो के तहत शौचालय, आवास, राशनकार्ड एवं पेयजल जैसी मौलिक सुविधाओं पर पहला हक उनका है किन्तु भ्रष्टाचार के कारण ये सुविधाएं उन तक पहुंच नहीं पा रही हैं. हम जिलाधिकारी के अलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं रेल राज्यमंत्री को पूरा मामला सन्दर्भित करेंगे और यदि सुनवाई नहीं होती है तो श्रमदान से शौचालय निर्मित करा दिया जायेगा.

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