एक औघड़ की आह से तबाह होना ही था अखिलेश राज को!

यूपी में रक्तहीन क्रांति पर भड़ास एडिटर यशवंत की त्वरित प्रतिक्रिया- ‘मीडियाकर्मियों का अंतहीन उत्पीड़न करने वाले अखिलेश राज का खात्मा स्वागत योग्य’

Yashwant Singh : यूपी में हुए बदलाव का स्वागत कीजिए. सपा और बसपा नामक दो लुटेरे गिरोहों से त्रस्त जनता ने तीसरे पर दाव लगाया है. यूपी में न आम आदमी पार्टी है और न कम्युनिस्ट हैं. सपा और बसपा ने बारी बारी शासन किया, लगातार. इनके शासन में एक बात कामन रही. जमकर लूट, जमकर झूठ, जमकर जंगलराज और जमकर मुस्लिम तुष्टीकरण. इससे नाराज जनता ने तीसरी और एकमात्र बची पार्टी बीजेपी को जमकर वोट दिया ताकि सपा-बसपा को सबक सिखाया जा सके.

आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने अखिलेश यादव के संरक्षण में हुए एक बड़े घोटाले का किया भंडाफोड़

Surya Pratap Singh : उद्योग मंत्री/ मुख्य मंत्री के संरक्षण में उत्तर प्रदेश में UPSIDC बना एक घोटालों का अड्डा…. मुख्यमंत्री/उद्योग मंत्री अखिलेश की नाक के नीचे UPSIDC में रु. २०,००० करोड़ का भूमि घोटाला हुआ हैं….मनमाने ढंग से साक्षात्कार के माध्यम से भू आवंटन किया गया है …. साक्षात्कार का मतलब रिश्वत की सौदागिरी !!!
मुख्यमंत्री/ उद्योग मंत्री अखिलेश यादव ने अपने मित्र के नाम पर ‘स्टील प्लांट’ लगाने के लिए UPSIDC के सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में 111 ऐक़ड भूमि बिना किसी टेंडर पर वर्ष २०१३-२०१४ में औने-पौने मूल्य/बहुत सस्ते में वर्ष २०१४ में आवंटित की गयी है ….. जिसकी जाँच आने वाली सरकार क्या जाँच कराएगी ? मेरे इस सम्बंध में निम्न प्रश्न हैं:

बहुत उदार और उदात्त है यूपी पुलिस, थाने से भाग जाने देती है लफंगों को (देखें वीडियो)

यूपी की बहादुर पुलिस खुद भले चोर बदमाश न पकड़ पाए लेकिन जब कोई दूसरा पकड़ कर पुलिस को सौंपता है तो पुलिस वाले पूरी उदारता बरतते हुए उसे चले जाने देते हैं… शायद इसीलिए कहा जाता है चोर पुलिस मौसेर भाई.. नीचे कमेंट बाक्स में दिए गए एक वीडियो को देखिए…

लखनऊ की दलाल, शरणागत और चरणपादुका संस्कृति की पत्रकारिता का एक ताजा अनुभव

विष्णु गुप्त

क्या लखनऊ की पत्रकारिता अखिलेश सरकार की रखैल है? लखनऊ की पत्रकारिता पर अखिलेश सरकार का डर क्यों बना हुआ रहता है? अखिलेश सरकार के खिलाफ लखानउ की पत्रकारिता कुछ विशेष लिखने से क्यों डरती है, सहमती है? अखिलेश सरकार की कडी आलोचना वाली प्रेस विज्ञप्ति तक छापने से लखनऊ के अखबार इनकार  क्यों कर देते हैं? अब यहां प्रष्न उठता है कि लखनऊ के अखबार अखिलेश सरकार के खिलाफ लिखने से डरते क्यों हैं? क्या सिर्फ रिश्वतखोरी का ही प्रश्न है, या फिर खिलाफ लिखने पर अखिलेश सरकार द्वारा प्रताडित होने का भी डर है?

काम बोलता है : चार घंटे तक इमरजेंसी में कराहती रही बूढ़ी मां, बेटे को जबरन थाने में बिठाये रखा

वाराणसी। यूपी में चल रहे चुनावी दंगल में भले ही ‘काम बोलता है’ का धुन आम मानुष के लिए सुशासन होने का दावा भर रहा हो पर जमीन पर थानों में वर्दी की दबंगई के आगे आम आदमी का गूंगापन और लाचारी बोल रहा है। बीते रविवार यही नजारा देखने को मिला जब अपनी 92 वर्षीय बूढ़ी मां माया देवी को उन्हीं की बहू कंचन और उसके मामा मंगला प्रसाद ने मार-पीट कर घायल कर दिया। बेटा घनश्याम जायसवाल ने तत्काल इसकी सूचना 100 नम्बर पर डायल कर दी और पुलिस से मदद मांगी तो मौके पर पहुंची पुलिस ने समझौते की बेशकीमती सलाह देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। 

मथुरा की मीडिया शहर के कोतवाल पर मेहरबान है या वाहन चोर गैंग पर?

अब तक आपने पुलिस की कार्यप्रणाली के खट्टे-मीठे अनुभव बहुत देखे और सुने होंगे किन्तु लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया के अनुभव शायद कभी-कभी महसूस किये होंगे या सुने होंगे लेकिन मेरे साथ घटी घटना को सुनकर शायद लोकतंत्र शर्मिंदा हो जाये लेकिन दोलत के भूखे भेड़ियों की सेहत पर इसका कोई असर पड़ेगा इसकी मुझे भी कल्पना नहीं है। वैसे मैने ढ़ाई दशक के पत्रकारिता के कार्यकाल में अपनी कलम के माध्यम से हजारों पीड़ितों की निस्वार्थ मदद कर उन्हैं राहत दिलाई है लेकिन पिछले दिनों 20 फरवरी को मेरे कार्यालय के बाहर से मेरी बाइक न. यूपी 85 यू 5666 चोरी हुई तो मुझे पुलिस के साथ-साथ मीडिया के सहयोग की जरूरत महसूस हुई। जिसमें पहले तो मुझे पुलिसिया कार्यशैली का सामना करना पड़ा और मथुरा कोतवाल से तड़का-भड़की हुई और जिसके चलते तहरीर लेने से इंकार कर दिया गया।

झंडा लगाने वाले भाजपा कार्यकर्ता को पुलिस ने बुरी तरह पीटा (देखें वीडियो)

उत्तर प्रदेश में बेलगाम पुलिस के जंगलराज का एक और वीभत्स घटनाक्रम सामने आया है. मथुरा में भाजपा के एक जुनूनी कार्यकर्ता प्रदीप बंसल को कृष्णानगर पुलिस चौकी इंचार्ज ने बुरी तरह पीटा. सिर्फ इसलिए कि वे मोटर साइकिल पर भाजपा का और राष्ट्र का झंडा लगा कर घूम रहे थे.

आगरा में कवरेज कर रहे पत्रकार फरहान खान के साथ पुलिस ने की हाथापाई (देखें वीडियो)

आगरा की पुलिस ने पत्रकारों को भी नही बख्शा. थाना एत्माउद्दोला ट्रांस यमुना के चौकी इंचार्ज ने की टीवी चैनल के पत्रकार से की हाथापाई. वर्दी के रोब में धमकाते हुये कहा कि तुझे लौटकर देखता हूं. पूरा नजारा हुआ कैमरे में कैद. आगरा के पत्रकार फरहान खान थाना एत्मादौला पर कवरेज करने के लिए गये थे. तभी अचानक वहां चौकी इंचार्ज मनोज भाटी आ गए और कवरेज कर रहे पत्रकार से हाथापाई शुरू कर दी. भद्दी भद्दी गालियां दी.

यूपी में सपा का गुंडाराज : मंत्री ने अमर उजाला के पत्रकार को जिंदा जलाने की धमकी दी (सुनें टेप)

उत्तर प्रदेश में सपा का गुंडाराज चुनावों के दौरान भी जारी है. अखिलेश यादव के नेतृत्व में पिछले पांच सालों में उत्तर प्रदेश के जंगलराज में एक से बढ़ कर एक दुर्दांत घटनाएं हुईं. अखिलेश हत्यारे और भ्रष्ट मंत्रियों को बचाते रहे. ताजा मामला भी सपा के जंगलराज से जुड़ा है. उत्तर प्रदेश में चिकित्सा और शिक्षा मंत्री राधे श्याम सिंह जो कि खुद एक प्रत्याशी भी हैं, ने अमर उजाला के पत्रकार को चुनाव में सपोर्ट न करने पर जिंदा जला देने की धमकी दी है. टेप सुनने के लिए नीचे क्लिक करें :

यूपी में इस बहादुर महिला पत्रकार के साथ पुलिस वालों ने की मारपीट, एक लाइन हाजिर

आरोपी चौकी प्रभारी समेत एक अन्य सिपाही पर अभी भी नहीं हुई कार्यवाही

शाहजहांपुर से खबर है कि कोतवाली की अजीजगंज पुलिस चौकी के तहत आने वाली कांशीराम कॉलोनी की निवासी रुखसार से पुलिस वालों ने गालीगलौज की. रुखसार पेशे से पत्रकार हैं. वे अपने एरिया में होने वाली हर खबर को प्रमुखता से छापती हैं. इसी बात से चौकी अजीजगंज के पुलिस कर्मी उनसे खफा रहते थे. इसी क्रम में 08 फ़रवरी को रात करीब 9 बजे के आसपास उनके घर चौकी का सिपाही शराब के नशे में घुस गया और गालियां देने लगा.

किसी को वोट दे लेना, पर सपा को नहीं… वजह बता रहे भड़ास एडिटर यशवंत

Yashwant Singh : हे मीडिया के साथियों, यूपी चुनाव में सपा को जरूर हराना. वोट चाहे बसपा को देना या भाजपा को या रालोद को या किसी को न देना, लेकिन सपा को कतई मत देना. वजह? सिर्फ पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड. अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में उनके मंत्री राममूर्ति वर्मा के कहने पर कोतवाल और सिपाहियों ने पत्रकार जगेंद्र को शाहजहांपुर में जिंदा जला दिया था. जगेंद्र ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में मंत्री राममूर्ति वर्मा का नाम लिया था. जगेंद्र ने राममूर्ति के खिलाफ कई खबरें लिखी थीं. मंत्री राममूर्ति तरह तरह से जगेंद्र को धमकाता रहता था. जगेंद्र लिख चुके थे कि मंत्री राममूर्ति उसे मार डालना चाहता है क्योंकि वह उसकी पोल खोलता रहता है.

यूपी के इस दरोगा ने खुद खोल दी अपनी पोल (सुनें टेप)

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक दरोगा और डॉयल-100 सिपाही के बीच बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ है। इस ऑडियो में दारोगा ने डॉयल-100 के सिपाही से अपने अवैध कामकाज में दखल न देने की हिदायत दी है। इस तरह दरोगा ने खुद ही अपने तमाम अवैध कामकाज की पोल खोलकर रख दी है। दरोगा का नाम राकेश शर्मा है जो मूरतगंज पुलिस चौकी में प्रभारी के बतौर तैनात है। दरोगा की वायरल ऑडियो ने पुलिस महकमे को शर्मशार कर दिया है।

शहीद DSP की पत्नी ने कोर्ट में कहा- ‘मथुरा कांड एक बड़े नेता द्वारा 300 एकड़ के पार्क पर कब्जा करने की साजिश का नतीजा’

मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी ने यूपी पुलिस की जांच पर जताया अविश्वास, सीबीआई के हवाले मामले को सुपुर्द करने की अपील की….

मथुरा के जवाहर बाग में हुई हिंसा की सीबीआई द्वारा जाँच कराने की मांग पर शहीद मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता और उत्तर प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता वीसी मिश्र ने हाईकोर्ट में बहस किया। उन्होंने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मथुरा कांड कोई कानून व्यवस्था का मामला नहीं है बल्कि यह एक बड़े नेता द्वारा 300 एकड़ में फैले पार्क पर कब्जा करने की साजिश का परिणाम है।

चुनाव आयोग की सख्ती के बाद भी भदोही में बाहुबली विजय मिश्रा का आतंक

सौ से अधिक आपराधिक मामलों का आरोपी विजय मिश्रा भदोही का एक ऐसा बाहुबली है, जो अपने ही सगे-संबंधियों की हत्या कराने के लिए कुख्यात हैं। इसके इसी हरकत पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने पांच साल तक जेल के सलाखों के पीछे रखा। लेकिन, जैसे ही सपा की सरकार बनी, यादवी कुनबे के आकाओं की चरणवंदना कर न सिर्फ जेल से बाहर आया, बल्कि पांच साल के कार्यकाल में हर वह कुकर्म किया, जिससे जनता खौफ में जीने को विवश रही। अब जब चचा-भतीजे की लड़ाई में अखिलेश ने टिकट काट दिया है, तो उन्हें ही धमकी देते हुए कहा है वह भदोही ही नहीं, पूर्वांचल से सपा को नेस्तनाबूद कर देंगे। हालांकि यह उसका सिर्फ और सिर्फ गीदड़भभकी से अधिक कुछ नहीं है। इस धमकी के पीछे उसकी मंशा है किसी दूसरे दल में शामिल होकर टिकट हासिल करने की…

यूपी के इस बवाली और तानाशाह डीएम ने मीडियाकर्मियों को सरेआम हड़काया (देखें वीडियो)

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के जंगलराज में विविध प्रजातियों के अधिकारी खूब फलते-फूलते पाए जाते हैं. एक महोदय हैं बहराइच जिले के डीएम उर्फ जिलाधिकारी. इन्हें लोग प्यार से अब ‘बवाली DM’ कह कर पुकारने लगे हैं. ये खुद ही बवाल करते कराते रहते हैं. इन महाशय को तानाशाही पसंद है. जब चाहेंगे तब मीडिया को दौड़ा लेंगे. कैमरे बंद करा देंगे. डांट लगा देंगे. जब चाहेंगे तब किसी होमगार्ड को डंडे से पीट देंगे. होमगार्ड की पिटाई करने वाले डीएम के रूप में कुख्यात जिलाधिकारी अभय का ताजा कारनामा है पत्रकारों को डांट डपट कर कैमरा बंद कराना और कवरेज से रोकना.

दंगों के दाग और अपराधों की आग से कैसे बचेंगे अखिलेश यादव

अलीगढ़ में हुई महिलाओं से मारपीट और लूटपाट की दो घटनाओं ने बुलंदशहर कांड की याद फिर ताजा कर दी है। उत्त्तर प्रदेश में दंगों के सवाल पर सपा सरकार को विपक्षी दल पहले से ही घेरते आ रहे हैं। तो ऐसे में सवाल उठ रहा है कि चुनाव के समय अब अखिलेश यादव दंगों के दाग और अपराधों की आग से खुद और पार्टी को कैसे बचाएंगे ?

धीरज सिंह

घटनाएं होती हैं और कुछ समय बाद लोग उन्हें भूल जाते हैं मगर चुनाव आते ही राजनैतिक दल एक- दूसरे का लेखा-जोखा कुरेद कर फिर बाहर निकाल देते है। लोग जिन बातों को भूल चुके थे, चुनाव के ऐन पहले फिर से सुर्खियां बनने लगती हैं। प्रदेश में हुए दंगे और आपराधिक वारदात, कुछ ऐसे ही मुद्दे हैं जो समाजवादी पार्टी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पीछा नहीं छोड़ेंगे। मार्च 2012 में उत्तर प्रदेश का चुनाव परिणाम आने के बाद जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अपने युवा पुत्र अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया तो जनता प्रदेश के विकास का सपना देख रही थी। लैपटॉप मिलने की आशा में प्रदेश के युवाओं में भारी उत्साह था।

लखनऊ में नभाटा की महिला पत्रकार से छेड़खानी, विरोध करने पर पिटाई

100 नंबर पर कॉल की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, 17 घंटे से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी पुलिस आरोपियों को पकड़ नहीं सकी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव महिला सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन हकीकत इससे बिलकुल अलग है। राजधानी लखनऊ में बेंगलुरु जैसी वारदात को अंजाम दिया गया। सोमवार की रात दफ्तर से घर लौट रही नवभारत टाइम्स की महिला रिपोर्टर के साथ अलीगंज जैसे व्यस्त इलाके में कार सवार गुंडों ने छेड़खानी की। रिपोर्टर के विरोध करने पर गुंडों ने रिपोर्टर को कार से दौड़ाया और ओवरटेक करके उसकी कार रोक ली। इसके बाद अभद्रता करते हुए मारपीट की।

नेता जी, आपके उसी सवाल का बस जवाब दिया है अखिलेश ने!

Nadeem : आदरणीय नेता जी, आप बेहद दुखी हैं। आपका दुखी होना लाजिमी भी है। मुझे मालूम है कि आप इतने दुखी नहीं होते अगर यह बगावत आपके बेटे की जगह किसी और ने की होती लेकिन जो कुछ हुआ उसके लिए कहीं न कहीं आप खुद जिम्मेदार है।

‘नई उमंग’ के जरिए सपा मुस्लिमों को बरगला रही, रिहाई मंच ने उर्दू पत्रिका को भेजा नोटिस

लखनऊ । रिहाई मंच नामक संगठन ने आरोप लगाया है कि अखिलेश सरकार मुसलमानों को गुमराह करने के लिए उनके बीच अपनी उपलब्ध्यिों के झूठे दावों वाली उर्दू की सरकारी पत्रिका ‘नई उमंग’ प्रकाशित कर वितरित करा रही है जिसमें बेगुनाह मुसलमानों के रिहा किए जाने का वादा पूरा कर दिए जाने का दावा किया गया है। रिहाई मंच ने ‘नई उमंग’ पत्रिका के खिलाफ नोटिस भेजा है।

नेताजी को दादरी कांड, मुज्जफरनगर कांड और हाईवे रेप कांड के समय अनुशासनहीनता क्यों नहीं दिखाई दी?

यूपी में अनुशासनहीनता का कड़वा सच…

मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश के राजनीतिक माहौल ने गंभीर चिंतन के लिए मजबूर कर दिया है। मैं ही नहीं मेरे जैसे हर कलमकार के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है। यहां एक बार फिर राजनीतिक मूल्य हाशिये पर चढ़ते दिखाई दे रहे हैं। स्वयं को सही साबित के लिए बाप-बेटे में ठन गई है तो, कुछ लोग विभीषण की भूमिका भी बखूबी निभा रहे हैं। खैर ये समाजवादी पार्टी का निजी मामला है, इस पर ज्यादा समय व्यर्थ करना उचित नहीं लगता। मेरा सवाल यहां नेता जी उर्फ मुलायम सिंह साहब से है।

फैजाबाद में दैनिक जागरण के चार पत्रकारों को जिंदा जलाकर मारने की कोशिश

नोटबंदी के फैसले के बाद हो रही कैश की समस्या के चलते पत्रकारों को जिंदा जलाने की घटना सामने आई है। उत्तरप्रदेश के फैजाबाद में एक पेट्रोल पंप के कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने चार पत्रकारों को जिंदा जलाकर मारने की कोशिश की। ये चारों वहां के एक हिंदी अखबार दैनिक जागरण में काम करते हैं। पत्रकार पेट्रोल पंप पर झगड़ा होने के बाद पास ही में अपने दफ्तर में जाकर छिप गए थे। लेकिन पेट्रोल पंप का स्टाफ वहां भी पहुंच गया और ऑफिस के अंदर घुसकर पत्रकारों और बाकी स्टाफ से साथ भी मारपीट की। बाद में किसी ने पुलिस को सूचना दी। उसके बाद जाकर मामला शांत हुआ।

लखनऊ में नाराज पीसीएस अफसर हड़ताल पर गए

लखनऊ से खबर है कि सभी पीसीएस अफसर हड़ताल पर गए. ये PCS अफसर सामूहिक रूप से गिरफ्तारी देने डीएम आवास पहुंचे हैं. दरअसल कलेक्ट्रेट में वकीलों ने पीसीएस अफसर के साथ मारपीट की थी. इसके बाद लखनऊ पुलिस ने 3 सीनियर अफसरों के खिलाफ ही FIR दर्ज कर दी. इससे नाराज यूपी के 1100 पीसीएस अफसरों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी. पीएसएस अफसरों ने प्रदेश में सारा काम ठप करने की चेतावनी दी.

यूपी में शराब विक्रेता जमकर लूट रहे हैं खरीदारों को, भ्रष्ट आबकारी विभाग ने चुप्पी साधी

बिक्री मूल्य व वास्तविक दर में अंतर से ही रोजाना लाखों की उपरी कमाई…

बरेली | यूपी में जंगलराज हर फील्ड में है. शिक्षा, सेहत, आबकारी… कोई विभाग उठा लो, उसके पीछे एक लंबा चौड़ा घोटाला नजर आएगा जिसे शीर्ष लेवल के सत्ताधारियों द्वारा संरक्षण प्राप्त है. प्रदेश में शराब विक्रेती जमकर खरीदारों को लूट रहे हैं. निर्धारित रेट से बहुत ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं. भ्रष्ट आबकारी विभाग सब जानकर भी चुप्पी साधे है. आबकारी विभाग उन सरकारी विभागों में से एक है जहां सब कुछ जानकारी में होने के बावजूद खुलेआम भ्रष्टाचार के कीचड़ में सना हुआ होने के कारण भयंकर चुप्पी साधी रखी जाती है. मामला नशे के विभाग यानी शराब से जुड़ा होने के चलते हर कोई इसके कीचड़ में ईंट मारने से बचता है कि कहीं कीचड़ की छीट उस पर ही न पड़ जाए. इसलिए सब कुछ जगजाहिर है फिर भी सुनवाई कहीं नहीं. हो भी कैसे. सीधे-सीधे देशी पव्वे पर पांच रुपये के ओवर रेट से आने वाले रोजाना लाखों रुपयों की रकम की महक व जायका उपर तक सभी इमानदारों को हिस्सानुसार पहुंचा दिया जाता है शिकायतों पर पर्दा डालते रहने के नाम पर.

शिक्षक रामाशीष सिंह की हत्या के लिए सत्ता के नशे में चूर अखिलेश जिम्मेदार

लखनऊ की ‘मित्र पुलिस’ सपाईयों की मित्र, जनता की शत्रु : चचा-भतीजे में माल के बंटवारे के झगड़े में आए सपाई गुंडों की दामादों की तरह खातिर : पेंशन मांगने वालों पर कातिलाना हमला : हजरतगंज में सिर्फ गंजिंग हो सकती है, इंसाफ की आवाज नहीं उठ सकती : लखनऊ, 08 दिसम्बर 2016 । रिहाई मंच ने लखनऊ में शिक्षकों पर पुलिसिया हमले और उसमें शिक्षक रामाशीष सिंह की मौत के लिए अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराया है। मंच ने कहा कि पिछली 2 नवंबर को भी हजरतगंज गांधी प्रतिमा पर इंसाफ मांगते रिहाई मंच नेताओं पर इसी तरीके से कातिलाना हमला पुलिस ने किया था। आज जिस तरह पुलिस ने शिक्षक का कत्ल किया और सैकड़ों को गंभीर रूप से घायल किया, वह साफ करता है कि यह हमले सिर्फ पुलिसिया नहीं है बल्कि यह सब सरकार की सरपरस्ती में हो रहे हैं।

यूपी का महाभ्रष्ट मंत्री गायत्री प्रजापति आजकल मुलायम और अखिलेश दोनों की आंखों का तारा-दुलारा हो गया है!

Yashwant Singh : दिन रात नरेंद्र मोदी के खिलाफ लिख-लिख के इस शख्स को पीएम बनवा चुके सेकुलर / कामरेड / दलित / पिछड़े / मुस्लिम किस्म के भाइयों-बहनों से अनुरोध करूंगा कि कभी-कभी अपने ‘घर-परिवार’ यानि सपा-बसपा की कारस्तानी पर भी कलम चला लिया करें. उत्तर प्रदेश का महाभ्रष्ट मंत्री गायत्री प्रजापति आजकल मुलायम और अखिलेश की आंखों का तारा दुलारा हो गया है. बरेली में मंच पर भाषण दे रहे नेताजी मुलायम सिंह यादव अपनी बात सीएम अखिलेश यादव तक पहुंचाने के लिए बार बार गायत्री प्रजापति को निरखते-संबोधित करते रहे.

सरहद की रक्षा करने वाला फौजी और उसके परिजन यूपी में सुरक्षित नहीं (देखें वीडियो)

यूपी में जंगलराज का आलम ये है कि सेना का एक जांबाज़ जवान यूपी पुलिस से न्याय की मांग कर रहा है और पुलिस कान में तेल डाले सोई है. आगरा के रहने वाले फौजी के घर हुई थी चोरी, लेकिन पुलिस ने अब तक नहीं की कोई कार्रवाही. पीड़ित सैनिक काट रहा है थानों चौकियों के चक्कर. जम्मू-कश्मीर में तैनात अरविन्द कुमार पिछले बीस वर्षों से भारत माता की हिफाज़त बॉर्डर पर खड़े होकर कर रहा है. रविन्द्र के कंधे पर देश की इज्जत और हिफाज़त की जिम्मेदारी है, लेकिन उसका खुद का घर असुरक्षित है.

दरोगा ने किशोर बच्चों की लाशों पर पैर रखकर किया पंचनामा (देखें वीडियो)

चंदौली : गुंडे दरोगा की पूरी तस्वीर देखिए। चंदौली के सकलडीहा थाने का यह दरोगा किशोर बच्चों की लाशों पर पैर रखकर कर रहा है पंचनामा। शुक्रवार को तड़के कोहरे में ट्रेन की चपेट में आकर थे कट गए थे सकलडीहा क्षेत्र के तीन किशोर। मानवीयता को तार-तार करता मनबढ़ दरोगा। खाकी वर्दी पर लगा …

ये दरोगा है या गली छाप गुंडा, देखें वीडियो

ताजनगरी आगरा में एक दबंग दरोगा की दादागिरी का वीडियो वायरल हुआ है। नोटबंदी के बाद बैंको और एटीएम के बाहर पैसा निकालने-बदलने के लिए लोगों की अच्छी खासी भीड़ देखी जा रही है। ताजगंज इलाके में एचडीएफसी बैंक के बाहर भीड़ लगी हुई थी तभी एक दबंग दरोगा बैंक के गेट पर पहुँच कर जबरन लाइन में लग गया। इस पर वहां घंटों से लाइन में लग रहे लोगों ने विरोध किया तो दबंग दरोगा खाकी की हनक दिखाने लगा.

उफ्फ!!! यूपी में इसलिए भी दे दिया जाता है अमिताभ ठाकुर को कारण बताओ नोटिस

उत्तर प्रदेश सरकार ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को एक और कारण बताओ नोटिस भेजा है. यह नोटिस 13 जुलाई 2015 को उनके निलंबित होने के बाद जनता के लोगों द्वारा भेजे गए प्रत्यावेदनों के सम्बन्ध में है. नोटिस में 13 से 21 जुलाई 2015 बीच प्रधानमंत्री और गृह मंत्री, भारत सरकार को आये 09 प्रत्यावेदनों का उल्लेख किया गया है जिनमे अमिताभ के निलंबन के बाद लोगों द्वारा अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए उनकी सुरक्षा और न्याय की मांग की थी.

यूपी के जंगलराज में छेड़छाड़ से डरी रेडियो जॉकी ने लाइव प्रोग्राम में इस्तीफे का ऐलान किया

यूपी के जंगलराज में महिलाएं किस कदर असुरक्षित हैं, इसका वाकया इलाहाबाद में देखने को मिला जब मनचलों ने रेडियो जाकी को सरेआम पॉश इलाके की सड़क पर छेड़ा. घटना से डरी आरजे ने रेडियो पर लाइव कार्यक्रम के दौरान ही इस्तीफा देने की घोषणा कर दी. इलाहाबाद में छेड़खानी और मनचलों से परेशान 93.5 एफएम की आरजे निधि के प्रोग्राम में लाइव ही इस्तीफा देने से हड़कंप मच गया. बाद में लोगों की अपील पर आरजे ने फैसला बदला और नौकरी जारी रखने की जानकारी अपने एफबी पेज पर अपडेट की है.

यूपी में जंगलराज : धरना देने पर पुलिस वाले पीटते रहे, लड़के इंकलाब जिंदाबाद बोलते रहे (देखें वीडियो)

Yashwant Singh : ये वीडियो अंग्रेजों के जमाने का नहीं है. आज की तारीख का है. पुलिस वाले पीटे जा रहे हैं और ये नौजवान इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं. इनका अपराध बस इतना है कि इन्होंने भोपाल में आठ लोगों को फर्जी मुठभेड़ में मार दिए जाने के घटनाक्रम का विरोध करते हुए न्यायिक जांच की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. ढेर सारे पुलिस वाले आए और बिना चेतावनी दिए माइक दरी छीन झपट कब्जे में लेकर युवकों को पीटना शुरू कर दिया.

तो ये है यूपी में यश भारती एवार्ड हथियाने का फार्मूला!

Maheruddin Khan : काफी सोच विचार के बाद इस नतीजे पर पहुंचा हूँ कि यह अनुभव मित्रों के साथ साझा करना चाहिए. गत सप्ताह एक सज्जन मेरे पास आए. मैं उन्हें पहचान नहीं पाया तो उन्होंने बताया कि 20-25 साल पहले नवभारत टाइम्स में मुलाकात होती थी, उस समय आपने मेरी बहुत मदद की थी …

अखिलेश यादव की तारीफ करने वाले उनके चमचे पत्रकार और बुद्धिजीवी यह जरूर पढ़ें…

Chandan Srivastava : यूपी के बेहाल हाल के लिए अखिलेश यादव के पास दो बहाने होते हैं। एक वह खुद बोलते हैं, दूसरा उनके टुकड़ों पर पल रहे चमचे पत्रकार, बुद्धिजीवी आदि बोलते हैं। अखिलेश कहते हैं कि यूपी के आपराधिक वारदातों की कवरेज ज्यादा ही होती है जबकि चमचे कहते हैं अखिलेश के काम में मुलायम, शिवपाल वगैरह अड़ंगा लगाते रहते हैं, समस्या वहीं है। कुल मिलाकर अखिलेश पाक-साफ। आपको ढाई साल पहले ले चलता हूं जब हमारे मुख्यमंत्री के दोस्ताना ने प्रदेश में सैकड़ों लोगों की जान ले ली।

वाकई अखिलेश यादव का ‘काम बोलता है’? पढ़िए इसे और गिनिए, पचास सेकेंड हुए या नहीं!!

Chandan Srivastava : ‘काम बोलता है।’ इस शीर्षक से पचास सेकंड का विडियो आ रहा है जो अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल के कामों का गुणगान होगा। काम बोल रहा है। बाराबंकी से मां-बेटी का अपहरण हुआ। बीती रात को दोनों की लाश मिली है। बेटी की मेरे घर से थोड़ी दूर चिनहट इलाके में और मां की देवां इलाके में। दोनों के साथ बलात्कार किए जाने की भी बात आ रही है।

यूपी में सत्ता के करीबी बड़े अफसरों में भी अंदरखाने शह-मात देने की खूब हो रही लड़ाई!

कल किसी वक्त चर्चा बहुत तेज छिड़ गई कि मुलायम सिंह यादव फिर से सीएम बनेंगे और सारे झगड़े को शांत कराएंगे तो देखते ही देखते यह खबर भी दौड़ने लगी कि मुलायम के सीएम बनने पर दीपक सिंघल तब मुख्य सचिव बनाए जाएंगे. इसके बाद तो कई बड़े अफसरों की हालत पतली होने लगी. दबंग और तेजतर्रार अफसर की छवि रखने वाले दीपक सिंघल की इमेज खराब करने के लिए कई अफसरों की टीम अलग अलग एंगल से सक्रिय हो गई.

यादव कुल में लातम-जूतम : कहीं आईपीएस अमिताभ ठाकुर और पत्रकार यशवंत सिंह के श्रापों-आहों का असर तो नहीं!

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी में भयंकर ड्रामा चरम पर है. सारे चेहरे बेनकाम हो रहे हैं, मुलायम सिंह यादव से लेकर रामगोपाल यादव तक और शिवपाल यादव से लेकर अखिलेश यादव तक. हर कोई स्वार्थ, लिप्सा और सत्ता की चाहत में किसी भी लेवल पर गिरने को तैयार है. जनता हक्की बक्की देख रही है. उधर, कुछ लोगों का कहना है कि आईपीएस अमिताभ ठाकुर व भड़ास फेम पत्रकार यशवंत सिंह जैसे बहादुर, ईमानदार और सरोकारी लोगों के साथ सपा की इस सरकार के राज में जो जो बुरा बर्ताव किया गया, उसकी आहों व बददुवाओं का असर है कि अखिलेश यादव राज बवंडर में है और यादव कुल के किसी भी व्यक्ति का जीवन शांत नहीं रह गया है.

यूपी में जंगलराज : सिपाहियों ने संपादक के मुंह में जबरन डाली शराब, जमकर की पिटाई

उत्तर प्रदेश में जंगलराज चरम पर है. समाजवादी पार्टी के नेताओं में आपसी घमासान का पूरा फायदा पुलिस और प्रशासनिक अफसर उठा रहे हैं. अखिलेश यादव की अनुभवहीनता और अहंकार पूरे प्रदेश को अंधेरे की तरफ ढकेल रही है. कोई किसी की सुनने वाला नहीं है. यूपी के एटा में एक ऐसी घटना हुई है जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. यह एक संपादक के साथ हुआ. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि आम आदमी का क्या हाल होगा. एटा में पुलिस वालों ने एक स्थानीय अखबार के संपादक पर बर्बर जुल्म ढाया.

मथुरा और बनारस में 25-25 मौतों के लिए बुनियादी रूप से स्टेट जिम्मेदार है

Abhishek Srivastava : बीते चार महीनों के दौरान हर महीने कम से कम दो बार जगदीश बहराइच के अपने गांव से मुझे फोन करता रहा। आज फिर उससे बात हुई। हर बार फोन कर के एक ही बात कहता है- बाबूजी, हमार औरत अभी ले नहीं आई। कछु पता लगे तो बतइहो…।” मथुरा में 2 जून को जय गुरुदेव के अनुयायियों पर हुई गोलीबारी के बाद से उसकी औरत और लड़की गायब है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके परिजनों का आज तक पता नहीं लगा। इनके स्‍वयंभू नेता रामवृक्ष यादव की मौत की पुष्टि भी अब तक नहीं हो सकी है।

अगर आप पांडेय जी हैं तो लुटने-पिटने के बावजूद यूपी के थाने में नहीं लिखी जाएगी एफआईआर!

Sushant Jha : मुझे पहले भी लगता था कि Akhilesh Yadav उतने बुरे आदमी नहीं है और ट्विटर का असर वाकई धीरे-धीरे हो रहा है.  ताजा घटना सुनिए. Kumar Alok में वरिष्ठ संवाददाता है DD News में. हमारा पुराना परिचय है, हालांकि वे आभासी रूप से बाएं बाजू वाले हैं. कल उनके साथ लूटपाट हुई, हमला हुआ और वे जख्मी हो गए.

उ.प्र. सपा के किले में दरार : टीपू से टीपू सुल्तान बनने के अखिलेश के मंसूबों पर फिर गया पानी

अलग-अलग चाहर दिवारियों से समय-समय पर झर-झर के बाहर आये बयान जिन्हें पाठकों की सुविधा के लिए, सिलसिलेवार नीचे परोसा गया हैं, तो यही संकेत दे रहे हैं कि “टीपू“ से “टीपू सुलतान“ बनने के अखिलेश (घर परिवार में टीपू) के मंसूबों पर पूरी तरह पानी फिर गया है।

यूपी का शिशु सीएम हर एग्जाम में फेल… जानिए, जनता क्यों नहीं करेगी इन्हें रिपीट…

Yashwant Singh : अखिलेश यादव जैसा बेचारा और धूर्त मुख्यमंत्री खोजे नहीं मिलेगा… बेचारा इसलिए कि खुद कोई फैसला नहीं ले सकते… धूर्त इसलिए कि चोरों और भ्रष्टाचारियों का नेता बन शासन चला रहे लेकिन खुद के बोल ऐसे होते हैं जैसे उनके जैसा इन्नोसेंट कोई दूसरा नेता नहीं. यह धूर्तता ही तो है कि जो आप हो, उसे छुपा कर एक नई लेकिन झूठी छवि निर्मित करने की कोशिश कर रहे हो जिससे जनता भ्रमित होकर बहकावे में आकर वोट दे जाए… सबको पता है कि अगली बार भी सीएम बने तो यही सब चोर उचक्के लुटेरे मंत्री बनेंगे और यही सब काकस घेरे रहेगा… ऐसे में सिवाय एप्प लांच करने और खुद की मार्केटिंग-ब्रांडिंग करने के, दूसरा कोई काम नहीं होगा… हां, जंगलराज इससे भी भयानक रूप में बदस्तूर जारी रहेगा… सारी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए एंड्रायड स्मार्ट फोन देने का जो नारा अखिलेश ने दिया है, वह एक तरह से वोट पाने के लिए रिश्वत देने जैसा है जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल किया जाना चाहिए. आप पांच साल के जंगलराज को एक स्मार्टफोन देकर नहीं ढंक सकते.

एक हरामखोर दरोगा की करतूत (देखें वीडियो)

Yashwant Singh : एक हरामखोर दरोगा की हरकत देखना चाहेंगे? देखेंगे तो आप भी कहेंगे कि ये सच में हरामखोर है. आधी रात के बाद नशे में झूमता दरोगा अपनी सिपाही मंडली के साथ एक मकान के बाहर पहुंचता है और बंधे हुए कुत्ते की टांग पर डंडा डंडा मारता है. कुत्ते की चीख चिल्लाहट पर घर की महिलाएं बाहर निकलती हैं तो वह जमकर गाली गलौज करता है और घर के एक पुरुष सदस्य की गिरफ्तारी की बात कहते हुए घर में घुस जाता है. उसके पहले घर के बाहर भोंक रहे एक कुत्ते पर अपने सर्विस रिवाल्वर से फायर झोंक देता है. घर में घुसकर यह दोरगा महिलाओं को गंदी गंदी गालियां देता है.

यूपी में जंगलराज : एसडीएम अतुल प्रकाश श्रीवास्तव ने रिटायर सैनिक को गिरा कर पीटा (सुनें टेप)

रामजी मिश्र ‘मित्र’, सीतापुर

यूपी में जंगलराज का आलम ये है कि अफसर खुद को भगवान समझने लगे हैं. उनकी आंखों पर सत्ता और पद का नशा चढ़ा हुआ है. एक एसडीएम ने सेना से रिटायर सूबेदार को गिरा गिरा कर पीटा. बाद में खुद यह बात एसडीएम बड़े गर्व से बताता रहा कि उसने गिरा गिरा कर बहुत पीटा. अठारह साल तक भारतीय सेना में कार्य करने वाले और ग्लेशियर में भी तैनात रहे सच्चिदानंद (सूबेदार) ने को उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की महोली तहसील के एसडीएम ने जमकर पीटा.

अखिलेश यादव की कहानी से याद आये राजीव गांधी!

अनेहस शाश्वत
23 जून, 1980 की सुबह रेडियो पर एक समाचार आया और सन्नाटा छा गया। समाचार यह था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के छोटे पुत्र और उनके सम्भावित उत्तराधिकारी कांग्रेस नेता संजय गांधी का दुर्घटना में निधन हो गया। इस दारुण दुख के आघात से उबरी इन्दिरा गांधी ने सिर्फ इतना कहा कि-‘‘मेरे साथ इससे ज्यादा बुरा और क्या हो सकता है।’’ लेकिन किन्हीं भी परिस्थितियों में न डिगने वाली भारतीय मानसिकता की इन्दिरा गांधी ने तत्काल अपने बड़े पुत्र राजीव गांधी को अपना उत्तराधिकारी चुनकर प्रषिक्षण देना शुरू किया। अभी यह प्रशिक्षण चल ही रहा था कि दूसरी दुर्घटना घटी और 31 अक्टूबर, 1984 को इन्दिरा गांधी की हत्या कर दी गयी। चूंकि सारी गोटें इन्दिरा गांधी बिछा चुकी थीं और उनके सिपहसालार भी जांनते थे कि उनका भविष्य वंशवादी शासन में ही सुरक्षित है। इसलिए तत्काल राजीव गांधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला दी गयी।

मायावती की तरह अखिलेश यादव ने भी दाग धोने के वास्ते समय गलत चुना है…

Arvind K Singh : लक्ष्मण सिलवेनिया के बल्ब का एक विज्ञापन कभी काफी लोकप्रिय था- सारे घर के बदल डालूंगा। कुछ ऐसा ही अखिलेश यादव भी कर रहे हैं। नयी योजनाएं ला रहे हैं ताकि पुराने वायदों को लोग भूल सकें। लोगों को चुन-चुन कर हटा रहे हैं। ये काम वाकई बुरे नहीं है, बस मायावती की तरह समय गलत चुना है। उत्तर प्रदेश अब चुनाव के मुहाने पर खड़ा है। कितना भी पुनीत काम करेंगे वह सब चुनावी अभियान का ही हिस्सा माना जाएगा।

यूपी में अवैध खनन का कारोबार सीएम आफिस से संचालित, अखिलेश को इस्तीफा देना चाहिए

मुख्यमंत्री कार्यालय की भी हो सीबीआई जांच…. उत्तर प्रदेश में जंगलराज है। यहां अवैध खनन का कारोबार तक सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से संचालित किया जाता रहा है। इसमें लगे सिंडीकेट और माफियाओं को मुख्यमत्री कार्यालय का संरक्षण मिलता रहा है। यहां तक कि अवैध खनन रोकने की जिस अधिकारी ने कोशिश की उसका तबादला तक सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय के दखल से कर दिया गया। सोनभद्र जनपद में ही 27 फरवरी, 2012 को 6 मजदूरों की अवैध खनन के कारण दब कर मौत के दर्दनाक हादसे के बाद खनन की अनुमति न देने वाले तत्कालीन जिलाधिकारी, डीएफओ ओबरा और कन्ज़र्वेटर वन विभाग मिर्जापुर को एक ही दिन में मुख्यमंत्री कार्यालय के दखल से हटा दिया गया था। इसलिए हाईकोर्ट द्वारा अवैध खनन की सीबीआई जांच से घबराई सपा सरकार द्वारा खनन मंत्री को बर्खास्त करना पर्याप्त नहीं है।

यूपी में जंगलराज : जेल के चिकित्साधिकारी को क्यों है मौत का अंदेशा, पढ़िए पूरा पत्र

सेवा में
महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
महानिदेशालय स्वास्थ्य भवन लखनऊ उ.प्र.
विषय – हत्या से पूर्व का बयान
महोदय

सविनय निवेदन है कि मैं जिला कारागार फिरोजाबाद में चिकित्साधिकारी के पद पर तैनात हूँ। मैं डायबिटीज का मरीज़ हूँ और सुबह-शाम इन्सुलिन लेता हूँ। जनवरी 2016 में जब मैं नवीन प्रा. स्वास्थ्य केंद्र इटौली पर तैनात था, तब मुझे पैनिक एंग्जायटी की समस्या हो गई थी। ढाई महीने तक नियमित दवा लेने और 21 फरवरी से 22 मार्च तक स्वास्थ्य लाभ हेतु अर्जित अवकाश लेने के बाद में पूरी तरह ठीक हो गया।

उत्तर प्रदेश में जंगलराज : पूर्व आईजी बता रहे हैं यूपी में दलित महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं

हाल में राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान ब्यूरो द्वारा क्राईम इन इंडिया- 2015 रिपोर्ट जारी की गयी है. इस रिपोर्ट में वर्ष 2015 में पूरे देश में दलित उत्पीड़न के अपराध के जो आंकड़े छपे हैं उनसे यह उभर कर आया है कि इसमें उत्तर प्रदेश काफी आगे है. उत्तर प्रदेश की दलित आबादी देश में सब से अधिक आबादी है जो कि उत्तर प्रदेश की आबादी का 20.5 प्रतिशत है. रिपोर्ट के अनुसार देश में वर्ष 2015 में दलितों के विरुद्ध उत्पीड़न के कुल 45,003 अपराध घटित हुए जिन में से उत्तर प्रदेश में 8,358 अपराध घटित हुए जो कि राष्ट्रीय स्तर पर कुल घटित अपराध का 18.6 प्रतिशत है. इस अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर प्रति एक लाख दलित आबादी पर घटित अपराध की दर 22.3 रही और उत्तर प्रदेश की यह दर 20.2 रही.

मोदी की महत्वाकांक्षी ‘ग्राम ज्योति योजना’ के लिए मिले धन का जमकर हो रहा बंदरबांट!

ग्राम ज्योति योजना पर केंद्र और उप्र सरकारें आमने सामने : दिल्ली से मात्र तीन घंटे की दूरी पर स्थित हाथरस के गाँव फ़तेला में 70 साल बाद पहली बार बिजली पहुंची। लालकिले की प्राचीर से प्रधानमन्त्री की इस घोषणा के तत्काल बाद उठा विवाद अभी थमने का नाम नही ले रहा। आज स्थिति ये है कि केंद्र और उ0प्र0 सरकारे अपनी अपनी नौकरशाही के साथ आरोपों की तोपें ताने आमने सामने खड़ी नजर आरही हैं। उ0प्र0 में आसन्न चुनावों के मद्देनजर दोनों ही सरकारों की समर्थक राजनैतिक पार्टियां भी अपनी अपनी सरकारों के समर्थन में लामबंद होने की तैयारियां कर रही हैं। प्रधानमन्त्री की उक्त घोषणा के तत्काल बाद डीवीवीएनएल (दक्षिणांचल विद्युत् वितरण निगम लि0) के महाप्रबन्धक, आगरा की यह टिप्पणी, कि गाँव फ़तेला तो पिछले 30 सालों से रोशन है, प्रधानमन्त्री की साख पर एक काले धब्बे की तरह चिपक गयी है।

जंगलराज और घरेलू झगड़े के आरोपी अखिलेश यादव मीडिया पर निकाल रहे भड़ास

यूपी में अजब गजब राज चल रहा है. सीएम किसी बच्चे की तरह अपनी हर हार का ठीकरा मीडिया पर फोड़ रहा है. प्रदेश में जंगलराज चरम पर है. सरकारी आफिसों में घूसखोरी और भ्रष्टाचार, सपा नेताओं व मंत्रियों की नंगई, सत्ताधारियों के परिजनों की गुंडई, समाजवादी पार्टी के कुनबे में आंतरिक विवाद, महिलाओं का उत्पीड़न और बलात्कार, बाढ़ से परेशान लाखों किसान, पुलिस प्रशासन द्वारा आम जनता की सुनवाई से इनकार… यूपी के बारे में जितना लिखा जाए कम है. लेकिन नौजवान सीएम अखिलेश यादव लंबे चौड़े कई कई पन्ने और कई कई मिनट के विज्ञापन अखबारों-चैनलों में देकर खुद की बढ़िया इमेज गढ़ने-काढ़ने में लगे हैं लेकिन कोई मामला जब उनके सिर के उपर सवार हो जाता है तो वह सारा ठीकरा मीडिया के सिर मढ़ देते हैं…

सपा परिवार में हालात नहीं सुधरे तो मुलायम सम्भाल लेंगे सत्ता की बागडोर

सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के सामने 2017 का चुनाव जीतना मुख्य लक्ष्य है। मीडिया और राजनैतिक विश्लेषकों के सारे पूर्वानुमान ध्यस्त करने और विरोधियों को पटकनी देने में माहिर मुलायम इस मामले में अगर जरूरत हुयी तो अपने पुत्र को भी दर किनारे बिठा देने से भी नहीं चूकेंगे। उनकी पैनी निगाह चुनाव क्षेत्रवार उन क्षत्रपों पर गड़ी हुयी है, जिनका वर्चस्व उस क्षेत्र विशेष के जातीय वोटों को गोलबंद कर सकने में सक्रीय, महत्त्वपूर्ण और प्रभावशाली भूमिका हो सकती हैं। ऐसे क्षत्रपों की पहचान कर उनको अपने राजनैतिक हित साधने के लिए अपने पीछे लामबंद करने की जुगत बिठाने वे इनदिनों मशगूल हैं। फिर चाहे उसकी पृष्ठभूमि का इतिहास कितना ही मटमैला क्यों न हो।

घबराइये कि आप उत्तर प्रदेश में हैं…

संक्रामक बीमारियों का मौसम है इसलिए मुस्कराइये नहीं, बल्कि घबराइये…. क्योंकि आप लखनऊ में हैं। मैं खुद भी तब से बहुत ज्यादा घबराने लगा हूँ, जब दो साल पहले मुझे एक रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। यहाँ समूची व्यवस्था चरमराई हुई है। जब तक आपका वास्ता यहाँ के अस्पताल, थाने, कोर्ट जैसी मूलभूत जरूरतों वाली संस्थाओं और उनके तथाकथित रखवालों यानी डॉक्टर, पुलिस या वकील से नहीं पड़ता तब तक आपको भी मेरी ही तरह शायद यही गुमान होगा कि हमारे लिए सरकार और प्रशासन ने बहुत कुछ इंतेजाम कर रखे हैं।

नभाटा के पत्रकार नदीम ने शिवपाल यादव को पत्र लिख पूछ डाले कई सवाल

Nadeem : आदरणीय शिवपाल यादव जी, यौम ए आज़ादी पर बहुत बहुत मुबारकबाद। आज जश्न का दिन है, कोई शिकवा शिकायत नहीं होनी चाहिए आज के दिन, इसलिए पशोपेश में था कि यह खत आपको लिखूं या नही? लेकिन अख़बारों में पढ़ा आपका बयान हमें मजबूर कर गया आपको खत लिखने के लिये।

सपा नेताओं के स्त्री विरोधी चेहरे को दिखाने वाला यह पोस्टर सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल

सोशल मीडिया पर इन दिनों समाजवादी पार्टी की थू थू हो रही है. सपा के स्त्री विरोधी चेहरे के बखूबी उजागर हो जाने के बाद हर पढ़ा लिखा नागरिक इस पार्टी की भरपूर निंदा कर रहा है. बुलंदशहर गैंगरेप प्रकरण पर आजम खान के बेवकूफी भरे बयान के बाद हर आम ओ खास यह कहने पर मजबूर है कि आखिर सपा के नेताओं को हो क्या गया है, क्या उनके घर में बेटी मां नहीं हैं? सपा की सोच को उजागर करता एक पोस्टर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

यूपी में जंगलराज : बुलन्दशहर से जुड़े सवालों के जवाब चाहिए

उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में नेशनल हाइवे पर गैंगरेप का बेहद ही शर्मनाक मामला सामने आया है। कार में सवार परिवार को बंधक बनाकर वहशी दरिंदो ने मां और बेटी को हवश का शिकार बनाया है। सामूहिक दुष्कर्म की यह खौफनाक घटना कानून के शासन को कलंकित करने और सभ्य समाज को लज्जित करने वाली हैं। रूह को कंपा देने वाली इस घटना ने एक बार फिर नारी अस्मिता को कुचला है। एक बार फिर नारी की इज्जत को तार-तार किया गया। उस डरावनी एवं खौफनाक रात्रि की कल्पना ही सिहरन पैदा करती है कि परिवार के सदस्यों के सामने किस तरह एक मां-बेटी को अगवा किया और फिर बंधक बनाकर गैंगरेप किया गया।

यूपी में जंगलराज : अखिलेश यादव के राज में अपराधियों का मनोबल चरम पर

यूपी के बुलंदशहर में दिल्ली-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बंधक बनाकर मां-बेटी से गैंगरेप और लूटपाट कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी एक-दो नहीं हजार से भी अधिक ऐसे मामले है, जिसमें गैंगरेप, लूट, हत्या, डकैती, बच्चियों संग बलातकार जैसी वारदाते हुई है। इन घटनाओं में संलिप्त अपराधियों को धर दबोचने के बजाय सपाई गुंडों संग मिलकर पैसा बनाने में जुटे पुलिसकर्मी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति ही की है। चार-छह घटनाओं को छोड़ दें तो हरेक घटनाओं में निर्दोषों की गिरफ्तारी दिखाकर पुलिस न सिर्फ वाहवाही लूटी बल्कि अवैध वसूली का कुछ हिस्सा सत्ताई कुनबे को पहुंचाकर न मलाईदार थानों में तैनाती के साथ तरक्की का तगमा भी हासिल कर ली या करने वाले है।

यूपी में मंत्री ने अफसर को दी मां-बहन की गालियां (सुनें टेप)

यूपी में समाजवार्दी पार्टी की सरकार के मंत्री बेलगाम हैं और पूरा जंगलराज कायम कर रखा है. अखिलेश यादव अपनी इमेज के सहारे इलेक्शन जीतने की तैयारी में लगे हैं लेकिन उनके मंत्री उनकी लुटिया डुबाने के लिए कमर कसे हैं. तभी तो आए दिन मंत्रियों के कारनामों की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है. ताजा मामला सपा सरकार के एक राज्यमंत्री की दबंगई का है.

यूपी में जंगलराज : पत्रकार को कालर पकड़ बाहर निकाला और बोला- ‘जहां चाहे शिकायत कर लो, कुछ न होगा’

यूपी में वास्तव में जंगल राज है। इलाहाबाद में एक पत्रकार को गरियाते धकियाते कालर पकड़कर गैस एजेंसी से बाहर कर दिया गया। साथ ही चेतावनी भी दी गई कि जहां चाहो शिकायत कर दो कुछ नहीं होने वाला। भुक्तभोगी पत्रकार ने थाने जाकर घटना की तहरीर दी पर पांच दिन बाद भी मुकदमा दर्ज करने को कौन कहे, पुलिस प्राथमिकी तक दर्ज नहीं कर सकी है। मामला इलाहाबाद के नवाबगंज थाना क्षेत्र का है। ‘पत्रकारों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं’ का जोर जोर से गाना गाने वाले ‘क्रांतिकारी पत्रकार’ हों या इलाहाबाद के पत्रकारीय संगठन इस मामले में बगल झांकने और आश्चर्यजनक हद तक चुप्पी साधे हुए हैं।

अखिलेश यादव जी सुनहरे विज्ञापनों से उत्तर प्रदेश की वास्तविकता छुपाना चाहते हैं!

अवधेश पाण्डेय : आज के द इण्डियन एक्सप्रेस अखबार के साथ सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा प्रकाशित 24 पेज का टेबलायड विज्ञापन आया है, जिसमें पंपिंग सेट का फोटू चेप कर उसे अखिलेश सरकार की उपलब्धि बताया गया है। दूसरे पेज पर एक कविता छपी है, जिसमें कहा गया है कि महिलाएँ बेखौफ बाहर जाती हैं और हवा में भाईचारा घुला हुआ है। आँखो में सीधे सीधे धूल झोंकने का काम उस हाईटेक गौतमबुद्ध नगर जिले में हो रहा है, जहाँ कि महिलाओं ने आभूषण पहनने बंद कर दिये हैं और अभी कल ही एक व्यक्ति के परिवार पर गौकशी की प्राथमिकी दर्ज हुई है। अपना मानना है कि अखिलेश जी वह धूलझोंकू मुख्यमंत्री हैं, जो सुनहरे विज्ञापनों से प्रदेश की वास्तविकता छुपाना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम एक खुला ख़त : आप दोबारा उत्तर प्रदेश के सीएम न बनें

आदरणीय अखिलेश यादव जी,
मुख्यमंत्री
उप्र सरकार

सबसे पहले तो मैं आपको अपने बारे में बता दूं। मैं उसी उत्तर प्रदेश का एक साधारण सा नागरिक हूं, जिसके आप मुख्यमंत्री हैं। काम से ‘जर्नलिस्ट’ हूं, आपका प्रशंसक हूं और आज भी इस मुगालते में जी रहा हूं कि मेरा पेशा लोगों की आवाज़ उठाना है। मैंने कभी आपसे सीधे मिलने की कोशिश नहीं की, न ही इस तरह का कोई पत्र कभी लिखा। हालांकि कई बार मेरा मन कहता था कि आपको लिखूं, कभी आपकी प्रशंसा करूं या कभी जोर से चीखूं कि यह क्या तमाशा लगा रखा है!

यूपी में इतनी स्वायत्तता के बाद भी ऐसी कमजोर सरकार पहले कभी नहीं दिखी

Arvind K Singh : उत्तर प्रदेश के इतिहास में पंडित गोविंद बल्लभ पंत से लेकर मायावती तक तमाम मुख्यमंत्री रहे। लेकिन अखिलेश यादव को जैसा ऐतिहासिक मौका मिला था वैसा किसी और को नहीं। कुछ महीनों पांचतारा रथ यात्रा में प्रदेश देखा और थाली में उनको राज्य की सत्ता सौंप दी गयी। लेकिन इस सत्ता से वे जो सामाजिक आर्थिक बदलाव करके दुनिया के प्रशासकों में अपना नाम लिखा सकते थे वह नहीं कर पाए।

यूपी के कैबिनेट मंत्री ने फोन पर गाली दी तो भड़क उठा दरोगा (सुनें टेप)

यूपी में जंगलराज का आलम ये है कि एक तरफ अफसर बेलगाम हैं तो दूसरी ओर मंत्री. हर कोई अपने से नीचे वाले को गरियाने, सताने में लगा है. ताजा मामला यूपी के कैबिनेट मंत्री राममूर्ति वर्मा से जुड़ा है जिन्होंने फोन पर एक दरोगा को मां की गाली दे दी तो भड़के दरोगा ने पूरी शिद्दत से न सिर्फ प्रतिरोध दर्ज कराया बल्कि मंत्री जी को गाली न देने की नसीहत तक दे दी.

यूपी में जंगलराज : एबीपी न्यूज के पत्रकार को बाराबंकी पुलिस ने पीटा (देखें वीडियो)

खाकी की दबंगई का शिकार बना पत्रकार…. शहर कोतवाल, दरोगा और छह सिपाहियों ने पत्रकार को जमकर पीटा… दबंगई का वीडियो मोबाइल में हुआ कैद

जबसे सूबे में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है तबसे आए दिन पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं| कुछ ऐसा ही ताज़ा मामला आया है उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद से| यहां के इलेक्ट्रानिक मीडिया के एक पत्रकार के साथ बाराबंकी पुलिस ने सिर्फ बदतमीज़ी ही नहीं की बल्कि जमकर पिटाई भी की| पत्रकार से हुई पिटाई और अभद्रता के बाद जिले के सभी पत्रकारों ने एक स्वर में विरोध प्रदर्शन किया| जिलाधिकारी से मिलकर जनपद के पत्रकारों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाई की मांग की है|

यूपी में जंगलराज : जिला अस्पताल में डाक्टर को पीटा, आरोपियों को बचा रहे सत्ताधारी (देखें वीडियो)

Yashwant Singh :  ये वीडियो देखिए। यूपी में जंगलराज का नमूना। एक डॉक्टर की पिटाई। पीटने वाले यूपी सरकार के मंत्री जी और सपा नेताओं के करीबी हैं इसलिए पुलिस इनका कुछ नहीं बिगाड़ पायी। उलटे डॉक्टर साब का खून और पेशाब टेस्ट हो गया क्योंकि पीटने वालों ने आरोप लगा दिया कि डॉक्टर नशे में था, इसलिए पीटना पड़ा। जांच रिपोर्ट नार्मल आई यानि डॉक्टर नशे में नहीं था। उधर डॉक्टर cctv फुटेज दिखा कर कह रहा है कि पहले इन अपराधियों को तो पकड़ो। लेकिन पूरा पुलिस प्रशासन डॉक्टर का खून मल मूत्र निकालने में जुटा रहा।

सपा आलाकमान ने अखिलेश और शिवपाल में विवाद की खबरें पेड मीडिया में जानबूझ कर प्रायोजित कराई हैं!

Sneh Madhur : मीडिया चीख-चीखकर कह रहा है कि उत्तर प्रदेश में मंगलवार को बलराम यादव को मंत्री पद से इसलिए हटा दिया गया क्योंकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पसंद नहीं था कि माफिया छवि वाले नेता मुख्तार अंसारी का परिवार समाजवादी पार्टी में शामिल हों. अखिलेश यादव की कोशिश है कि उनकी खुद की छवि यादव परिवार के अन्य सदस्यों से अलग नज़र आये. कहा जा रहा है कि बलराम यादव ने मुख्तार एंड फॅमिली को सपा में शामिल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी इसलिए उनको जप लिया गया.

चाचाओं शिवपाल और रामगोपाल को बचाने के लिए ही अखिलेश मथुरा कांड की सीबीआई जांच का आदेश नहीं दे रहे!

जयगुरुदेव के साम्राज्य पर कब्जे को लेकर शिवपाल-रामगोपाल के बीच ‘लड़ाई’ से हुआ मथुरा में महाभारत

इटावा के तुलसी यादव यानी जयगुरुदेव ने देश-दुनिया के 20 करोड़ भक्तों से चंदा लेकर सिर्फ यूपी में 15 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का साम्राज्य खड़ा कर लिया। चार साल पहले 18 मई 2012 को जब जयगुरुदेव का निधन हुआ तो उनके तीन चेलों के बीच अरबों के खड़े साम्राज्य पर कब्जे को लेकर होड़ मच गई। चूंकि मुलायम कुनबे के गृह जनपद इटावा से जयगुरुदेव जुड़े थे, चेले भी यहां से जुड़ाव रखते थे तो रामगोपाल और शिवपाल यादव की भी संपत्ति पर नजर पड़ गई। उन्होंने बाबा जयगुरुदेव के एक-एक चेले को अपना मोहरा बनाया ताकि अप्रत्यक्ष रूप से संपत्ति पर कब्जा जमायाा जा सके।

सपा के दर्जा प्राप्त मंत्री ने डीपीआरओ से कहा- ‘मेरा काम करो और नौकरी करना सीखो वरना तांडव मचा दूंगा’ (सुनें टेप)

उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मद्य निषेद परिषद के चेयरमैन कुलदीप उज्जवल ने बागपत जिले के जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) को फोन पर धमकाने हुए कहा- ”तुमने मेरा असली रूप नहीं देखा है… मैं तांडव मचा दूंगा.  मैं डीपीआरओ, सीडीओ, डीएम सबको नौकरी करना सिखा दूंगा’.

आईजी अमिताभ ठाकुर ने यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन को बेशर्म कहा

Amitabh Thakur : यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन पर 02 क्लास IV कर्मियों को अवैध रूप से घरेलू काम पर रखते हुए, अपने लड़के की शादी में एक बिल्डर द्वारा दिए गए 30 लाख के हीरों का हार चोरी होने के शक में, उन सरकारी कर्मियों को 02 माह के अवैध पुलिस हिरासत में …

सोशल मीडिया पर वायरल हो गई यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन की क्रूर कथा

मुख्‍य सचिव आलोक रंजन को हार चाहिए, न मिले तो नकद तीस लाख रुपया दो… चोरी के आरोप में दो महीनों तक अवैध हिरासत में रखा अपने दो घरेलू नौकरों को… इसी सारे मामले से जुड़ी है लखनऊ के एसएसपी के तबादले की इंटरनल स्टोरी….

भाड़ की औकात बता दिया अकेले चने ने, अमिताभ ठाकुर को बधाई….

Braj Bhushan Dubey : भाड़ की औकात बता दिया अकेले चने ने। अमिताभ ठाकुर को बधाई…. मुख्‍यमंत्री जी के पिता पर अपराध दर्ज कराने से लेकर अपराधी, तस्‍कर, रिश्‍वतखोरों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने वाले अमिताभ ठाकुर सीएम व उनके परिवार का कोप भाजन बन दस माह तक निलम्बित रहे। सत्‍याग्रह, लिखना पढना और उचित …

यूपी में जंगलराज : लाख रुपये न देने पर पुलिस वालों ने पीटकर मार डाला और लाश हवालात में टांग दिया

यूपी की संभल पुलिस का बर्बर चेहरा… युवक की हवालात में मौत… परिजनों ने पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप… हवालात के शौचालय में फाँसी पर झूलता मिला युवक का शव… पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी समेत सात पुलिस कर्मियो को किया निलंबित… मजिस्ट्रेटी जाँच के दिए आदेश… परिजनों ने काटा हंगामा…. भारी पुलिस बल मौके पर तैनात… कई थानों की पुलिस को बुलाया गया…  

परमवीर चक्र विजेता के गांव में इस नेत्रहीन दंपति की दुर्दशा देखिए

गाजीपुर : पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले और राष्ट्रीय क्षितिज पर जिले का गौरव स्थापित करने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के गांव का नेत्रहीन दंपति एक अदद शौचालय के लिये तरस रहा है. एक दूसरे का हाथ पकड़ कर ये दंपति शौच के लिये बोतल में पानी लेकर खेतों में जाते हैं. खेतों तक जाने में उन्हें आधा किलो मीटर की दूरी तय करने के लिए काफी वक्त व्यतीत करना पड़ता है. सामाजिक कार्यकर्ता ब्रजभूषण दूबे ने सवाल उठाया कि आखिर गांवों में कहां बने हैं शौचालय और कहां है स्वच्छता अभियान? साथ ही उन्होंने इस नेत्रहीन दंपति की दुर्दशा के लिए उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार, लूट और जंगलराज की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसके लिए अखिलेश सरकार को अपराधी करार दिया.

उत्तर प्रदेश में भूख से मर गया किसान कमलेश बघेल, प्रशासन साजिश और लीपापोती में जुटा

अन्नदाता की बेहाली का आलम देखना हो तो एटा जिले में आवागढ़ थाना क्षेत्र के नगला गलुआ आइए जहां चालीस वर्षीय किसान कमलेश बघेल ने भूख के चलते अपने प्राण त्याग दिए. परिजनों के मुताबिक पिछले सात आठ दिनों से अन्न के लिए वह तरस रहा था और भूख के चलते उसकी मौत हो गयी. परिवार में पत्नी शारदा, चार बेटे और एक बेटी की जिम्मेदारी से कमलेश टूट गया था. बैंक का कर्ज और पांच बीघा खेत में दो बीघा खेत भट्टे को दे देने के बाद कमलेश के पास तीन बीघा जमीन बची थी जिस पर दस कुंतल गेंहू हुआ था.

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (TMU) में फिर एक मेडिकल छात्रा का शव पंखे से लटका मिला

तीन साल पहले भी टीएमयू में एमबीबीएस छात्रा की संदिग्ध हालात में लाश मिली, रेप कर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई, तब परिजनों ने टीएमयू के चांसलर सुरेश जैन और पुत्र मनीष जैन के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई, मामले की सीबीआई जांच जारी

मुरादाबाद : उत्तर प्रदेश के जंगलराज में फिर एक होनहार छात्रा की जान जाने की सूचना मिली है। मुरादाबाद में दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे पर स्थित तीर्थाकंर महावीर यूनिवर्सिटी (टीएमयू) में मेडिकल छात्रा दीक्षा अग्रवाल का शव टीएमयू परिसर के गर्ल्स हॉस्टल के कमरे में लटका मिला। छात्रा की उम्र 22 साल है। पिता का नाम संतोष अग्रवाल है जो लालकोला पश्चिम बंगाल के निवासी हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शनिवार की सुबह लगभग नौ बजे विश्वविद्यालय प्रबंधन की तरफ से सूचना मिलते ही थाना पाकबडा पुलिस फॉरैसिंक जांच दल को लेकर मौके पर पहुंच गई।

यूपी के जंगलराज से भयमुक्त होने के लिए वरिष्ठ पत्रकार ने अपनाया था यह नायाब तरीका

Shambhunath Shukla : तीव्र शहरीकरण किसी इलाके को हुआ है तो वह शायद एनसीआर का इलाका ही होगा। देखते ही देखते दिल्ली के करीब बसे नोएडा व गाजियाबाद में इस तेजी से बहुमंजिली इमारतें खड़ी हुई हैं कि यह पूरा इलाका कंक्रीट के जंगल में ही बदल गया है। इसमें भी गाजियाबाद जिले का इंद्रा पुरम इलाका तो अव्वल है। अभी ज्यादा दिन नहीं बीते जब यहां से गुजरने मेें दिन को भी डर लगता था। मैने यहां पर अपना 200 मीटर का एक भूखंड इसलिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को वापस कर दिया था क्योंकि 1993 में उन्होंने इस भूखंड के लिए 264000 रुपये मांगे थे जो कि मेरे लिए बहुत ज्यादा रकम थी और मैने वह आवंटित भूखंड सरेंडर कर दिया।

बलिया में डकैतों से खूब लड़ीं ये बहादुर महिलएं, पुलिस साबित हुई नपुंसक (देखें वीडियो)

यूपी में जंगलराज का सच सब जानते हैं लेकिन प्रदेश सरकार सब जान कर भी कान में तेल डाले बैठी है. भ्रष्टाचार का आलम यह है कि यूपी पुलिस के अंदर की जांबाजी और बहादुरी गायब हो चुकी है. सबकी नजर सिर्फ वसूली और लेन-देन, गेटिंग-सेटिंग पर है. यही कारण है चोरों से लेकर बलात्कारी, डकैत, हत्यारे सरेआम वारदात कर रहे हैं और पुलिस नपुंसक बनी बैठी रहती है. अपराधियों के बुलंद हौसले और पस्त पुलिस का सीन बलिया में देखने को मिला.

यूपी के खराब सूचना आयुक्तों के नाम का खुलासा : मुलायम के समधी अरविन्द बिष्ट टॉप पर, जावेद उस्मानी नंबर दो

लखनऊ : येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव और सामाजिक कार्यकत्री उर्वशी शर्मा, आरटीआई कार्यकर्ता तनवीर अहमद सिद्दीकी, आरटीआई विधिक सलाहकार और उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ के अधिवक्ता रुवैद कमाल किदवई और आरटीआई एक्सपर्ट आर.एस. यादव ने आज लखनऊ में एक प्रेस वार्ता को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए सबसे खराब सूचना आयुक्त पता लगाने के वास्ते किए जा रहे सर्वे के परिणाम सार्वजनिक किये. सर्वे के आधार पर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के समधी सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह बिष्ट को सूबे का सबसे खराब सूचना आयुक्त बताया गया है तो वहीं जन सूचना अधिकारियों द्वारा आरटीआई आवेदनों के निस्तारण में की जा रही हीलाहवाली आरटीआई एक्ट के क्रियान्वयन की सबसे बड़ी बाधा के रूप में सामने आयी है.

यूपी में जंगलराज : गरीबी, कर्ज और भूख से त्रस्त किसान झिनकू पेड़ से लटक मरा

(उपरोक्त तस्वीर पर क्लिक कर संबंधित वीडियो देखें)


-रामजी मिश्र ‘मित्र’-

सीतापुर : कैसे कोई गरीब किसान झिनकू पेड़ पर लटक कर मर जाने में ही मुक्ति देख पाता है, इसे जानना हो तो आपको उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आना पड़ेगा। यहां झिनकू की मौत अफसरों, नेताओं, सिस्टम से ढेर सारे सवालों का जवाब मांग रही है लेकिन सब भ्रष्टाचारी चुप्पी साधे मामले को दबाने में लगे हैं। किसान अन्नदाता होता है। झिनकू भी अन्नदाता था। लेकिन गरीबी, कर्ज और भूख ने उसे ऐसे बेबस किया कि पूरा सिस्टम उसे आत्महत्या की ओर ले जाने लगा।

यूपी में जंगलराज : भ्रष्ट नौकरशाहों पर ‘सरकारी मेहरबानी’

अजय कुमार, लखनऊ

उत्तर प्रदेश के तमाम नौकरशाह भ्रष्टाचार मे लिप्त हैं, लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुईं सरकारें इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाये उन्हें संरक्षण देती हैं। यह सिलसिला लम्बे समय से चलता आ रहा है और कहीं कोई सुबुगाहट नहीं सुनाई दी। जनता,  नेताओं-नौकरशाहों के गठजोड़ से भले ही .त्रस्त हो,  लेकिन सरकारों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। कई दशकों के बाद हाल ही में हाईकोर्ट ने इस गठजोड़ पर सवाल खड़ा करके जनता की उम्मीदों को पंख लगा दिये हैं। मामला सीबीआई की कोर्ट में होने के बाद भी भ्रष्टाचार के आरोपी आईएएस अधिकारी राजीव कुमार के प्रति अखिलेश सरकार जिस तरह ‘प्रेम’ का इजहार कर रही थी,  वह हाईकोर्ट को कतई रास नहीं आया। नाराज कोर्ट ने सरकार से ही इस मेहरबानी कारण पूछ लिया।

समाजवादी राज का सच : मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट नवीन सचिवालय भवन में उडाई जा रही है श्रम कानूनों की धज्जियां

निर्माण मजदूरों की जिदंगी लगी है दांव पर निर्माण मजदूर मोर्चा की जांच टीम की रिपोर्ट

लखनऊ :  ‘अरे साहब आप डाक्टर की बात करते है यहां तो हालत यह है कि यदि कोई मजदूर मर जाए तो लाश का भी पता न चले ठेकेदार उसे अपना मजदूर मानने से ही इंकार कर दे‘ यह बातें शटरिंग का काम करने वाले बाराबंकी के एक निर्माण मजदूर ने आज उ0 प्र0 निर्माण मजदूर मोर्चा की जांच टीम से कहीं। जांच टीम उ0 प्र0 के मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट और विधानसभा के ठीक सामने बन रहे नवीन सचिवालय भवन में निर्माण मजदूरों की कार्यस्थितियों की जांच करने के लिए वहां गयी थी। इस टीम में यू0 पी0 वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर, निर्माण मजदूर मोर्चा के जिलाध्यक्ष बाबूराम कुशवाहा, जिला उपाध्यक्ष राम सुदंर निषाद और केश चंद मिश्रा शामिल थे। जांच टीम ने देखा कि उ0 प्र0 निर्माण निगम द्वारा बनवाए जा रहे नवीन सचिवालय में भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्त विनियमन) अधिनियम 1996, उ0 प्र0 भवन एवं सन्निर्माण (नियोजन तथा सेवा शर्त विनियमन) नियम 2009 के प्रावधानों की खुलेआम धज्जियां उडाई जा रही है।

समाजवादी नवरात्र शुरू : एमएलए के भतीजे ने सरेआम नंगा किया अनाथ किशोरी को

: विन्‍ध्‍य-क्षेत्र में देवी उपासना, विधायक पूजा में और भतीजा चीर-हरण में : भदोही में सीए की पढाई करती युवती को दी भद्दी गालियां, कपडे फाड़ डाले : नवनीत सिकेरा की कम्पनी 1090 ने शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय पल्‍लू थाने पर झाड़ा : सपा के सांसद अबू आजमी के करीबी और एमएलए जाहिद बेग का भतीजा है सादाब : सिर्फ बेशर्म गिरोहबन्दी करते हैं भदोही के टुच्चे पत्रकार : अमर उजाला और आज ने तीन लाइनों में छापा:- सिर्फ छेड़खानी हुई : नियमित पैकेट हासिल करते हैं जाहिद बेग और विजय मिश्र से पत्रकार : बिटिया को न्याय पर चील मंडराये, पत्रकारों ने क्‍या इस मसले पर वाकई छोड़ दी अपनी कमीनगी : पुलिस अब तक नहीं गिरफ्तार कर सकी : पुलिस अधीक्षक का दावा- कोर्ट के पहले ही दबोचेंगे सादाब को : सपा विधायक के खेमे ने प्रशासन-पत्रकारों से की प्रभावी रणनीतियों की पेशकश : जनदबाव बढ़ा तो बिकाऊ पत्रकारों ने फिर थाम ली अपनी-अपनी कलम : दल्ला-भांड़ पत्रकार जो होता है वह वाकई दल्ला ही रहता है हमेशा : पत्रकार बनने का मकसद रौब ऐंठना-दलाली, खबरों से वास्ता नहीं : बेबस जनता, दबंग नेता, बेईमान पुलिस और तलवाचाटू पत्रकार :

यूपी में जंगलराज : जिंदा जलाए गए यासीन की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत

लखनऊ । बाराबंकी, हैदरगढ़ के मो0 यासीन की जमीनी विवाद में जिंदा जला देने की वजह से सिविल अस्पताल लखनऊ में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। यह खबर आज सुबह उनके परिजनों ने रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब को दी। यासीन की मृत्यु की खबर के बाद रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव, शबरोज मोहम्मदी, शकील कुरैशी, सामाजिक कार्यकर्ता नाहिद अकील, सृजन योगी आदियोग, इंसानी बिरादरी के वीरेन्द्र गुप्ता आदि सिविल अस्पताल लखनऊ पहुंचे।

जानिए, मोदी का मूड बिगड़ा तो किस तरह चौटाला के बगल वाली बैरक में पहुंच जाएंगे मुलायम!

ये ‘सीबीआई प्रमाड़ित ईमानदार’ क्या होता है नेताजी? सौदेबाज मुलायम का कुनबा 26 अक्टूबर 2007 से वाण्टेड है, क़ानूनी रूप में सीबीआई की प्राथमिक रिपोर्ट के बाद 40 दिनों में एफआईआर हो जानी चाहिए थी. चूँकि सीबीआई सत्ता चलाने का टूल बन चुकी है, सो सीबीआई कोर्ट पहुँच गई एफआईआर की परमीशन मांगने। उस वक्त …

यूपी में जंगलराज : बाराबंकी के यासीन को जिंदा जलाने के लिए सपा नेता व पुलिस जिम्मेदार

  • पीड़ित की मां व भाई पर दर्ज फर्जी मुकदमा वापस लेते हुए उन्हें तत्काल रिहा किया जाए
    दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए
    पीड़ित यासीन से लखनऊ सिविल अस्पताल में रिहाई मंच ने की मुलाकात

लखनऊ 10 अप्रैल 2016। बाराबंकी के हैदरगढ़ के मो0 यासीन जिनको सपा के दबंगों ने तेल छिड़कर जिंदा जलाने की कोशिश की उनसे रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव व शबरोज मोहम्मदी ने सिविल अस्पताल लखनऊ में मुलाकात की। बाराबंकी के वरिष्ठ अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा सपा संरक्षित स्थानीय दंबग और पुलिस का गठजोड़ इसके लिए जिम्मेदार है। मंच ने कहा कि एक शख्स के जिंदा जलाने की घटना जिसमें सपा मंत्री व पुलिस पर सवाल उठ रहा है उसके सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध न होना साफ करता है कि पुलिस न सिर्फ खुद को बचा रही है बल्कि हर संभव दबाव भी बनाने की कोशिश कर रही है।

सूखे और कर्ज की मार झेल रहे यूपी के एक किसान ने नातिन की शादी से हफ्ते भर पहले कर लिया सुसाइड

सूखे से तप रहे यूपी के बेहाल बुंदेलखंड में किसान के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं है शायद! इस मृतक किसान को नातिन की शादी करनी थी। धन का प्रबन्ध नही कर पाया तो ‘मेरा चोला हो लाल बसंती, सूख रही बुन्देली धरती’ कहते फांसी पर झूल गया! इसने बैंक से क्रेडिट कार्ड का 50 हजार का कर्ज लिया था जो चुकता नहीं हुआ!

थू है यूपी की ऐसी चापलूस पत्रकारिता और ऐसे बेशर्म नेताओं पर

बीते दिनों उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चित्रकूट दौरे पर थे. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जहाँ वहां के पत्रकारों को जमीन पर नीचे बिठा दिया गया, वहीं खुद सीएम कुर्सी में बैठे पीसी लेते रहे. इस वाकये से छत्तीसगढ़ के पत्रकार योगेश स्तब्ध और ग़मज़दा हैं, एक पत्रकार होने के साथ ही पत्रकारिता का छात्र होने के नाते… पढ़िए उनका विश्लेषण….

यूपी में जंगलराज : मंत्री के गुर्गों ने पत्रकार को दौड़ाकर पीटा

वेस्ट यूपी के बागपत जिले के बड़ौत इलाके से खबर है कि मंत्री के गुर्गों ने एक पत्रकार को दौड़ा दौड़ा कर पीटा. मीडियाकर्मी का आरोप है कि एक खबर को प्रकाशित ना करने को लेकर गन्ना बीज विकास निगम के चेयरमैन के गुर्गो ने उस पर हमला करवाया है. पत्रकारों की समस्याओं के लिए हेल्पलाइन जारी करने वाले सूबे के मुखिया अखिलेश यादव के जंगलराज की असल तस्वीर यह है कि इनके मंत्री अपनी कार से उतर कर पत्रकारों को पीट रहे हैं.

यूपी में जंगलराज : तंजील की हत्या बिगड़ी कानून व्यवस्था एक और नमूना

…2007 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को इसलिये हार का सामना करना पड़ा था, क्योंकि तब प्रदेश में जंगलराज जैसे हालात थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया था, यही समस्या अखिलेश सरकार के साथ है…

अजय कुमार, लखनऊ

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के डीएसपी मोहम्मद तंजील अहमद की जिस तरह से एक शादी समारोह से लौटते समय मौत के घाट उतारा गया वह शर्मनाक तो है ही इस तरह की वारदातें कई गंभीर सवाल खड़े करती है। खासकर तब तो और भी आश्चर्य होता है जब ऐसे हादसों के समय सियासतदार चुप्पी साध लेते हैं कथित धर्मनिरपेक्ष शक्तियां की जुबान पर ताला लग जाता है। उम्मीद तो यही की जा रही थी शहीद डीएसपी तंजील की मौत के बाद फिजाओं में तुम कितने तंजील मारोगे, घर-धर से तंजील निकलेगा’ का नारा गूंजेगा। यह तंजील को सच्ची श्रद्धांजलि होती, लेकिन नारा लगाना तो दूर चंद लोगों के अलावा तंजील के घर जाकर उनके परिवार के आंसू तक पोछना किसी ने जरूरी नहीं समझा। तंजील की हत्या आतंकवादी साजिश थी या फिर कोई और वजह, इसका खुलासा देर-सबेर हो ही जायेगा। 

यूपी में जंगलराज : पुलिस ने चोरी के आरोप में दो मुस्लिम युवकों को उठाया और हिरासत में पीट कर मार डाला

उत्तर प्रदेश का हाल बेहद खराब है. भ्रष्ट शासन से संरक्षित भ्रष्ट पुलिस कोई भी कांड कर दे रही है. ताजा मामला पीलीभीत का है। यहां दो मुस्लिम युवकों की हिरासत में हत्या कर दी गई। क्या इसके लिए अखिलेश सरकार जिम्मेदार नहीं है? अगर यही कांड भाजपा के किसी राज्य में होता तो पूरे मामले को देश भर के मुस्लिम भाजपा की सांप्रदायिक सोच और फासिज्म से जोड़ते लेकिन यह कांड उत्तर प्रदेश में हुआ है जहां समाजवादी पार्टी की सरकार है, जिसमें आजम खां शामिल है तो मुस्लिम इस कांड पर चुप्पी साध जाएंगे।

सोशल मीडिया पर वायरल हो गई यूपी में समाजवाद की नई परिभाषा वाली पोस्ट, पढ़िए लोहिया क्यों हैं शर्मसार

  फेसबुक, ट्विटर और ह्वाट्सअप पर एक पोस्ट बहुत तेजी से वायरल हुई है. लोग इसे एक दूसरे को खूब सेंड-फारवर्ड कर रहे हैं. दरअसल कुछ रोज पहले मुलायम सिंह यादव खानदान में बहू बनकर आईं अपर्णा यादव को भी सपा ने अगले विधानसभा का टिकट देने का ऐलान कर दिया तो देश भर के …

सीतापुर में दलित बस्ती को खाक कर दिया जाना अखिलेश के जंगलराज का ताजा उदाहरण

दलित बच्चों को जिंदा जलाना अखिलेश के समाजवाद का सामंती चेहरा… अखलाक के हत्यारों को क्लीन चिट दिलवा रही है सपा सरकार…

लखनऊ 22 मार्च 2016। सीतापुर के लहरपुर थाने के पट्टी देहलिया गांव में दलित बस्ती के 35 घरों में आग लगाने और 2 मासूम बच्चों के जिंदा जला दिए जाने को रिहाई मंच ने सपा सरकार में दलितों और गरीबों पर हो रहे हमलों का ताजा उदाहरण बताया है। मंच ने कहा कि सपा सरकार के चार साल पर हुई यह जघन्य घटना सीतापुर के रेवसा के बिंबिया गांव में 8 मार्च 2012 को सपा को जनादेश मिलने के बाद दलितों के 13 घरों के जला दिए जाने की घटना की याद दिलाती है। जिसे सपाईयों ने इसलिए अंजाम दिया था कि दलितों ने सपा को वोट नहीं दिया था।

टीवी और अखबारों में अखिलेश यादव की चापलूसी के लिए होड़ मची, पढ़िए राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित गुणगान

लखनऊ में सभी अख़बार और सभी रीजनल चैनल इस समय अखिलेश सरकार की चापलूसी करने में होड़ मचाए हुये हैं. कौन कितना बड़ा तेलू है, इसको लेकर सब कलम और कैमरा कोठे पर रख कर बैठे हैं. प्रिंट के साथ साथ टीवी पर भी केवल सरकार का गुणगान हो रहा है. ईटीवी, समाचार प्लस, समय चैनलों में सरकार को जनता का हितैषी बताने की होड़ लगी है. दैनिक जागरण और राष्ट्रीय सहारा ने अखिलेश की तारीफ में जबरदस्त कसीदे पढ़े हैं.

आज़म खान के खिलाफ जनता को भड़काने के आरोप में रामपुर कोतवाली में अमिताभ ठाकुर और नतून ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज

Amitabh Thakur : नूतन और मुझ पर कैबिनेट मंत्री आज़म खान के खिलाफ लोगों को भड़काने के आरोप में रामपुर के कोतवाली थाने में मुक़दमा अ०स० 57/2016 धारा 153ए आईपीसी दर्ज हुआ है. पक्का बाग़ निवासी सोनू कठेरिया द्वारा कल (14 मार्च को) थाने को दिए गए प्रार्थनापत्र के अनुसार रविवार (13 मार्च) सुबह करीब 10 बजे हम दोनों ने स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता दानिश खान के साथ मंत्री आज़म खान के खिलाफ धर्म और जाति के नाम पर भड़काया.

यूपी में जंगलराज : जन विकल्प मार्च पर पुलिस ने किया जमकर लाठीचार्ज, महिलाओं से अभद्रता, कई घायल (देखें तस्वीरें)

लखनऊ 16 मार्च 2016। रिहाई मंच के ‘जन विकल्प मार्च’ पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया, महिला नेताओं से अभद्रता की और नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। मंच ने कहा कि प्रदेश में सत्तारुढ़ अखिलेश सरकार द्वारा सरकार के चार बरस पूरे होने पर जन विकल्प मार्च निकाल रहे लोगों को रोककर तानाशाही का सबूत दिया है। मंच ने अखिलेश सरकार पर आरोप लगाया कि जहां प्रदेश भर में एक तरफ संघ परिवार को पथसंचलन से लेकर भड़काऊ भाषण देने की आजादी है लेकिन सूबे भर से जुटे इंसाफ पसंद अवाम जो विधानसभा पहुंचकर सरकार को उसके वादों को याद दिलाना चाहती थी को यह अधिकार नहीं है कि वह सरकार को उसके वादे याद दिला सके। मुलायम और अखिलेश मुसलमानों का वोट लेकर विधानसभा तो पहुंचना चाहते हंै लेकिन उन्हें अपने हक-हुकूक की बात विधानसभा के समक्ष रखने का हक उन्हें नहीं देते। अखिलेश सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का आरोप लगाते हुए मंच ने कहा कि इस नाइंसाफी के खिलाफ सूबे भर की इंसाफ पसंद अवाम यूपी में नया राजनीतिक विकल्प खड़ा करेगी।

अखिलेश यादव के जंगलराज की कहानी बयां करती अमर उजाला में छपी यह तस्वीर देखेंगे तो आप भी दहल जाएंगे

Mohammad Haider : A shameful situation…. Does this picture not cast a blow our nerves? And our hearts? It’s a very tragic situation. The Medical and Health facilities in the State have almost collapsed. Medical Aid is available only to the high and mighty…. Friends, you may, as educated and able person try and rid your fellow citizens, who are the lesser mortals, by ensuring the initiation of a corrective action…. Every step counts. The process may be initiated by taking a stock of the situation… The PHCs, the CHCs, the District Hospitals are ill equipped, with a fraction of actual workforce, vis-a-vis sanctioned strength… The Nursing homes run sans any approval, exploiting and harassing people…. Its high time. We need to ACT.. Its already TOO LATE.

जंगलराज के खिलाफ सीएम अखिलेश यादव के आवास के सामने धरने पर बैठ गया एक आईपीएस आफिसर, देखें तस्वीरें

उत्तर प्रदेश के निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर प्रदेश ने प्रदेश सरकार पर जंगलराज, मनमानी और अन्याय का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आवास के सामने वाली सड़क पर धरने पर बैठ गए. अमिताभ ठाकुर ने अपने निलंबन के आठ महीने के बाद भी खुद को नौकरी पर बहाल न किए जाने और बुजुर्ग को थप्पड़ मारने वाले पुलिस अफसर को मात्र आठ दिनों बाद ही बहाल किए जाने को लेकर सरकार की पक्षपाती मंशा पर सवाल खड़ा किया. इसी अन्याय के खिलाफ वह धरने पर बैठे. धरने पर बैठने की घोषणा वह पहले ही कर चुके थे.

‘समाजवादी जंगलराज’ में ट्रेंड यूपी की ‘भयमुक्त’ पुलिस की इस हकीकत को सुनेंगे तो कांप जाएंगे…

Yashwant Singh : महिला दिवस के दिन रामपुर में बस के अंदर महिला से गैंगरेप किया गया. यह खबर आपने टीवी पर और अखबारों में देखी पढ़ी होगी. ये भी पढ़ा देखा होगा कि गैंगरेप के दौरान नवजात बेटा हाथ से गिरा और मर गया. महिला नवजात बच्चे को दवा दिलाने आई थी और गांव लौट रही थी. बस में बैठते ही नशे में डूबे ड्राइवर और कंडक्टर ने कुकर्म अंजाम दिया. जिस बच्चे को दवा दिलाने आई थी, वो पंद्रह दिन की उम्र वाला नवजात इस छीनाझपटी और गैंगरेप में गिरकर जीवन से हाथ धो बैठा.

दुनिया सुधर जाएगी लेकिन न तो यूपी का ‘समाजवादी जंगलराज’ सुधरेगा और न सुधरेगी अपढ़ व भ्रष्ट यूपी पुलिस

Request for intervention as post Nirbhaya legal reforms fails to reform UP police

Respected Madam,

In wide public interest I want to draw your kind attention towards poor implementation of Sec 166 (A) (c) Indian Penal Code,  a post Nirbhaya amendment in criminal law, on recommendations of Justice Verma Committee. Section 166 (A) (c) inserted in IPC, makes non-registration of FIR an offence,  in case of acid attacks, molestation/ sexual harassment, rape and women trafficking. It was made punishable by a rigorous imprisonment for a minimum period of 6 months which can be extended up to 2 years. This Criminal Law  (Amendment) Act came into force from February 2013.

‘जय गंगाजल’ देखते हुए आपको हर वक्त यूपी के समाजवादी जंगलराज की याद आएगी

Yashwant Singh : जय गंगाजल… प्रकाश झा की फ़िल्में हमेशा मुझे पसंद रही हैं। पूरा सिस्टम इसमें दिख जाता है। जय गंगाजल पूरे तीन घंटे जमकर बांधे रखती है। धड़ाधड़ सीन एक्शन इमोशन बदलते बढ़ते रहते हैं जिससे बोर फील नहीं कर सकते।

मुजफ्फरनगर दंगा स्टिंग प्रकरण : यूपी विधानसभा में नए बने कठघरा में 4 मार्च को खड़े किए जाएंगे आजतक के पत्रकार

उत्तर प्रदेश विधानसभा ने मुजफ्फरनगर दंगे का स्टिंग ऑपरेशन करने के मामले में आजतक न्यूज चैनल के कुछ पत्रकारों की हाजिरी माफी की अर्जी को स्वीकार कर लिया है। अब इन पत्रकारों को 4 मार्च को फिर से सदन में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। मुजफ्फरनगर दंगे संबंधी स्टिंग ऑपरेशन करने वाले आजतक चैनल के पत्रकारों को विधानसभा में पेश होना था, लेकिन चैनल ने पेशी के लिए विधानसभा सचिवालय के पत्र को 24 फरवरी को देर शाम मिलने के आधार पर अपना पक्ष रखने के लिए पत्र लिखकर सदन से समय मांगा।

उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव का जंगलराज : डीआईजी ने 80 साल के बुजुर्ग दुकानदार को जड़ा थप्पड़

लखनऊ : जहां एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार लगातार पुलिस को नसीहत देती है कि जनता के बीच जाकर पुलिस की छवि को सुधारने का कार्य करें वहीं लखनऊ मे डीआईजी डी.के. चौधरी ने सरेआम बाजार मे एक बुर्जुग को थप्पड़ मार के अपनी वर्दी का रौब दिखाया। ये घटना लखनऊ के बीच बाजार इंदिरा नगर के भूतनाथ मार्केट की है जहां डीआईजी औचक निरीक्षण के लिए गये थे लेकिन एक बुजुर्ग सड़क के किनारे दुकान लगाये था जिसको देखते ही डीआईजी साहब आपा खो बैठे और बुर्जुग को सबके सामने थप्पड़ जड़ दिया।

यूपी में अखिलेश यादव का जंगलराज, मंत्री और उसके बेटे के खिलाफ एफआईआर न होने से नाराज पत्रकार ने बीच चौराहे किया आत्मदाह

उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की सरकार ने अत्याचार और अनाचार की सभी हदें पार करते हुए जो जंगलराज पिछले चार साल से चला रखा है, वह खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. अब तक के सबसे असफल और सबसे असहाय मुख्यमंत्री के रूप में कुख्यात अखिलेश यादव अपने उन मंत्रियों और उन सपाई गुर्गों पर कार्रवाई करने में असमर्थ पा रहे हैं जो खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ा कर मीडिया वालों पर अत्याचार कर रहे हैं.

यूपी में हेल्पलाइन नहीं, हेल्पलाइफ चाहिए, माफिया को असहमति के स्वर अब बर्दाश्त नहीं

सच बोलता पत्रकार असहिष्णुता का सबसे बड़ा शिकार

वाराणसी। देश में सहिष्णुता और असहिष्णुता को लेकर खूब घमासान मचा। इस मुद्दे को लेकर फिल्मी हस्तियों सहित धर्माचार्यों ने भी खूब सुर्खियां बटोरी। स्थिति यह हुई कि संसद में भी जमकर हंगामा हुआ। अभिनेता आमिर खान ने तो यहां तक कह डाला कि उनकी पत्नी को देश में डर लगता है। उनके बयान के बाद मानो भूचाल आ गया। हर खास-ओ-आम खुद को असहिष्णुता का शिकार बताने लगा। कुछ समय के लिए लगा पूरा देश ही  असहिष्णुता की आग में झुलस गया हो। लेकिन समय के साथ यह शब्द धीरे-धीरे ठंडा होने लगा। सच कहे तो इस देश में असहिष्णुता का सबसे बड़ा शिकार वह पत्रकार है जो बेबाक बोलता है, सही-गलत को अपने विवेक की तराजू में तौलता है।

यूपी में पत्रकारों के लिए नई बनी हेल्‍पलाइन का मतलब रामनाम सत्‍त है

Kumar Sauvir : पत्रकारों के लिए हेल्‍पलाइन मतलब रामनाम सत्‍त है. किस्‍सा यह है कि पत्रकारों के उत्‍पीड़न-प्रताड़ना के खिलाफ मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने जो हेल्‍पलाइन वाला जो शिगूफा छेड़ा था, वह न सिर्फ अब फुस्‍स हो चुका है, बल्कि अब हालात अपमानजनक हालत तक पहुंचती जा रही है। आज शामली काण्‍ड में प्रताडि़त एक पत्रकार ने जब इस हेल्‍पलाइन से सम्‍पर्क किया तो, फोन रिसीव करने वाले ने उस पत्रकार को झड़की देते हुए कहा कि मामले की रिपोर्ट करानी हो तो अपने थाने में ही दर्ज होगा। यहां हेल्‍पलाइन इस लिए नहीं बनायी गयी है कि तुम जैसे लोगों की बकवास सुनती रहे।

यूपी में भाजपा के मुस्लिम नेता ने आत्मदाह के लिए क्यों खुद पर मिट्टी का तेल उड़ेला (देखें वीडियो)

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष हैं कमालुद्दीन शेख. इन्होंने पिछले दिनों डीएम कार्यालय के सामने खुद पर मिट्टी का तेल खुद पर उड़ेल लिया. वे आत्मदाह के लिए कमर कस कर आए थे. उन्होंने खुद को आग के हवाले करने का भरसक प्रयास किया लेकिन मौके पर मौजूद लोगों और पुलिस की तत्परता से इसे विफल कर दिया गया. पुलिस उन्हें कोतवाली लेकर चली आयी.

सपा विधायक ने टाइम्स नाऊ के महिला रिपोर्टर से की बदसलूकी, कैमरे से कवरेज डिलीट कराया

लखनऊ। यूपी के शामली के कैराना में सपा की जीत के जश्न में हुई फायरिंग के दौरान 7 साल के बच्चे की मौत का मामला बढ़ता जा रहा है। वहीं सत्ता की हनक समाजवादी पार्टी के नेताओं पर सिर चढ़कर बोल रही है। कल की इस घटना के संबंध में आज अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ की रिपोर्टर सपा विधायक नाहिद हसन के घर उनकी प्रतिक्रिया लेने गई तो उन्होंने ही उसके साथ बदसलूकी की।

शर्मनाक : उत्तर प्रदेश सरकार ने मुंबई के मराठी दैनिक में प्रकाशित कराया यह घटिया विज्ञापन

मुंबई के एक मराठी दैनिक लोकमत में ७ फरवरी को प्रकाशित उत्तर प्रदेश सरकार का एक सरकारी विज्ञापन मुंबई में रहने वाले उत्तर भारतीयों को काफी चुभ रहा है। इस मराठी दैनिक में दिये विज्ञापन में उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों से यूपी आने का आग्रह किया है और आग्रह के लिये जो विज्ञापन तैयार कराया गया है उसमें एक फेरीवाले को दिखाया गया है जो गुलाब जामुन बेच रहा है। इस विज्ञापन में स्लोगन दिया गया है ‘गुलाब जामुन खाईयेगा, चासनी भी मत छोड़ियेगा, यूपी जरूर आईयेगा’।

यूपी में जंगलराज : मंत्री के बेटे ने एक पत्रकार पर किया हमला और बाकी पत्रकारों पर तान दी रिवाल्वर

बलरामपुर से खबर है कि विकासखंड गैसड़ी विधानसभा क्षेत्र में जन्तु उद्यान व चिकित्सा राज्य मंत्री शिव प्रताप यादव के पुत्र राकेश यादव ने रविवार को पत्रकार राकेश सिंह के सिर पर बल्ली मार दी। इसके बाद रिवाल्वर निकालकर वहां मौजूद अन्य पत्रकारों व लोगों को दौड़ाया और हवा में फायरिंग भी की। राकेश यादव के साथी अनूप पाल व हरेन्द्र सिंह ने भी गोलियां चलाई। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान राज्य मंत्री मौजूद रहे।

यूपी में जंगलराज : अमेठी में यौन उत्पीड़न की शिकार महिला के परिजनों को मिल रही धमकियां

लखनऊ : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी स्थित मुंशीगंज थाने में 30 जनवरी को यौन हमले की कोशिश का एक मुकदमा धारा 354, 7, 8 के तहत दर्ज कराया गया है। पीड़ित पक्ष शाहगढ़ ब्लॉक स्थित एक गाँव का है। जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, उनके नाम हैं नीरज व हरीश, मौजी का पुरवा और मुंशीगंज स्थित कटरा निवासी मनीश। बिल्कुल शरू में ही आरोपियों से संबंध रखने वाले दबंगों ने पूरी कोशिश की कि मामला थाने में ही दर्ज न होने पाये और इसके लिए थानेदार को बाकायदा विश्वास में लिया गया। इसी कड़ी में पीड़िता के घर जाकर दंबंगों ने शपथ-पत्र व दूसरे कागजात पर हस्ताक्षर करवाए और परिजनों को अपमानित किया।

यूपी में पत्रकारों के लिए हेल्पलाइन अखिलेश सरकार का एक बड़ा छलावा

सुप्रभात यशवंत जी

आपसे टेलीफ़ोन पर हुई वार्ता के सन्दर्भ में पूरी बात लिखकर यहां बताना चाहूंगा आपको कि उत्तर प्रदेश द्वारा शुरू की गयी हेल्पलाइन यदि केवल राजपत्रित (accredit) पत्रकारों के लिए है तो इसका कोई मतलब नहीं है। जागरण, अमर उजाला जैसे बड़े संस्थानों में भी 5% से कम ही राजपत्रित पत्रकार है। बाकी 95% पत्रकार और गैर पत्रकार और गैर पत्रकार कर्मचारियों का क्या मीडिया में कोई योगदान नहीं है? राजपत्रित पत्रकारों पर तो मीडिया मालिक और प्रशासन वैसे ही मेहरबान रहता है, उन्हें तो सामान्यता शिकायत की नौबत आती ही नहीं है।

पत्रकार जगेंद्र केस में आरोपी पुलिसकर्मी बरेली क्राइम ब्रांच पर कोर्ट में बयान का बना रहे हैं दबाव

बरेली : शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह मर्डर केस में आरोपी पुलिसकर्मी बरेली क्राइम ब्रांच पर जबरन दो गवाहों के कोर्ट में बयान कराने का दबाव बना रहे हैं। इन गवाहों के बयान के जरिए वह खुद को केस से बचाना चाहते हैं, लेकिन बरेली के पुलिस अधिकारियों ने आईओ को बिना किसी दवाब के सही जांच करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।

वीमन हेल्पलाइन के बड़े दरोगा नवनीत सिकेरा को पत्रकार कुमार सौवीर ने दिखाया आइना

Kumar Sauvir : 1090 यानी वीमन हेल्प लाइन के बड़े दरोगा हैं नवनीत सिकेरा। अपराध और शोहदागिरी की राजधानी बनते जा रहे लखनऊ में परसो अपना जीवन फांसी के फंदे पर लटका चुकी बलरामपुर की बीडीएस छात्रा की मौत पर सिकेरा ने एक प्रेस-विज्ञप्ति अपनी वाल पर चस्पा किया है। सिकेरा ने निरमा से धुले अपने शब्द उड़ेलते हुए उस हादसे से अपना पल्लू झाड़ने की पूरी कवायद की है। लेकिन ऐसा करते हुए सिकेरा ने भले ही खुद को पाक-साफ़ करार दे दिया हो, लेकिन इस पूरे दर्दनाक हादसे की कालिख को प्रदेश सरकार और पूरे पुलिस विभाग के चेहरे पर पोत दिया है।

यूपी में ‘समाजवादी’ जंगलराज : लखनऊ में छेड़खानी से परेशान एक मेडिकल छात्रा ने फांसी लगाकर जान दी

बधाई हो सरकार में बैठे समाजवादियों और तुम्हारे कारकूनों! तुम्हारे अटूट प्रयास आज फलीभूत हुए और नतीजा यह हुआ कि बीती रात एक मेडिकल छात्रा ने राजधानी के गुडम्बा कालोनी में अपने कमरे में पंखे से लटक  कर खुद को मौत हवाले कर दिया। बधाई हो। ताज़ा खबर है कि लखनऊ के एक डेंटल मेडिकल छात्रा ने छेड़खानी से त्रस्त होकर फांसी लगा ली। पिछले कई महीने से मोहल्ले से लेकर कॉलेज आसपास शोहदों ने उसका जीना हराम कर रखा था। मानसिक तनाव इतना बढ़ने लगा कि उसे खुद की जिंदगी ही अभिशाप लगाने लगी। उसे लगा कि उसका स्त्री-देह ही उसका सबसे बड़ा दुश्मन है। बस फिर क्या था। इस बच्ची ने उस कलंक-अभिशाप को ही हमेशा-हमेशा के लिए धो डाला।

यूपी सरकार ने मीडिया वालों के लिए जारी किया टोल फ्री नंबर, इस पर करें मजीठिया वेज बोर्ड न मिलने की शिकायत

यूपी में अखिलेश सरकार ने मीडिया वालों को टोल फ्री हेल्पालइन का लालीपाप फेंका है. यह हेल्पलाइन कितना कारगर है, इसका टेस्ट सिर्फ एक प्वाइंट पर मीडिया वाले कर सकते हैं. जिन जिन को मजीठिया वेज बोर्ड न मिला हो वे इस टोल फ्री नंबर पर कंप्लेन करें. देखें कि क्या अखिलेश यादव मीडिया मालिकों को मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से नया पुराना सेलरी एरियर हिसाब दिला पाते हैं. पक्का मानिए, अखिलेश सरकार मीडिया को लेकर सिर्फ दिखावा कर रही है. अगर वह सीरियस है तो टोल फ्री नंबर देने से पहले प्रिंट मीडिया वालों को मजीठिया वेज बोर्ड लागू कराने का तोहफा दे चुकी होती. पर अराजक और जंगल राज चलाने वाली यूपी की समाजवादी सरकार इन दिनों नौकरशाहों के दिखावे वाले तामझाम में इतना मशगूल है कि वह बुनियादी काम भूल-छोड़ चुकी है.

ये यूपी है जनाब : 19 महीने बाद दर्ज हो सका पत्रकार उमेश शुक्ला के लापता होने का मुकदमा

(लापता पत्रकार उमेश शुक्ल)

वाराणसी । वाराणसी पुलिस विगत 19 महीनों से लापता एक पत्रकार को खोजना तो दूर, उनका सुराग तक नहीं लगा पाई। लापता पत्रकार की खोज के लिए लगातार बड़ा भाई दिनेश कार्यालयों और अधिकारियों के दरवाजे भटकता रहा लेकिन किसी ने कुछ नहीं सुना। दिनेश मुख्यमंत्री सहित गृह मंत्रालय को भी पत्र लिखते रहे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। कुछ दिनों तक पत्रकार संगठनों ने दिलचस्पी दिखाई लेकिन अखबरों में संगठन का नाम छपने के बाद वह भी बैकफुट पर आ गए। लेकिन दिनेश ने हार नहीं माना और न्याय के लिए लड़ते रहे। दिनेश ने पुनः एसएसपी आकाश कुलहरि से गुहार लगाई। एसएसपी से आदेश मिलने के बाद सिगरा थाने ने आईपीसी की धारा 363 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। 

यूपी में जंगलराज : सूचना दिलाने के बजाय आयुक्त बिष्ट ने वादी को बेइज्जत कर नज़रबंद कराया

: राज्य सूचना आयोग के अफसरों की मनमर्जी बेलगाम, कार्यकर्ताओं में क्षोभ : लखनऊ : सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी छवि चमकाने और पार्टी की जड़ों को जमाने की लाख कोशिश कर लें, उनके अनेक बड़े सूबेदार सारा मटियामेट करने में जुटे हैं। ताजा मामला है राज्य के चर्चित सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह विष्ट का, जिन्होंने आज दोपहर एक सूचना कार्यकर्ता के साथ भरे दफ्तर गालियां दीं और अपने सुरक्षाकर्मियों को बुला कर उन्हें एक कमरे में बंद करा दिया। ताज़ा खबर मिलने तक तनवीर बिष्ट के कमरे में गैरकानूनी ढंग से नज़रबंद हैं और उन्हें किसी से भी मिलने से पाबंदी लगा दी गई है।

बलिया में सिपाही ने की अवैध वसूली की शिकायत तो एसपी ने किया सस्पेंड, आहत सिपाही ने दिया इस्तीफा (देखें वीडियो)

उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के नरही थाने के पिकेट पर हो रही अवैध वसूली की शिकायत करना एक सिपाही को महंगा पड़ गया. एसपी ने शिकायत करने वाले सिपाही को ही सस्पेंड कर दिया. इससे आहत निलम्बित सिपाही ने पुलिस हेड क्वार्टर इलाहाबाद को अपना त्याग पत्र भेज दिया है. उसने जान-माल की सुरक्षा की गुहार भी की है.

आज़म खान, रामपुर की पुलिस और दोगला चरित्र

Kanwal Bharti : कल रामपुर पुलिस ने फेसबुक पर आज़म खान के खिलाफ लिखने वाले किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। खबर है कि उसने आज़म और उसके परिवार पर कोई टिप्पणी की थी। किन्तु रामपुर पुलिस दोगली चरित्र की है।

यूपी के देवरिया में एसओ ने पत्रकार के सिर पर रिवाल्वर की बट से मारा

खाकी की गुंडई का शिकार बना पत्रकार

उत्तर प्रदेश पुलिस की खुलेआम गुंडई एक बार फिर सामने आयी है. देवरिया जिले के खुखुन्दु थाने के एसओ अंशुमान यदुवन्शी ने एक पत्रकार पर कातिलाना हमला करते हुए उसे फर्जी मुकदमें में फसांने की धमकी दे डाली. इतना ही नहीं शिकायत करने गये लोगों पर जमकर लाठिया भी बरसाई. खुखुन्दु थाना क्षेत्र के पडरी गांव मे वारावफात का जुलूस निकलना था जो पत्रकार अरविन्द पाण्डेय के घर के सामने से होकर जाना था.

यूपी की लुटेरी पुलिस अब बुजुर्गों को भी नहीं बख्श रही…

Yashwant Singh : हे सोशल मीडिया वालों… जगो.. कल आपके साथ या आपके परिजनों के साथ भी ये हो सकता है… ये उत्तर प्रदेश है… यानि निकृष्ट प्रदेशों में सर्वोपरि… जहां बुजुर्गों के साथ दिनदहाड़े लूट हो जाया करती है… बड़े भाई और देश के वरिष्ठ पत्रकार Sheetal P Singh जी के पिता जी श्री एलपी सिंह जी, जिनकी उम्र 90 के आसपास है, अपनी कार (नंबर DL3C AK 8969) से दिल्ली आ रहे थे.

शोहदों के कहर के बाद पुलिसिया खौफ का शिकार हुआ पत्रकार

बदायूं : महिलाओ पर अश्लील फब्तियाँ कसने का विरोध करना दैनिक जागरण के स्थानीय पत्रकार को खासा महंगा पड़ा. टोकाटाकी से खिसियाये शोहदों ने पत्रकार के घर धावा बोल दिया. शोहदों ने फिल्मी अंदाज में फायरिंग करते हुए घर मे घुस कर पेशेवर गुंडों की तरह हाकियों से पत्रकार को पीटने लगे. बीच बचाव करने वाले भी जम कर पिटे. खाकी के खौफ से बेखबर शोहदे अपनी हसरत पूरी करने के बाद वापस हुए.

यूपी पुलिस रातों रात इतनी बहादुर हो गई कि उसको पत्रकारों को दौड़ा दौड़ा कर पीटना भी आ गया! …आखिर क्यों!!

उत्तर प्रदेश पुलिस ने आगरा में कई पत्रकारों को जमकर लाठियों से पीटा और उनको घायल कर दिया। बताया जाता है कि उनके कैमरे तक तोड़ दिय गये। पत्रकार असली थे या नक़ली..? दलाल थे या ईमानदार..? कवरेज कर रहे थे या ब्लैकमेल…? हो सकता है कुछ लोगों के मन में इस दखद समय में इसी तरह के विचार आ रहे हों! हो सकता है कि कुछ प्रेस क्लबों में शराब के नशे मे धुत कुछ कथित क़लम के सिपाही सरकार को गिराने से लेकर एक एक को देख लेने का प्लान भी बना भी चुके हों!

आईजी साहब, आपको बधाई… आपने आगरा के पत्रकारों को लंगड़ाकर चलना सिखा दिया…

Kumar Sauvir : जय हिन्द आईजी साहब! कैसे हो मेरे माई-बाप हजूर सरकार? पहले तो आपको बधाई कि आपने आगरा के पत्रकारों को लंगड़ाकर चलना सिखा दिया। पत्रकारों के बदन पर वो लाठियां भांजी है आपने, कि पूछिए मत। देखने वाले दंग थे कि…. छोड़िये यह सब।

यूपी में जंगलराज : आगरा में पत्रकारों पर पुलिस का बर्बर लाठीचार्ज… मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन…

देश के सबसे बड़े प्रदेश की कितनी कड़वी हकीकत है कि ताजनगरी आगरा में कथित बहादुर पुलिसकर्मी धरने की कवरेज कर रहे मीडियाकर्मियों पर लाठियां चलाते हैं, उन्हें लहुलूहान करते हैं। यह कोई जांबाजी नहीं बल्कि पुलिसिया नाकामी का नमूना भर है। वैसे अर्से से मानवाधिकार सिसक रहा है। मानवाधिकार उल्लंघन में यूपी को अव्वल दर्जा हासिल है। पत्रकारों पर होने वाली हमले की वारदातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितना स्वस्थ माहौल कायम है।

स्कूल यूनीफार्म में नाबालिग छात्रा ने थाने में पुलिस वालों को चाय पिलाया (देखें वीडियो)

देश के प्रधानमंत्री भले चाय बेच चुके हों और चाय बेचने का बार बार गर्व से जिक्र करते हों लेकिन उनके पीएम बनने के बाद भी बाकी चाय वालों की जिंदगी में अच्छे दिन नहीं आ पाए हैं. स्कूली ड्रेस में एक नाबालिग छात्रा चाय बेचने की मजबूरी के कारण थाने में पुलिस वालों को चाय पिलाने पर मजबूर है, वह भी फ्री में. बाल अधिकार जैसे कानून के होने के बावजूद खुद पुलिस वाले इसकी सरेआम धज्जियां उड़ाते हं. आजमगढ़ क्षेत्र के डीआईजी, बलिया के पुलिस अधीक्षक और गड़वार थाना के पुलिस कर्मी इसी कक्षा चार की छात्रा के हाथों दी गई चाय को चुस्कियां लेकर पीते रहे.