मदन मोहन सोनी – आगरा
मीडिया और पत्रकार समाज का आईना होता है। एक पत्रकार जो दूसरों की तकलीफों, समस्याओं को समाज के सामने खबरों के माध्यम से रखता है, जब उसकी खुद की जिंदगी पर तकलीफ आती है तो किसी को पता नहीं चल पाता है। जो पत्रकार सबकी समस्याओं पर खड़ा हो जाता है, किसी से भी लड़ने और इंसाफ दिलाने के लिए खबरों के जरिए जद्दोजहद करता है, उसके खुद की समस्या खबर भी नहीं बन पाती है। न्यूज चैनल न्यूज नेशन का बिहार झारखंड रीजनल चैनल बंद हो गया है। इस वजह से दर्जनों पत्रकार सड़क पर आ गए हैं।
अनिश्चितता से भरी जिंदगी
यह सही है कि मीडिया इंडस्ट्री पूरी तरह से अनिश्चितता से भरी हुई है। यहां पर कब क्या हो जाएगा, कोई नहीं जानता। कभी एक झटके में यहां पर पूरा न्यूज चैनलों को बंद कर दिया जाता है या करवा दिया जाता है तो कभी एक फैसले में दर्जनों पत्रकारों को बेरोजगार कर दिया जाता है।
ऐसी ही एक बड़ी खबर देश के जाने माने न्यूज चैनल न्यूज नेशन से आ रही है। न्यूज नेशन का बिहार झारखंड का क्षेत्रीय चैनल न्यूज स्टेट बिहार झारखंड के बंद होने की खबर है।
27 अक्टूबर दिन शुक्रवार को न्यूज नेशन चैनल के मैनेजमेंट की एक महत्वपूर्ण मीटिंग हुई। इसमें फैसला लिया गया कि न्यूज स्टेट बिहार झारखंड चैनल को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा। मीटिंग का फैसला बाहर आते ही हड़कंप मच गया। चैनल के लिए काम करने वाले 25 से ज्यादा पत्रकारों को दीपावली गिफ्ट के रुप में बेरोजगारी मिल गया।
देश में मीडिया की स्थिति
अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश में मीडियाकर्मियों की क्या स्थिति होती जा रही है। न्यूज नेशन एक बड़ा ब्रांड है। अगर न्यूज नेशन जैसे बड़े ब्रांड का चैनल बंद हो जाए तो बाकी छोटे छोटे चैनलों और अखबारों का क्या हाल होगा, समझा जा सकता है।
क्या करेंगे बेरोजगार पत्रकार
इन सबके बीच एक बड़ा सवाल पैदा होता है कि एक झटके में बेरोजगार हुए ये पत्रकार कहां जाएंगे, क्या करेंगे, मैनेजमेंट उन्हें कहीं और समायोजित करेगा या उन्हें उनके हाल पर छोड़ देगा ! इन सभी सवालों का जवाब भविष्य के गर्भ में है लेकिन एक बात तो तय है कि चैनल बंद करने के इस ऐलान ने इन पत्रकारों की दिवाली काली कर दी है।