फ़तेहपुर । जिला पत्रकार संघ/एशोसिएशन के अध्यक्ष अजय भदौरिया व अन्य वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ जिला प्रशासन दमनकारी नीति अपनाए हुए हैं. कुछ समय पूर्व इन पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकद्दमे दर्ज करवाकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुठाराघात करने का प्रयास किया.
जिला प्रशासन के इस रवैए के खिलाफ लगभग पच्चीस दिन पूर्व पत्रकारों ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर अध्यक्ष समेत अन्य पत्रकारों पर दर्ज कराए गये फर्जी मुकद्दमों को स्पंज कर पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराते हुए दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी. किन्तु लम्बे समयांतराल बीतने के बाद भी शासन द्वारा मामले पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया. इसके विरोध में जिले के एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पत्रकारों ने 30 मई (हिन्दी पत्रकारिता) दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया था.
न्याय न मिलने पर 7 जून को जिलाधिकारी की सरकार विरोधी नीतियों के खिलाफ जल सत्याग्रह आंदोलन करने का आह्वान किया गया. इसको सफल बनाने के लिए एसोशिएशन ऑफ इंडियन जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष अजय भदौरिया के नेतृत्व में यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन फ़तेहपुर के जिलाध्यक्ष विवेक मिश्र के साथ जिले के लगभग पन्द्रह अलग अलग स्थानों में सैकडो की संख्या में एकत्र होकर पत्रकारों ने गंगा, यमुना आदि नदियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जल सत्याग्रह के आंदोलन को सफल बनाया.
इस मौके पर जिलाधिकारी की निरंकुश कार्यशैली के खिलाफ पत्रकारों ने जमकर नारेबाजी की और सरकार से ऐसे अधिकारी को हटाकर उसके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की.
गौरतलब है कि जिले भर के पत्रकारों ने रविवार को जिला पत्रकार संघ/एसोशियेसन के बैनर तले जल सत्याग्रह आंदोलन किया. जिला मुख्यालय के पत्रकारों ने हुसेनगंज के भृगुधाम के बलखण्ड़ी गंगा घाट पर प्रेम शंकर अवस्थी व अजय भदौरिया, विवेक मिश्र के नेतृत्व में गंगा नदी में सुबह दस बजे से बारह बजे तक पानी के अंदर रहकर आंदोलन को सफल बनाया.
इसी प्रकार बिंदकी व जाफरगंज के पत्रकारों ने वरिष्ठ पत्रकार अरुण द्विवेदी वह श्याम तिवारी की अगुवाई में बक्सर के गंगा घाट पर पहुंचकर जिला प्रशासन की द्वेषपूर्ण कार्यशैली के खिलाफ प्रदर्शन किया. वहीं चौडगरा के पत्रकारों ने गंगा नदी के गुनीर गंगा घाट पर जल सत्याग्रह आंदोलन को गति दिया.
इसी प्रकार बकेवर के पत्रकारों ने वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र त्रिपाठी के नेतृत्व में पक्का तालाब में पहुंचकर जिला प्रशासन के खिलाफ जल सत्याग्रह को सफल बनाने की मुहिम को आगे बढाया.
जहानाबाद में डॉ जौहर रज़ा व संतोष त्रिपाठी की अगुवाई में रिंद नदी में जिला प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर सत्य की जीत के लिए जल सत्याग्रह आंदोलन कर आंदोलन को मजबूती प्रदान की.
उधर अमौली व जाफरगंज के पत्रकारों ने वरिष्ठ पत्रकार विमलेश त्रिवेदी के नेतृत्व में रुस्तमपुर घाट पर यमुना नदी में जल सत्याग्रह कर सरकार से ऐसे अधिकारी को हटाने की मुहिम को गति देने का सार्थक प्रयास किया।
इसी प्रकार बहुआ के पत्रकारों ने मो. शाहिद वह प्रदीप सिंह की अगुवाई में कोर्राकनक यमुना नदी में जल सत्याग्रह के कार्यक्रम को गति दी।
वहीं गाजीपुर के पत्रकारों ने प्रथम चंद्र की अगुवाई में यमुना नदी के औगासी घाट पर जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर कार्यक्रम को सफल बनाया।
असोथर के पत्रकारों ने यमुना नदी में गौरव सिंह व फूलचंद्र के नेतृत्व में यमुना के ब्रह्मकुंड घाट पर जिला प्रशासन की क्रूर कार्यशैली के खिलाफ जल सत्याग्रह कर आंदोलन को मजबूती प्रदान की।
खागा मुख्यालय व किशनपुर के पत्रकारों ने किशनपुर यमुना नदी में दमदार प्रदर्शन कर जिला प्रशासन की दमनकारी नीति की जमकर आलोचना करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया.
खखरेरू के पत्रकारों ने वरिष्ठ पत्रकार अशोक सिंह के नेतृत्व में यमुना नदी के कोट घाट पर जल सत्याग्रह को सफल बनाने का कार्य किया.
धाता के पत्रकारों ने ज्ञान सिंह वह विवेक सिंह की अगुवाई में रानीपुर यमुना घाट पर जल सत्याग्रह को सफल बनाया.
इसके साथ ही प्रेम नगर के पत्रकारों ने मंडवा गंगा घाट पर कार्यक्रम कर संगठन को मजबूती प्रदान की.
इसी प्रकार हथगाम व छिउलहा के पत्रकारों ने कोतला गंगा घाट पर प्रदर्शन किया.
जिले के लगभग डेढ़ दर्जन स्थानो में पानी के अंदर घुसकर पत्रकारों ने अर्धनग्न प्रदर्शन किया. इकट्ठे पूरे जनपद के पत्रकारों के प्रदर्शन से जिले में हड़कम्प मचा रहा. लोग जिला प्रशासन की कार्यशैली पर तरह-तरह की चर्चाएं करते रहे. पत्रकारों के सामूहिक प्रदर्शन की जानकारी लगातार जनपद से लेकर मुख्यालय लखनऊ की खुफिया टीम भी जानकारी लेती रहीं.