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पत्रकारों के अध्‍यक्षजी की ऐसे भद्द पिटी राज्‍यपाल की पीसी में

लखनऊ। लखनऊ में पत्रकारों के एक अध्‍यक्ष की नवागत राज्यपाल के शपथ ग्रहण में भद्द पिट गई. अध्‍यक्ष जी की खूबी यह है कि ये कहीं लिखते पढ़ते नहीं हैं. हालांकि सेटिंग सही है तो कुछ टीवी चैनलों पर बोकरादी करते जरूर दिख जाते हैं. अभी हाल ही में इन्‍होंने लखनऊ में व्‍यस्‍त पत्रकारों के बीच अपने फुलटाइम फ्री होने का जलवा दिखाया था. खैर, आते हैं असली बात पर. जनाब अध्‍यक्ष हैं लिहाजा इन्‍हें तमाम जगह के न्‍योता मिल जाया करते हैं. राज्‍यपाल के शपथ ग्रहण समारोह का भी न्‍योता इन्‍हें मिल गया था.

<p>लखनऊ। लखनऊ में पत्रकारों के एक अध्‍यक्ष की नवागत राज्यपाल के शपथ ग्रहण में भद्द पिट गई. अध्‍यक्ष जी की खूबी यह है कि ये कहीं लिखते पढ़ते नहीं हैं. हालांकि सेटिंग सही है तो कुछ टीवी चैनलों पर बोकरादी करते जरूर दिख जाते हैं. अभी हाल ही में इन्‍होंने लखनऊ में व्‍यस्‍त पत्रकारों के बीच अपने फुलटाइम फ्री होने का जलवा दिखाया था. खैर, आते हैं असली बात पर. जनाब अध्‍यक्ष हैं लिहाजा इन्‍हें तमाम जगह के न्‍योता मिल जाया करते हैं. राज्‍यपाल के शपथ ग्रहण समारोह का भी न्‍योता इन्‍हें मिल गया था.</p>

लखनऊ। लखनऊ में पत्रकारों के एक अध्‍यक्ष की नवागत राज्यपाल के शपथ ग्रहण में भद्द पिट गई. अध्‍यक्ष जी की खूबी यह है कि ये कहीं लिखते पढ़ते नहीं हैं. हालांकि सेटिंग सही है तो कुछ टीवी चैनलों पर बोकरादी करते जरूर दिख जाते हैं. अभी हाल ही में इन्‍होंने लखनऊ में व्‍यस्‍त पत्रकारों के बीच अपने फुलटाइम फ्री होने का जलवा दिखाया था. खैर, आते हैं असली बात पर. जनाब अध्‍यक्ष हैं लिहाजा इन्‍हें तमाम जगह के न्‍योता मिल जाया करते हैं. राज्‍यपाल के शपथ ग्रहण समारोह का भी न्‍योता इन्‍हें मिल गया था.

शपथ ग्रहण से पहले अध्‍यक्षजी तमाम नेताओं और अधिकारियों के पीछे घूमघूमकर अपनी पहचान बढ़ाते दिखे. जबरिया हाथ मिलाने की कोशिश करते दिखे. हालांकि इनकी छवि को जानने वाले कई पत्रकार इनसे दूरी बनाते दिख रहे थे. पर जनाब खड़े होकर जबरिया चेहरे पर मुस्‍कान लाकर हाथ आगे बढ़ा देते थे, लिहाजा मजबूरी में लोग दांतनिपोर कर हाथ मिला ले रहे थे.

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अब आते हैं असली बात पर. राज्‍यपाल शपथ ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से मुखातिब होने वाले थे. लिहाजा तमाम पत्रकारों के साथ कई फुल टाइम फ्री पत्रकार भी पहुंच गए थे. राज्‍यपाल से सवाल जवाब का दौर चल रहा था तो अध्‍यक्ष जी भी उठकर सवाल करने लगे. पर पहले से सवाल कर रहे पत्रकार ने अध्‍यक्ष जी की एक नहीं सुनी और अपना सवाल पूछने लगा. जब अध्‍यक्षजी नहीं माने और उसी दौरान बोलने लगे तो राज्‍यपाल ने टोका, अरे इनकी बात सुन लेने दो फिर पूछना. तब अध्‍यक्ष जी चुप हुए.

इसके बाद फिर अध्‍यक्ष जी दुबारा सवाल पूछते उसके पहले ही एक अन्‍य पत्रकार ने सवाल पूछ लिया. इस दौरान अध्‍यक्ष जी के कुछ चमचे उनके पक्ष में माहौल बनाने का कोशिश करने लगे तो अन्‍य पत्रकारों ने डंपट कर उन्‍हें शांत करा दिया. सवाल पूछने के उतावलेपन में जब अध्‍यक्ष जी फिर उठकर सवाल पूछने लगे तो राज्‍यपाल ने कहा कि अभी बैठो, मेरा जवाब पूरा नहीं हुआ है. आखिर में जब अध्‍यक्ष जी के सवाल पूछने का मौका आया तो माहौल बनाने के लिए लंबा-चौड़ा चौहद्दी बांधने लगे तो राज्‍यपाल ने टोकते हुए कहा कि भाषणबाजी मत करो, सवाल पूछो. यह सुनते ही वहां बैठे पत्रकारों की हंसी छूट गई कि बेचारे अध्‍यक्षजी की आज ज्‍यादा ही भद्द पिट गई.

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अध्‍यक्षजी की खूबी है कि कहीं लिखंत-पढ़ंत भले ना करते हों, लेकिन ऐसे मौकों पर सवाल खूब पूछते हैं ताकि सामने वाले एक बार उन्‍हें देख ले, थोड़ा पहचान ले, बाद में तो फुल टाइम फ्री होने का जलवा तो दिखा ही दिया जाएगा.

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