अमेठी जिले के गाँव ओटिया, पुलिस चौकी इन्होना, थाना शिवरतनगंज में एक हरा पेड़ काटने के मामले में चौकी इंचार्ज महेश चंद्रा द्वारा ठेकेदार ताज मोहम्मद उर्फ़ तजऊ को पकड़ कर 15,000 रुपये वसूलने के मामले में आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा आईजी ज़ोन लखनऊ सुभाष चंद्रा को शिकायत करने के बाद 13,000 रुपये वापस हो गए हैं. चौकी इंचार्ज ने 2,000 रुपये इसलिए वापस नहीं किये क्योंकि यह हरा पेड़ काटने का पुलिस चौकी का अपना रेट है.
दरअसल ओटिया गाँव के नफीस खान द्वारा एएसपी मुन्ना लाल और एसपी अमेठी हीरा लाल को इस मामले की जानकारी देने पर कार्यवाही करने की जगह ठेकेदार से बढ़ी धनराशि वसूल कर मामले को रफादफा करने का प्रयास किया गया था जिस पर नफीस ने अमिताभ ठाकुर से शिकायत की थी.
ठाकुर ने आईजी ज़ोन से शिकायत करने के साथ मौके पर जा कर जांच की थी जिसके बाद चौकी इंचार्ज ने 13,000 रुपये वापस कर दिए पर साथ ही नफीस और ठेकेदार पर अपना बयान बदलने का भी दवाब बनाया. ये बातें जानकारी में आने पर ठाकुर ने अब डीजीपी ए एल बनर्जी को इन तथ्यों से अवगत कराते हुए अपने स्तर से जांच कराने की मांग की है.
सेवा में,
श्री ए एल बैनर्जी,
पुलिस महानिदेशक,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ
विषय- एसपी और एएसपी, अमेठी को हरा पेड़ कटने की सूचना देने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने विषयक
महोदय,
कृपया निवेदन है कि दिनांक 03/10/2014 रात्रि करीब 8.52 बजे मेरे मोबाइल नंबर 094155-34526 पर मोबाइल नंबर 096281-10502 से श्री नफीस खान पुत्र श्री अज़ीम निवासी ग्राम ओटिया पुलिस चौकी इन्होना, थाना शिवरतनगंज, जनपद अमेठी का फोन आया जिन्होंने मुझे दिनांक 02/10/2014 को उनके गाँव और बगल के गाँव शेखनगाँव के बीच में ईदगाह पर एक पुराने बड़े हरा पेड़ कटने के बारे में दिनांक 02/10/2014 को समय लगभग 12-12.30 बजे तथा 03/10/2014 को सुबह लगभग 10 बजे पर एएसपी अमेठी के सीयूजी नंबर 1977 पर फोन कर सूचना देने के बाद पुलिस चौकी इन्होना द्वारा ठेकेदार श्री ताज मोहम्मद उर्फ़ तजऊ पुत्र श्री इन्साद निवासी ग्राम पुरे नवाज़पूर को पकड़ कर ले जाने और 15,000 रुपये ले कर छोड़ देने के बारे में बताया. श्री नफीस ने एसपी अमेठी को उनके सीयूजी मोबाइल नंबर 0427 पर लगभग 3.00 बजे फोन करने पर एसपी द्वारा उनकी बात बड़े ही अनमने ढंग से सुनने और सुनने के बाद झिड़कने के बारे में भी बताया.
श्री नफीस ने अगले दिन मुझे व्हाट्सएप पर मौके की कुछ तस्वीरें सबूत के तौर पर भेजीं. उन्होंने मुझे ठेकेदार श्री तजऊ (मोबाइल नंबर 096708-88713) से भी बात कराई जिन्होंने मुझे बताया कि एएसपी को सूचना देने के बाद चौकी इंचार्ज इन्होना ने तजऊ से 50,000 रुपये मांगे, जो बातचीत में 20,000, फिर 18 हज़ार, 16 हज़ार से होते हुए अंत में सौदा 15 हज़ार रुपये में पक्का हुआ. इस तरह एएसपी से शिकायत करने पर दो हज़ार का घूस 15,000 रुपये पर पहुँच गया.
मैंने इन सभी तथ्यों से श्री सुभाष चंद्रा, आईजी ज़ोन, लखनऊ को उनके सीयूजी नंबर पर बताया और फिर अपने पत्रांक संख्या- AT/Comp/01/14 दिनांक 04/10/2014 द्वारा विस्तार से अवगत कराया. श्री चंद्रा ने तत्काल कार्यवाही का आश्वासन भी दिया.
मैं दिनांक 05/10/2014 को स्वयं मौके पर गया था और मैंने मौके पर कटे पेड़ के फोटो लिए और तमाम लोगों से बात की. मैंने श्री नफीस और श्री तजऊ के अलावा श्री सग्गू (जिन्होंने श्री तजऊ की तरफ से चौकी इंचार्ज को पैसे दिए थे) से भी बात की. गांववालों ने यह भी बताया कि अमेठी में हरा पेड़ काटने का तय रेट दो हज़ार रुपये प्रति पिकअप और चार हज़ार रुपये ट्राली है, जो पेड़ कटने के पहले पहुँच जाना चाहिए. मेरे पास इन सभी बातों की वीडियो रिकॉर्डिंग है.
इसके बाद मैंने श्री चंद्रा से पुनः फोन पर बात की लेकिन मेरी जानकारी में अब तक इस मामले में उनके स्तर से कोई भी जांच आदेशित नहीं की गयी है. संभवतः इस प्रकरण की जांच एसपी अमेठी ने एएसपी अमेठी को सौंपी है. जाहिर है कि यह जांच प्रथमद्रष्टया ही दूषित कही जायेगी क्योंकि मैंने जो तथ्य आईजी ज़ोन, लखनऊ के सम्मुख रखे थे उसमे अन्य लोगों के अतिरिक्त एसपी, अमेठी की भूमिका की भी चर्चा है. ऐसे में यह जांच एएसपी द्वारा किया जाना किसी प्रकार से औचित्यपूर्ण नहीं जान पड़ता.
साथ ही यह भी बताना चाहूँगा कि मेरे मौके पर जाने के बाद चौकी इंचार्ज श्री महेश चंद्रा ने ठेकेदार श्री तजऊ के तेरह हज़ार रुपये श्री सग्गू के माध्यम से वापस कर दिए हैं. चौकी इंचार्ज ने ठेकेदार पर अपने बयान बदलने का भी दवाब दिया है और वे लगातार ठेकेदार को अपना बयान बदलने के दिए अलग-अलग प्रकार से दवाब बना रहे हैं. मेरे पास ठेकेदार और उनके प्रत्यक्षदर्शी साथी का वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है जिसमे ठेकेदार श्री तजऊ कह रहे हैं कि चौकी इंचार्ज ने तेरह हज़ार रुपये लौटा दिए और दो हज़ार इसीलिए नहीं लौटाए कि वह लकड़ी काटने का चौकी का अनधिकृत आधिकारिक रेट है.
श्री नफीस ने मुझसे लखनऊ में मिल कर बताया है कि मेरे वापस आने के बाद उन्हें एसपी अमेठी द्वारा कई प्रकार से धमकी दी गयी है, थानाध्यक्ष शिवरतनगंज को उनके क्राइम हिस्ट्री खंगालने के आदेश दिए गए हैं और श्री नफीस को बर्बाद कर देने की बातें कही गयी हैं.
निवेदन करूँगा कि उपरोक्त सभी बातें अत्यंत गंभीर हैं क्योंकि-
1. इसमें कोई शंका नहीं है कि एक हरा पेड़ कटा
2. इसमें कोई शंका नहीं कि मेरे आईजी ज़ोन को शिकायत किये जाने तक इस मामले की एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी
3. श्री नफीस कह रहे हैं और यह बात फोन रिकॉर्ड से आसानी से तस्दीक की जा सकती है कि उन्होंने एएसपी और एसपी को शिकायत की या नहीं
4. प्रथमद्रष्टया यह सही जान पड़ता है कि श्री नफीस ने पेड़ काटने की शिकायत की क्योंकि एएसपी को शिकायत होने के बाद ही चौकी की पुलिस ठेकेदार को चौकी ले गयी
5. ठेकेदार श्री तजऊ खुलेआम कह रहे हैं कि पेड़ काटने के पहले ही उन्होंने चौकी पर दो हज़ार रुपये जमा कर दिए थे
6. ठेकेदार श्री तजऊ खुलेआम कह रहे हैं कि एएसपी को शिकायत करने पर उन्हें चौकी पर ले जाने के बाद अर्थदंड (घूस) दो हज़ार रुपये से तुरंत पचास हज़ार हो गया जो अंत में पंद्रह हज़ार पर पक्का हुआ
7. ठेकेदार श्री तजऊ खुलेआम कह रहे हैं कि मेरे मौके पर जा कर जांच करने के बाद चौकी इंचार्ज ने तेरह हज़ार रुपये वापस कर दिए, दो हज़ार इसलिए नहीं वापस किये गए क्योंकि यह अवैधानिक सरकारी रेट है
8. मैंने इस मामले की दो बार फोन से और एक बार लिख कर आईजी ज़ोन, लखनऊ को शिकायत की है
9. यद्यपि शिकायत में एसपी अमेठी की भूमिका का भी उल्लेख है पर जांच संभवतः एएसपी अमेठी द्वारा की जा रही है
10. इस गंभीर शिकायत के अब एक सप्ताह बीत चुके हैं
इन स्थितियों में मेरे पास इस बात के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं दिखता कि अब मैं यह प्रकरण स्वयं आपके संज्ञान में लाऊं और आपसे यह निवेदन करूँ कि इस मामले की डीजीपी कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से उच्च-स्तरीय जांच करा कर इस प्रकरण में आवश्यक विधिक तथा प्रशासनिक कार्यवाही कराये जाने की कृपा करें. साथ ही यह भी निवेदन करूँगा कि श्री नफीस तथा ठेकेदार श्री ताज मोहम्मद उर्फ़ तजऊ की आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित कराये जाने की कृपा करें ताकि पुलिस अथवा किसी अन्य की ओर से उन्हें किसी भी प्रकार की कोई भी क्षति नहीं पहुंचे. पुनः निवेदन करूँगा कि इस मामले में मेरे पास अपनी कही गयी बातों के लिए फोटो तथा वीडियो के रूप में पर्याप्त साक्ष्य हैं जिन्हें मैं किसी भी जांच अधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत करने को निरंतर तत्पर रहूँगा.
पत्रांक संख्या- AT/Comp/01/14
दिनांक – 11/10/2014
(अमिताभ ठाकुर)
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ
# 94155-34526