फरीदाबाद से दुखद खबर है कि महिला पत्रकार पूजा तिवारी ने फरीदाबाद के सेक्टर-46 के सदभावना अपार्टमेंट की 5वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. पूजा पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा था. इंदौर की रहने वाली पूजा तिवारी एक वेब पोर्टल में काम करती थीं. पिछले दिनों उनके खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज हुआ था. पुलिस को उनकी एक सहेली ने बताया कि इस मामले के बाद वेबसाइट ने उसे सस्पेंड कर रखा था.
पिछले दिनों आईएमए की पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. अर्चना गोयल और उनके पति इंडियन मेडिकल असोसिएशन के डॉक्टर अनिल गोयल ने शिकायत की कि उन्हें अनुज मिश्रा नामक एक युवक ने फोन किया और उसने खुद को एक अखबार का रिपोर्टर बताते हुए कहा कि उसने एक न्यूज चैनल की रिपोर्टर पूजा तिवारी के साथ मिलकर झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है. अर्चना गोयल और डॉ. अनिल गोयल निजी नर्सिंग होम चलाते हैं. उनका आरोप था कि अनुज ने उन पर गर्भपात कराने का आरोप लगाया और उनकी साख खराब करने की धमकी देकर 2 लाख रुपए की मांग की. जब डॉक्टर ने उन्हें नर्सिंग होम से जाने को कहा तो उन्होंने साजिशन एक अप्रैल को एक पोर्टल पर आर्टिकल लिख डाला. दोनों ने इसे वॉट्सऐप और फेसबुक पर भी पोस्ट कर दिया.
डॉक्टर की शिकायत के बाद थाना सेंट्रल पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 91 के तहत ई-मेल द्वारा अखबार और न्यूज चैनल को नोटिस भेजा. नोटिस में प्रबंधन से पूछा गया था कि क्या आरोपी अनुज और पूजा उनके कर्मचारी हैं. अखबार और न्यूज चैनल ने दोनों को अपना कर्मचारी मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश देनी शुरू कर दी. सेंट्रल थाना पुलिस ने अनुज मिश्रा और पूजा तिवारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 384, 420 और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. तब से लेकर इस मामले की जांच की जा रही थी.
Aalok Bajpai
May 3, 2016 at 9:16 am
पत्रकार पूजा तिवारी अपने समय की आम लड़कियों से दस हज़ार गुना ज़्यादा हिम्मती, कॉन्फिडेंट और अपनी ज़िंदगी अपनी तरह से जीने का माद्दा रखने वाली बहादुर लड़की थी. एक मित्र के रूप में उसकी मौलिकता ने हमेशा मेरा ध्यान खींचा। कॉमेडियन भारती के कई बरस पहले से वह, ” डरती मैं किसी के बाप से भी नहीं ….” का संवाद अक्सर बोला करतीे थी. मैं निजी तौर पर दावे से कह सकता हूँ कि किसी को ब्लैकमेल कर रुपये कमाने जितनी लालची वह कभी हो ही नहीं सकती थी. उस पर केस निश्चित ही डॉक्टर गोयल और झोलाछाप धवल सिंह ने अपने संपर्कों और रुपयों से लगवाया है. केस के बाद पत्रकार बिरादरी ने जिस तरह बिना जाँचे उसका विक्टिमाइज़ेशन किया वह उनके लिए शर्म से डूब मरने की बात है. मैं पुलिस -पत्रकारों दोनों को उसका दोषी मानता हूँ …..
लेकिन ….लेकिन ….लेकिन …. मैं पूजा की मौत को आत्महत्या या हादसा दोनों मानने को तैयार नहीं। ये साफ़ तौर पर हत्या है ….हत्या है ….हत्या है. पुलिस केस में दम नहीं कि उससे घबराकर पूजा जैसी बहादुर लड़की ख़ुदकुशी करे. विरोधी पत्रकारों को तो वो “माय फुट” से ज़्यादा लायक नहीं मानती होगी। निश्चित हेी उसकी मौत के पीछे गहरी साज़िश है. उसकी ह्त्या की निष्पक्ष जाँच ज़रूरी है …. भगवान् पूजा को शान्ति और न्याय दे। वरिष्ठ खेल पत्रकार साथी श्री रवि तिवारी जी एवं सभी शोकाकुल परिजनों को ईश्वर ये वज्रघात सहने और दोषियों को कड़ी सज़ा दिलाने की लड़ाई लड़ने की शक्ति दे …. You will be missed by one and all Pooja … श्रद्धांजलि ….
manmohan
May 4, 2016 at 6:27 am
surprise !!!not a single post….!!….portal ka satnd!!!.kya media waqayee itni imaandaar ho gayee ki pooja ki maut par koi pratikriya nahin…aakhir ek insaan ki jaan gayee hai..agar vah balcmail kar bhi rahi thi (iss kritya ka anumodan main nahin kar raha hoon)…to uski maut nyaochit hai?..mana ki portal’ raja harishchndra ‘ chala rahe hon.usne puja ko suspend ..kar diya…tha..lekin use apna karmchari manane se inkaar karna …waqyee sahi stand tha …bkacmail ke aarop ….aksar achhe achhe media house par lagte rahe hain…uski maut par …chup rehna sahi hai..uske parivar par kya beeti hogi…uss mehroom ke liye koi to kuchh bole