Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

भारत की अधिकांश रेल पटरियों की लाइफ ख़त्म हो चुकी है, ट्रेन से चलना बेहद जोखिम भरा

Subhash Chandra Kushwaha : मेरे एक प्रिय रिश्तेदार रेलवे में ट्रैक मेंटीनेंस से सम्बंधित इंजीनियर हैं. विदेशों में भी ट्रैक का निर्माण करने का अनुभव है. वे विगत १० सालों से कहा करते थे कि भारत की रेल जिस तरह बेहद कमजोर ट्रैक पर दौड़ रही है, यह बेहद जोखिमभरा है. वह बताते थे कि देश की अधिकांश पटरियों की लाइफ ख़त्म हो चुकी है मगर वे बदली नहीं जातीं. ट्रैक के नीचे गिट्टी की मोटाई मानक की आधी ही रखी जाती है. गिट्टी की कसाई ठीक से नहीं होती. ऐसे में बुलेट ट्रेन की बात छोड़िये, 100 की स्पीड में ट्रेन चलाना जोखिम भरा है.

<p>Subhash Chandra Kushwaha : मेरे एक प्रिय रिश्तेदार रेलवे में ट्रैक मेंटीनेंस से सम्बंधित इंजीनियर हैं. विदेशों में भी ट्रैक का निर्माण करने का अनुभव है. वे विगत १० सालों से कहा करते थे कि भारत की रेल जिस तरह बेहद कमजोर ट्रैक पर दौड़ रही है, यह बेहद जोखिमभरा है. वह बताते थे कि देश की अधिकांश पटरियों की लाइफ ख़त्म हो चुकी है मगर वे बदली नहीं जातीं. ट्रैक के नीचे गिट्टी की मोटाई मानक की आधी ही रखी जाती है. गिट्टी की कसाई ठीक से नहीं होती. ऐसे में बुलेट ट्रेन की बात छोड़िये, 100 की स्पीड में ट्रेन चलाना जोखिम भरा है.</p>

Subhash Chandra Kushwaha : मेरे एक प्रिय रिश्तेदार रेलवे में ट्रैक मेंटीनेंस से सम्बंधित इंजीनियर हैं. विदेशों में भी ट्रैक का निर्माण करने का अनुभव है. वे विगत १० सालों से कहा करते थे कि भारत की रेल जिस तरह बेहद कमजोर ट्रैक पर दौड़ रही है, यह बेहद जोखिमभरा है. वह बताते थे कि देश की अधिकांश पटरियों की लाइफ ख़त्म हो चुकी है मगर वे बदली नहीं जातीं. ट्रैक के नीचे गिट्टी की मोटाई मानक की आधी ही रखी जाती है. गिट्टी की कसाई ठीक से नहीं होती. ऐसे में बुलेट ट्रेन की बात छोड़िये, 100 की स्पीड में ट्रेन चलाना जोखिम भरा है.

भारतीय रेल की पटरियों पर फ़िलहाल 100 km की रफ़्तार से ट्रेन दौड़ना जोख़िम भरा है. पटरियां सड़ चुकी हैं. पटरियों के मेंटिनेंस पर जितना काम किया जाना चाहिए, उसका आधा भी नहीं होता. मौत का सफ़र करने को हम मजबूर हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुभाष चंद्र कुशवाहा की एफबी वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement