अमर उजाला हिमाचल के शिमला स्थित स्टेट ब्यूरो से हटाकर धर्मशाला भेजे गए राजेश मंढोत्रा ने अमर उजाला को बाय-बाय कह दिया है. उन्हें करीब सात माह पहले धर्मशाला में निचले हिमाचल के तहत आने वाले जिला कार्यालयों का कोआर्डिनेटर बनाया गया था. हालांकि वे तब से अपना तबादला रद करवाने की जुगत में लगे हुए थे, मगर प्रबंधन ने उनकी नहीं सुनीं. इस बीच उनका परिवार शिमला में ही था.
पारिवारिक दिक्कत के चलते वे शिमला में ही काम करने के इच्छुक थे. पहले तो वे प्रबंधन को मनाने में लगे रहे, मगर जब बात न बनी तो उन्होंने किसी दूसरे समाचार पत्र में बात करके शिमला तैनाती ले ली है. उनके अमर उजाला से जाने के बाद अमर उजाला के संपादीकय प्रभाग को झटका लगा है. ज्ञात रहे कि अमर उजाला से एक-एक करके पुराने लोग या तो चले गए हैं या फिर छोड़कर जाने को मजबूर कर दिए गए. अब हालत यह है कि हिमाचल का स्टेट ब्यूरो सबसे कमजोर स्थिति में है. लोग कहने लगे हैं कि अब अमर उजाला के स्टेट ब्यूरो में पहले जैसा दम नहीं रहा.
Comments on “राजेश मंढोत्रा ने अमर उजाला हिमाचल को बाय-बाय कह दिया”
naye स्टेट ब्यूरो bhi behad parbhavshali hai
Ab amarujala cahata nahi uske yaha pehle wale koi log kaam kare ab ye company 5000 rupaye per ladke bharti karwa ke b kaam karwana cahata hai
Majithiya ke naam per kisi ko 100 kisi ko 1000 to kisi ko 3000 badha kar pakda diya aur ab bahut buri tarah se pareshan karne me laga hai jaldi hi bahut aur log ya to aawaj utha denge ya chod denge.
Sab employees bahut pareshan hai iss company se
Ab ye aisi company nahi rahi jaisi pehle hua karti thi ye b jagran aur bhaskar ke nakshe kadamo per chal rahi hai.
Himachal May Dainik Jagran ki Halat bi kafi buri ho gai hai.
अमर उजाला का बेड़ा गर्क तो उसी दिन से होना शुष् हो गया था, जब से उदय कुमार ने राघवेंद्र नारायण मिश्रा को यहां भेजा था ताकि वह दलाली कर सके। इसके बाद यहां पर कई दलाल किस्म के लोगों की भर्तियां की गई। कुछ दलाल तो अभी वहीं हैं कुछ ट्रांसफर होने के भय से भाग कर दूसरे अखबारों में चले गए हैं।