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सियासत

उर्दू के नॉवेल में डॉ राकेश पाठक की कविता

उर्दू के मशहूर अफसानानिगार सैयद मौहम्मद अशरफ़ का नया नॉवेल “आखिरी सवारियां” हाल ही में “ऑक्सफ़ोर्ड बुक स्टोर” ने साया किया है। अशरफ़ साहब ने इस नॉवेल में  डेटलाइन इंडिया के प्रधान संपादक और कवि डॉ राकेश पाठक की कविता “उसने प्रेम किया” को शामिल किया है। अपने ‘एतराफ़’ में अशरफ़ भाई ने डॉ पाठक और कविता का ज़िक्र कुछ इस तरह किया है–

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उर्दू के मशहूर अफसानानिगार सैयद मौहम्मद अशरफ़ का नया नॉवेल “आखिरी सवारियां” हाल ही में “ऑक्सफ़ोर्ड बुक स्टोर” ने साया किया है। अशरफ़ साहब ने इस नॉवेल में  डेटलाइन इंडिया के प्रधान संपादक और कवि डॉ राकेश पाठक की कविता “उसने प्रेम किया” को शामिल किया है। अपने ‘एतराफ़’ में अशरफ़ भाई ने डॉ पाठक और कविता का ज़िक्र कुछ इस तरह किया है–

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“शाम लाल की बेटी के वियाह की मज़हबी रसूम का बयान मशहूर हिंदी सहाफी और शायर डाक्टर राकेश पाठक की किताब “बसंत के पहले दिन से पहले” में शामिल नज़्म “उसने प्रेम किया” से माखूज़ है।”

इनकम टैक्स महकमे में सेटलमेंट कमिश्नर के ओहदे पर तैनात अशरफ़ साहब उर्दू के बहुत ही पायेदार अफसानानिगार हैं। उन्हें सन् 2003 में कहानियों की किताब ” बादे सबा का इन्तिज़ार” पर ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ मिल चुका है।उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से भी अशरफ़ साहब नवाज़े जा चुके हैं। उनकी किताबों में “नम्बरदार का नीला” उपन्यास और “डार के बिछड़े” जैसे कहानी संग्रह खास हैं।

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बताना मुनासिब होगा  कि “कंजूस ” जैसे मशहूर नाटक के लेखक “हज़रत आवारा” अशरफ़ साहब के दादा जान थे। सैयद मौहम्मद अशरद के छोटे भाई  सैयद मौहम्मद अफज़ल (एडीशनल डी जी लोकायुक्त मप्र) भी काबिल अफसानानिगार हैं। डॉ राकेश पाठक की इस कविता को नॉवेल में शामिल किया गया है–

-उसने प्रेम किया-

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उसने प्रेम किया
आलता घोल कर
पैरों में रचाया
हवन के लिए वेदी सजाई
आटे से चौक पूरा
और बनाये नवग्रह

रोली चावल और थोडा सा कपूर रखा
पालथी मार कर बैठी
सिर पर जरा सा आगे किया पल्लू
हथेली पर गंगाजल लेकर किया आचमन
‘आवाहनम् न जानामि’ कहते हुए
किया देवताओं का आह्वान

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प्रेम हवन में खुद को करती रही स्वाहा
‘पूजाम् चैव न जानामि’ कहते हुए
उसने प्रेम किया
पूजा की तरह।

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