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चिटफंड कंपनी ने ‘राष्ट्रीय परिवर्तन’ नामक अखबार के माध्यम से काला धन सफेद किया!

सावधान! मैं मीडिया के लोगों को सतर्क करना चाहता हूं। राजधानी लखनऊ में बहुत सारे लोगों के पास अखबार के टाइटिल हैं। कई लोग तो अपने पास 20-30 टाइटिल रखे हुए है। अपनी बीवी, बच्चों, मां-बाप-दादा यानी पूरे खानदान के नाम ये लोग पैसे खिलाकर टाइटिल खरीद लेते हैं। फिर उसको लाखों में बेच देते हैं। इन्हीं नामों में से एक नाम है संजय श्रीवास्तव का। ये अलीगंज का रहने वाला है। इस आदमी ने 20-25 अखबारों के टाइटिल खरीद रखे हैं।

सावधान! मैं मीडिया के लोगों को सतर्क करना चाहता हूं। राजधानी लखनऊ में बहुत सारे लोगों के पास अखबार के टाइटिल हैं। कई लोग तो अपने पास 20-30 टाइटिल रखे हुए है। अपनी बीवी, बच्चों, मां-बाप-दादा यानी पूरे खानदान के नाम ये लोग पैसे खिलाकर टाइटिल खरीद लेते हैं। फिर उसको लाखों में बेच देते हैं। इन्हीं नामों में से एक नाम है संजय श्रीवास्तव का। ये अलीगंज का रहने वाला है। इस आदमी ने 20-25 अखबारों के टाइटिल खरीद रखे हैं।

जेकेवी चिटफंड कंपनी के मालिक राजेश सिंह ने अपने काले धन को वाइट करने के लिए संजय से हिन्दी दैनिक राष्ट्रीय परिवर्तन के नाम से अखबार का टाइटिल खरीद लिया है। अखबार का पता- स्वामी, प्रकाशक एवं मुद्रक- राजेश सिंह द्वारा स्टार प्रिंटर्स, अबरार नगर, खुर्रमतनगर लखनऊ से मुद्रित। कार्यालय राष्ट्रीय परिवर्तन, 10/47 बहार, सहारा स्टेट, जानकीपुनम लखनऊ है।

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राजेश सिंह इतना चालाक है यह अपने अखबार में भर्ती अपनी फाइनेंस कंपनी जेकेवी ग्रुप के माध्यम से करता है। यह अखबार लोगों को बुलाता है। अच्छी सैलरी का लालच देता है, अपाइमेंट लेटर और बहुत सारे सपने दिखाता है। लोग इस अखबार के बहकावे में आकर अपनी-अपनी नौकरियां छोड़कर इस अखबार में काम करने लगते हैं। न तो राजेश सिंह इनको अपाइमेंट लेटर देता है और न पैसा मांगने पर पैसा देता है। कहता है कि आपकी साइन नहीं है। तमाम तरह की बातें कर उनको हटा देता है। लोग दौड़ते हैं। फोन करते हैं। फिर थक-हारकर बैठ जाते हैं। उसके बाद फिर राष्ट्रीय परिवर्तन अखबार लोगों को फोन करता है, बुलाता है, काम कराता है, जैसे पहले के कर्मचारियों के साथ किया वैसे ही वही क्रम दोहराया जाता है।

दो टीमें यह हटा चुका है। किसी का पैसा नहीं दिया है। अब फिर केएफसी चिटफंड का मालिक राजेश सिंह एक बार फिर से मीडियाकर्मियों को फोन कर बुला रहा है। मैं भड़ास मीडिया के द्वारा मीडियाकर्मियों को सचेत कर रहा हूं कि राष्ट्रीय परिवर्तन केएफसी चिटफंड के मालिक राजेश सिंह 420 के चक्कर में न फंसे और ऐसे काला धन वालों के खिलाफ आवाज उठाये जो मीडिया जो कि देश का चौथा खंभा है ऐसे लोग मीडिया को बदनाम कर रहे हैं। ऐसे लोग सिर्फ अखबार के माध्यम से अपना काला धन सफेद कर रहे हैं। 

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मैं एक मामूली इंसान हूं। मैंने आम नागरिक होने के नाते विभाग को अवगत कराया है। इस तरह के काला धन रखने वालों में खलबली मची हुई है। राजेश सिंह के तरह और बहुत सारे लोग अखबार के माध्यम से काला धन सफेद कर रहे हैं। हां, एक बात और। केएफसी चिटफंड के नाम से यह रियल स्टेट का धंधा भी कर रहा है। इसने बिल्डर्स के रूप में दबंगई के चलते काफी गरीब किसानों की जमीनें हथियाई हैं।

लखनऊ से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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