समाचार एजेंसी भाषा की खबर…
दिल्ली हाई कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र राय के खिलाफ जांच पर रोक लगाने या उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने से आज मना कर दिया। मुंबई के एक बिल्डर से 15 करोड़ रुपये की वसूली करने के आरोप में सीबीआई द्वारा दर्ज दूसरी प्राथमिकी को राय ने रद्द करने की मांग की थी।
जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कहा, ‘मैं जांच पर रोक नहीं लगा रही हूं। गिरफ्तारी से संरक्षण संभव नहीं है। याचिका निरस्त की जाती है।’
जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कहा कि इस तरह की याचिका अदालत से उसके या निचली अदालत के पिछले फैसले को अमान्य ठहराने का अनुरोध है। अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब राय के वकील ने उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान करने की मांग की क्योंकि अदालत ने दूसरी प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करने वाली उनकी याचिका जुलाई में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की थी।
सीबीआई ने बुधवार को अदालत के निर्देश के अनुसार स्थिति रिपोर्ट दाखिल की थी। राय पहली प्राथमिकी के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने 5 मई को दर्ज दूसरी प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है।
सीबीआई ने दावा किया है कि दोनों प्राथमिकियां दो अलग-अलग आरोपों के संबंध में हैं। सीबीआई के अनुसार, मुंबई की व्हाइट लॉयन रियल एस्टेट डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड बलविंदर सिंह मल्होत्रा ने राय के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। राय ने कहा कि दूसरी प्राथमिकी उनके खिलाफ दर्ज पहली प्राथमिकी का ही हिस्सा है। अदालत ने गौर किया कि पहली प्राथमिकी सूत्र से मिली सूचना के आधार पर दर्ज की गई थी, जबकि दूसरी प्राथमिकी एक रियल एस्टेट कंपनी के निदेशक की शिकायत पर दर्ज की गई।
सीबीआई ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 जुलाई को निर्धारित कर दी। अदालत ने गौर किया कि मामले की जांच बेहद शुरुआती चरण में है। अदालत ने सीबीआई को विस्तृत स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।