शीतल पी सिंह-
देश में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बड़ी तबाही के संकेत हैं। आज शेयर मार्केट बुरी तरह धड़ाम हुआ है। क़र्ज़ ले लेकर सँभाला गया रामराज्य लाने के नाम का आख़िरी धोखा भी ज़ाहिर हो गया।
अर्थव्यवस्था में भारी तबाही के चिन्ह हैं पर आँकड़ों की हेराफेरी से वर्तमान सरकार इस पर पानी डालने का काम करती रही है ।
फारेक्स रिज़र्व और निर्यात के आँकड़ों को महिमामंडित कर पर्दा डालने की कोशिश काफी समय से चल रही है पर पर्दा कहीं न कहीं फट ही जाता है। विदेशी निवेशकों में भारतीय बाज़ार से पैसा निकालने की अफ़रातफ़री से बाज़ार ध्वस्त हुआ है। देसी निवेश से पिछले हफ़्ते इसे बचाने की जिद्दोजहद चली थी पर उसकी एक सीमा है जिसे यह सरकार सरकारी उपक्रमों को बेच बेच कर खोखला करती जा रही है।
रंगनाथ सिंह-
मुद्रास्फीति का सरल अर्थ ये हुआ कि यदि आपकी आमदनी पिछले साल 100 रुपये थी तो अब उसका वास्तविक मूल्य 85.55 रुपये ही रह गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो यदि आप पिछले साल 100 रुपये कमाते थे तो इस साल आपकी आमदनी अगर 114.55 पैसे नहीं हुई है तो समझिए आपका आर्थिक ह्रास हुआ है।
One comment on “शेयर मार्केट धड़ाम!”
इसकी लिए बौद्धिक संगठनों को संगठित होकर इसके खिलाफ जंतर मंतर दिल्ली में प्रदर्शन करना चाहिए जिससे कि लोगों में जागरूकता आ सके और सरकार पर दबाव बने जिससे कि वह स्वस्थ कदम देश के हित में उठा सकते हैं