नोएडा में उत्तर प्रदेश पुलिस के लोगों को लेकर चल रही किराए के नंबर प्लेट वाली एक गाड़ी में खाने के पैकेट पर नमो लिखा था और इसपर काफी चर्चा हो चुकी है। यह गाड़ी नोएडा में एक मतदान केंद्र पर भी देखी गई। ट्वीटर उपयोगकर्ताओं ने इसकी तस्वीरें शेयर कीं। बताया जाता है कि ये पैकेट नोएडा सेक्टर 15ए में तैनात पुलिस वालों के लिए आए थे। बात बढ़ते ही इन्हें वहां से हटा दिया गया। दरअसल खाने के इन पैकेट पर हिंदी में नमो फूड्स लिखा था। आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी चुनाव प्रचार के लिए अनुचित तरीकों का उपयोग करती रही है और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता रहा है। चूंकि पहले के मामलों में किसी पर सख्ती से कार्रवाई नहीं हुई इसलिए समर्थकों (और आम लोगों) का डर खत्म हो गया लगता है।
पहले रेल के टिकट पर, फिर बोर्डिंग पास पर और शताब्दी एक्सप्रेस में चाय की प्याली (कागज के कप) पर विवाद हो चुका हैं। ऐसे में चुनाव के दिन पोलिंग टीम की गाड़ी में नमो फूड्स आना साधारण बात नहीं है और कारण चाहे जो हो, अक्षम्य है। जाहिर तौर पर पहले यह आरोप लगाया गया कि ये पैकेट आज के लिए खासतौर से बनवाए गए होंगे। पर कुछ लोगों का बचाव है कि इस नाम से एक दुकान पहले से है और खाने के ये पैकेट वहीं से खरीदे गए हैं। और यह सब इरादतन नहीं किया गया है।
सबको पता है कि चुनाव का नियम है कि चुनाव के समय, मतदान केंद्रों के आस-पास एक निश्चित दूरी तक कब और कितने समय तक किसी भी पार्टी या उम्मीदवारों से संबंधित किसी भी सामान की मौजूदगी नहीं होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश में एक बार हाथी की मूर्ति को ढंकवाया जा चुका है। ऐसे में स्थानीय तौर पर निजी पैसे से खरीदकर भी ये डिब्बे मतदान केंद्र के पास नहीं पहुंचने चाहिए थे। अगर ऐसा हुआ है तो निश्चित रूप से जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और नजीर पेश किया जाना चाहिए ताकि सात चरणों में होने वाले चुनाव और आदर्श आचार संहिता मजाक न बन जाएं।
वरिष्ठ पत्रकार और अनुवादक संजय कुमार सिंह की फेसबुक पोस्ट।