संजय झा-
बिहार के बक्सर में पचास से अधिक लाशें गंगा में बहा दी गईं। यह लाशें एक किलोमीटर के दायरे में बिखरी हुई हैं। कहीं पर यह आंकड़ा सौ से अधिक भी बताया जा रहा है। जबकि अधिकारियों के मुताबिक यह मात्र दर्जन भर लाशों का मामला है।
बक्सर प्रशासन के मुताबिक ये लाशें ऊपरी इलाके अर्थात उत्तर प्रदेश से बहकर आयी हैं। वहीं इलाके के लोगों का कहना है कि आसपास के गांवों में मौतों का आंकड़ा अचानक बढ़ गया है। जहां पहले श्मशान में 5 से 7 लाशें जलाई जाती थीं, वह संख्या अब सौ से अधिक हो चुकी है।
जगह का घोर अभाव है ऐसे में लाशों को गंगा में बहा दिया जा रहा है। इसी क्रम में ये लाशें गंगा किनारे लग कर दुर्गंध फैला रही हैं।
आप समझिए कि कोरोना के मामलों को संभालना सरकार के हाथ में नहीं रह गया है। आंकड़ों के खेल में कैसी बाजीगरी हो रही है यह अब तक आप भी जान चुके होंगे। सरकारें जितनी गड़बड़ी कर सकती थीं कर चुकी हैं मगर आम लोग भी अब तक सचेत नहीं हुए हैं।
लॉकडाउन के बावजूद सड़कों पर भीड़ दिख ही रही है। शादी हो या श्राद्ध कार्यक्रम लोग इकठ्ठा हो ही रहे हैं। जम के नाच हो रहा है जम के दावत उड़ाई जा रही है। लोग घर में रहने को तैयार नहीं हैं।
अब कम से कम संभलिए स्थिति और खराब हुई तो लाश जलाने को लकड़ी तक नहीं मिलेगी। और सिस्टम को तो जान ही रहे हैं यह मानने से इंकार तक कर देगा कि मौत कोरोना से ही हुई है।
श्वेता रश्मि-
गंगा में 40 लाशें तैरती मिली हैं। अगर ये सिलसिला नहीं रुका तो वाकई में महामारी फैलेगी। कुछ नहीं हो पायेगा। सरकार निकम्मी और कातिल है। हम सब पढ़े लिखे हैं। गांव को संभालिये वरना अनर्थ हो जायेगा। ऊत्तरप्रदेश बिहार के मित्र आगे आइये। समझाइए उन्हें ऐसा ना करें। इस बढ़ती गर्मी में ये जहर बहुत तेज़ी से फैलेगा।
अब हमें एक साथ मिलकर इस हत्यारी सरकार का फैलाया रायता समेटना है और अपनों को बचाना है। टेक्नोलॉजी आपके पास मोबाइल में है। अपने अपनों को संपर्क कीजिये अपने अपने गांव में। हालात संभाल सकते हैं।
खुद ही बचाव और समाधान करना होगा। ये देश चलाने नहीं अय्यासी करने आये थे। समाज को हिन्दू मुसलमान में बांट कर अपना उल्लू सीधा करने आये थे।
Vivek kumar-
बिहार : बक्सर के गंगा घाट पर लाशों का अंबार. कोविड से मारे गए दर्जनों लोगों की लाशें…. पल्ला झाड़ते हुए बोला बिहार प्रशासन- “हमारी नहीं, UP की लाशें हैं”
बक्सर में लाशें गंगा में बहते हुए पाया गया। बिहार सरकार कहती है कि यूपी से बहकर आया है।
मेरा तो मानना है यह बिहार/UP की नहीं इंसान की लाश है।इनकी हत्यारी सरकारों पर कठोर करवाई हो!
BJP की दोनों जगह सरकार है, वह स्पष्ट करे कि कौन जिम्मेवार है? क्या कोई बहाना फिर तैयार है?
अमरेंद्र राय-
बक्सर में गंगा नदी में दर्जनों लाशें देखी गई है। कहा जा रहा है कि ये लाशें corona संक्रमित लोगों की है जिन्हें जलाने की बजाय गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया गया है। इसे लेकर राज्यों के बीच राजनीति भी शुरू हो गई है। बक्सर बिहार में है। अपनी बदनामी होते देख बिहार सरकार का कहना है कि ये लाशें पीछे से बहकर आई हैं।
गंगा उत्तराखंड के गोमुख से निकलती है और यूपी होते हुए बिहार में प्रवेश करती है। इसका मतलब ये हुआ कि अगर ये लाशें बिहार की नहीं हैं तो या तो उत्तराखंड की होंगी या यूपी की। इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी की ही सरकार है। मैं इस राजनीति में नहीं पड़ना चाहता।
मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि क्या इन लाशों के कारण गंगा जल में भी corona के कीटाणु मिल गए होंगे। अगर ऐसा है तो यह बहुत ही खतरनाक बात होगी। क्योंकि गंगा में आस्थावान लोग स्नान भी करते हैं और यह पीने के काम भी आता है। देश के कई बड़े शहरों में पीने के पानी की सप्लाई के रूप में गंगा जल की सप्लाई की जाती है। राज्यों के प्रशासन से अनुरोध है कि वे इस पक्ष की ओर भी ध्यान दें और जरूरी लगे तो आवश्यक कदम उठाएं।