बरेली। दैनिक भास्कर के नाम पर ठगी करने का आरोप ललन कुमार मिश्रा पर लगा है. आरोप है कि बरेली जनपद के फरीदापुर चौधरी पोस्ट इज्जत नगर तहसील निवासी पत्रकार इमरान खान को बरेली रीजन का प्रभारी बनाने के नाम पर यह ठगी की गई है।
यह धनराशि ऑनलाइन दैनिक भास्कर नोएडा के करंट अकाउंट में विभिन्न तिथि वार आरटीजीएस द्वारा जमा की गई है। इस संबंध में इमरान खान के अधिवक्ता संजीव जौहरी ने दैनिक भास्कर नोएडा के पूर्व मुद्रक प्रकाशक ललन मिश्रा को कानूनी नोटिस भेजा है।
नोटिस में बताया गया है कि 06जून 2019 को एक लाख, 01 जुलाई 2019 को दो लाख और 08 अक्टूबर 2019 को दो लाख की धनराशि दल आरटीजीएस द्वारा जमा कराई गई है। आरटीजीएस के माध्यम से प्रश्नगत धनराशि दैनिक भास्कर नोएडा के एचडीएफसी बैंक में करंट अकाउंट संख्या 50200026433906 में जमा की गई है।
इमरान ने बताया कि उन्हें ललन मिश्रा ने पूरे बरेली रीजन का दैनिक भास्कर का प्रभारी बनाने का आश्वासन दिया था। इसी आश्वासन के बाद उन्होंने यह धनराशि जमा की थी। इमरान को ललन मिश्रा ने यह भी ताकीद किया था कि पांच लाख रुपये की यह धनराशि पांच साल की अवधि के लिए सिक्योरिटी के रूप में जमा रहेगी। इसके अलावा वह हर महीने एक लाख रुपये का विज्ञापन अखबार को देगा।
इस आश्वासन के बाद इमरान ने दो लाख की धनराशि खर्च कर अपने कार्यालय की सजावट और रंग रोगन कराया। इसके अलावा प्रिंटिंग प्रेस पर भी एक लाख रुपये खर्च किए। इस प्रकार इमरान खान ने कुल आठ लाख रुपये की धनराशि इस पूरे कथित प्रोजेक्ट पर खर्च की।
यह धनराशि अकाउंट में आने के बाद इमरान खान ने जब अखबार का चार्ज लेने के लिए ललन मिश्रा से कहा तो इसने कोविड-19 का बहाना बनाकर इंतजार करने के लिए कहा और बार-बार इसी तरह लॉलीपॉप देता रहा।
इसके बाद वस्तु स्थिति से रूबरू होने के लिए इमरान अपने साथियों के साथ ललन मिश्रा के नोएडा स्थित कार्यालय पर पहुंचा तो वहां पता चला कि बरेली में अखबार शुरू करने का कोई भी प्रस्ताव नोएडा संस्करण को संचालित करने वाली कंपनी मनुश्री क्रिएशन्स के पास विचाराधीन नहीं है।
इसके बाद इमरान ने कई बार अपनी धनराशि वापस करने के लिए ललन मिश्रा से संपर्क किया तो वह बहानेबाजी करने लगा और फोन कॉल तक उठा बंद कर दिया।
इमरान ने अपने अधिवक्ता के जरिए अब एक कानूनी नोटिस ललन मिश्रा के नाम भेजा है जिसकी प्रति दैनिक भास्कर के मूल स्वामी संजय कुमार अग्रवाल और तत्कालीन प्रधान संपादक के. श्रीनिवासन को भी भेजी है और चेतावनी दी है कि यदि 15 दिन के अंदर 12% सालाना ब्याज सहित आठ लाख की धनराशि वापस नहीं की गई तो उसे मजबूरन सक्षम न्यायालय में जाना पड़ेगा।
ललन मिश्रा के खिलाफ बनारस, आगरा और भी कई जनपदों में पैसे हड़पने का केस दर्ज है।
नोटिस की प्रति देखें-