उत्तर प्रदेश और बिहार पत्रकारों के लिए वाकई जंगलराज हैं. आए दिन यहां पत्रकार पीटे लूटे मारे जाते हैं. यूपी के मुगलसराय और बिहार के मधेपुरा में दो घटनाओं ने पत्रकारों को फिर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि आखिर उनकी सुरक्षा के लिए कानून कब बनाया जाएगा. मुगलसराय (चंदौली) से खबर है कि अलीनगर थाना क्षेत्र के सिरसी गांव के पास बाइक सवार तीन बदमाशों ने बीती रात एक हिन्दी दैनिक अखबार के पत्रकार वीरकेश्वर पाठक पर फायरिंग कर उनकी बाइक मोबाइल फोन और पर्स लूटकर फरार हो गए। संयोग था कि गोली पत्रकार की नाक को छूते हुए निकल गई।
बबुरी थाना क्षेत्र निवासी पत्रकार वीर केश्वर पाठक बीती रात मुगलसराय से घर के लिए निकले थे और वह अली नगर थाना क्षेत्र के सिरसी गांव से गुजर रहे थे इसी दौरान चकियां मुगलसराय मार्ग पर पीछे से एक बाइक पर सवार तीन बदमाशों ने पिस्तौल से फायर कर दिया जिससे वह बाइक समेत गिर पड़े। इसके बाद बदमाशों ने उनकी बाइक मोबाइल फोन और पर्स लूटकर फरार हो गए।
उधर, बिहार के मधेपुरा में ‘वर्दी वाले गुंडे’ का कहर लोगों को सहमा रहा है… पत्रकार की निर्ममतापूर्वक पिटाई की गई… बच्चे को भी नहीं छोड़ा…. मधेपुरा जिले के गम्हरिया में पुलिस मधेपुरा के इतिहास में सबसे शर्मनाक भूमिका में दिखी. गम्हरिया के थानाध्यक्ष सुनील कुमार और एएसआई राजबली यादव के इशारे पर सिपाहियों ने गम्हरिया के पत्रकार डिक्शन राज पर जमकर लाठियां बरसाई. गंभीर हालत में डिक्शन समेत करीब आधा दर्जन घायल को गम्हरिया के पीएचसी से मधेपुरा सदर अस्पताल रेफर किया गया है. हंगामे की घटना के बाद गम्हरिया में पुलिस मार्च कर रही थी. मौके पर मधेपुरा के जिलाधिकारी मो० सोहैल और पुलिस अधीक्षक विकास कुमार समेत कई अन्य उच्चाधिकारी भी मौजूद थे.
न्यूज कवरेज के लिए जिला के कई पत्रकारों के अलावे गम्हरिया के स्थानीय पत्रकार भी साथ थे. घायल डिक्शन राज ने बताया कि सबकुछ ठीक था कि अचानक थानाध्यक्ष सुनील कुमार और गम्हरिया के ही एएसआई राजबली यादव के इशारे पर पुलिस ने उनके बड़े भाई की मिठाई की दुकान में घुसकर लाठियां बरसानी शुरू की. देखकर जब वे उन्हें रोकने गए तो पुलिस ने लाठियों से उनके शरीर को छलनी कर दिया. वहीं मौजूद उनके भाई गोपाल को भी पुलिस ने बर्बरतापूर्वक पीटा. गम्हरिया में पुलिस ने तांडव दिखाते हुई करीब आधा दर्जन निरीह लोगों पर भी अपनी ताकत आजमाइश की और सन शाइन स्कूल सिंहेश्वर जा रहे एक 12 वर्षीय छात्र प्रवीण कुमार को भी बस पर चढ़ते समय खीच कर उस पर लाठियां बरसा दी.
गनीमत थी कि वहां मौजूद अन्य पत्रकारों ने ‘वर्दी वाले उन गुंडों’ का जमकर विरोध शुरू कर दिया और सड़क पर ही धरना पर बैठ गए. मौके की नजाकत भांपते हुए घटनास्थल पर पहुंचे जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने समझा-बुझा पत्रकारों को शांत किया. बाद में जिलाधिकारी मो० सोहैल और पुलिस अधीक्षक पीएचसी गम्हरिया गए और पत्रकार डिक्शन राज समेत अन्य घायलों से जानकारी ली. उधर पत्रकारों की मांग पर पुलिस अधीक्षक ने गम्हरिया थानाध्यक्ष सुनील कुमार को निलंबित कर दिया है. तत्काल पुरैनी के थानाध्यक्ष सुनील कुमार भगत को गम्हरिया का प्रभार दिया गया है. पुलिस अधीक्षक ने पत्रकार को घटना में शामिल अन्य सिपाहियों को भी निलंबित करने का आश्वासन दिया है. घटना अत्यंत की शर्मनाक है मधेपुरा प्रेस क्लब ने इस पूरी घटना की निंदा करते हुए दोषी थानाध्यक्ष सुनील कुमार को बर्खास्त करने की आवश्यकता जताई है ताकि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ जिले में सुरक्षित रह सके.