मथुरा में जवाहर बाग़ काण्ड का मुख्य आरोपी एटा जेल में आ चुका है। जी हां चौकिए मत। एटा जेल में जवाहर बाग़ काण्ड में निरुद्ध एक महिला ने एक लड़के को जन्म दिया है और उस महिला का कहना है कि मैं अपने इस नवजात शिशु का नाम राम बृच्छ यादव रखूंगी क्योकि मैं बहुत दिनों तक जवाहर बाग़ में रही हूँ। मथुरा के जवाहर बाग़ काण्ड में एटा जेल में बंद बरेली के दौलतपुर करीना गाव की ३२ साल की धर्मवती को ८ जून को मथुरा जेल से एटा जेल में लाया गया था।
धर्मवती के साथ मथुरा जेल से ९६ महिलाएं और ७३ जीरो से ६ साल तक के बच्चे एटा जेल लाये गए थे। ये सभी जवाहर बाग़ काण्ड में १५१ और १०७/१६ की धाराओं में आरोपी बनाये गए है। एटा जेल लाने के दूसरे दिन बीती रात को धर्मवती को प्रसव का दर्द होने पर एटा के महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जहां उसने एक लड़के को जन्म दिया। इस प्रकार जेल में बच्चों की संख्या ७३ से बढ़कर ७४ हो गयी हैं।
महिला ने कहा कि वो अपने इस नव जात लड़के का नाम मथुरा के जवाहर बाग़ काण्ड के मुख्य आरोपी राम ब्रच्छ यादव के नाम पर रखना चाहती है। जब उस से पूछा गया कि आप अपने बेटे का नाम राम ब्रच्छ यादव ही क्यों रखना चाहती हैं तो उसने कहा कि हम बहुत दिनों तक जवाहर बाग़ में रहे हैं इसलिए अपने इस बेटे का नाम राम ब्रच्छ यादव रखना चाहती हूँ। धर्मवती ने कहा कि वो राम ब्रच्छ यादव से प्रभावित नहीं है, वो गलत कर रहे थे, उनसे जवाहर बाग़ खाली करवाने को कहा जा रहा था और वो खाली नहीं कर रहे थे। उसने कहा कि उस जैसी करीब १०००-१२०० महिलाओ को जवाहर बाग़ में मेला दिखाने के नाम पर राम ब्रच्छ यादव ने बुलाया था।
वह अपने जेठ और पति के साथ जवाहर बाग़ में आयी थी और १५ दिनों तक रही थी। उसने कहा कि राम ब्रच्छ भेष बदल बदल कर रहता था। परन्तु उसने कभी राम ब्रच्छ को देखा नहीं। उसने कहा कि उन लोगों की सजा हमें नहीं मिलनी चाहिए। उसने कहा कि जवाहर बाग़ की घटना का उसे अफसोस है कि उसका वहां पर पैसा, सामान, माल, गहना सब रह गया। इस काण्ड का उसको पछतावा है। इससे पहले धर्मवती को दो लड़कियां और एक बेटा था अब उसके दो लड़कियां और दो बेटे हो गए। उसका कहना है कि एटा जेल में सभी ९६ महिलाएं सही तरीके से हैं। खाना पीना सही मिल रहा है। कोई दिक्कत नहीं है।
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एटा से धनन्जय भदौरिया की रिपोर्ट.