कृष्ण कांत-
अग्निपथ और अग्निवीर जैसे घटिया मजाक के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन शुरू हो गया है। बिहार और अन्य कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन, आगजनी और पथराव की खबरें हैं। इस स्कीम का ऐलान ही गलत मंशा से लाया गया है।
अखबारों में लिखा गया है कि सरकार पेंशन का बोझ कम करने के लिए ऐसा कर रही है। यह कितनी घटिया मानसिकता है कि एक सैनिक के जीवन को आप कुछ लाख पैसे से कमतर समझते हैं। वह जवानी देश की सुरक्षा में गुजारे और लौट कर आए तो आप उसे बेसहारा छोड़ दें। रिटायर्ड सेना अधिकारियों ने इस योजना पर बेहद गंभीर सवाल उठाए हैं।
यह संघ और भाजपा की विचारधारा की तरह ही बेहद निकृष्ट और घटिया योजना है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
पंकज मिश्रा-
जब डिफेंस जैसे स्ट्रेटजिक महत्व के सेक्टर को प्राइवेट पार्टी के लिए खोला गया था तभी समझ लेना था कि इन्हे HUMAN RESOURCE पर कुछ भी खर्च नही करना है। हथियारों की खरीद बिक्री में ही revenue को divert होना है, वहां दलाली भयंकर है और खरीद की प्रक्रिया इतनी गोपनीय की rate भी नही बताया जा सकता। बारगेनिंग का लेवल ये कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी नही करा पाते।
तो भक्त जनों सबका राम नाम सत्य होना है , ऐसे नही तो वैसे तो राम भजो और कोई चारा नही है।
सलीम अख़्तर सिद्दीक़ी-
इस अराजकता के लिए गोदी मीडिया पूरी तरह ज़िम्मेदार है। उसने सिर्फ और सिर्फ हिन्दू मुस्लिम किया। ज़रूरी मुद्दों को नजरअंदाज किया। अंदर की अंदर सुलग रहा लावा बाहर आ गया। अभी भी वक़्त है, सच को सामने लाएं। देश को हक़ीक़त बताएं। बताएं देश की आर्थिक स्थिति खराब है।
पेट्रोल डीजल की कीमतें आसमान पर जा सकती हैं। महंगाई का चरम आना बाकी है। सरकार रोजगार देने की स्थिति में नहीं है। कब तक सच को हिन्दू मुस्लिम की आड़ में दबाएंगे? संकेत यही मिल रहे हैं कि देश श्रीलंका की राह पर चल पड़ा है। गोदी मीडिया इस हिंसा में भी विदेशी एंगल ढूंढ लेगा। साज़िश बता देगा, लेकिन सरकार से सवाल नहीं करेगा।