समर अनार्या-
अग्निवीर योजना पर इज़राइल दिखा रहे मोदियों, कुछ तथ्य जान लो! इज़राइल में अनिवार्य सैन्य सेवा है- अग्निवीर योजना नहीं। वहाँ सबको सेना में जाना पड़ता है- ढाई साल की सेवा करनी होती है। आज अग्निवीरों को अपनी कंपनी में नौकरी का प्रस्ताव दे रहा आनंद महिंद्रा अगर इज़राइल का नागरिक होता तो उसे भी जाना पड़ता उसके लौंडे को भी, बिटिया को भी।
इज़राइल, नोर्वे, स्वीडन, जैसे देशों में सैन्य सेवा ग़रीबी से भागने का उपाय नहीं है। उल्टा लोग सैन्य सेवा से भागने की कोशिश में जेल जाते हैं। वहाँ की ग्रामीण सड़कों पर आपको नौकरी की तलाश में रोज़ 15 किलोमीटर भागते लड़के नहीं मिलेंगे। जो। भागते मिलेंगे वे स्वास्थ्य के लिए।
इनमें से किसी भी देश में बेरोज़गारी भी ऐसी नहीं है। नोर्वे स्वीडन में उल्टा बेरोज़गारों को भत्ता मिलता है।
रही अग्निवीरों को कोरपोरेट सेवाओं में तमाम मौक़ों के आनंद महिंद्रा जैसे सरकारी भोंपुओं के झूठे दावों पर- जिस देश में बी टेक किए युवाओं को कोरपोरेट सेक्टर में नौकरी नहीं मिल पा रही इन 10वीं 12वीं पास को क्या मिलेगी? केवल इंजीनियरिंग पास युवाओं की बेरोज़गारी दर देख लें- ये दावा भहरा कर गिर जाएगा। पिछले साल ही नीति आयोग के वीसी माने सरकार ने माना था कि इंजीनियरिंग किए युवाओं में 52% बेरोज़गार घूम रहे हैं। माने माँग रहे हैं मिल नहीं रहा। (लिंक पहली टिप्पणी में)
ऐसे में ये अग्निवीर पा जाएँगे!
बाक़ी अब लगने लगा है इस देश का कुछ वक्त तक कुछ नहीं हो सकता। पूरे कुएँ में भांग पड़ी है। आज अग्निवीर योजना के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे यही युवा इसके पहले सरकार के हर अन्याय पर उसके साथ थे। लट्ठ चलाओ हम तुम्हारे साथ कर रहे थे- वह भी सेना भर्ती का इंतज़ार करते हुए- माने कुल योग्यता 10वीं हद से हद 12वीं ही थी उनकी। अपने भविष्य की सोच रहे होते तो आज सरकार की इतनी हिम्मत ना होती कि उन्हें सुनने की जगह धमकी दे रही होती कि विरोध किया तो कभी भर्ती नहीं करेंगे।
सोचता हूँ क्यों अब भी लिखते बोलते लड़ते हैं हम जैसे लोग जो अपनी जिंदगियों में आराम से हैं जब जो नहीं हैं, अफ़सर भी नहीं सिर्फ़ सिपाही की ज़िंदगी के लिए दिन रात जान दे रहे हैं उनको खुद ही कोई फ़िक्र नहीं है।
पर इज़राइल नॉर्वे स्वीडन का झूठ ना बोलिए। कम से कम तथ्य सही रहें।