मुंबई : पत्रकारों और समाचारपत्र कर्मियों के लिये गठित जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश को माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद भी अमल में नहीं लाया जा सका है। महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित त्रिपक्षीय समिति की बैठक में इस पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुये कामगार आयुक्त राजीव जाधव ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश को अमल में लाया गया या नहीं, इसकी जांच के लिये १५ दिनों के अंदर ६ टीमें बनाई जाएंगी। ये टीमें सभी वर्तमान समाचार पत्रों की फिर से जांच करेंगी और फील्ड आफिसर पूरी जांच रिपोर्ट कामगार आयुक्त को देंगे।
महाराष्ट्र में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश को किसी भी समाचार पत्र प्रतिष्ठान द्वारा सही तरीके से लागू नहीं किया गया है। पत्रकारों और मीडियाकर्मियों पर विविध प्रकार के दबाव डाले जा रहे हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी मीडियाकर्मी और पत्रकार जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश के अनुसार अपना बकाया वेतन और एरियर ना मांगे इसके लिये उन्हें डराया जारहा है। इस बारे में एनयूजे की महाराष्ट्र अध्यक्ष शीतल करदेकर ने कामगार आयुक्त का ध्यान दिलाया और कहा कि बार बार सर्वोच्च न्यायालय और श्रम मंत्रालय को फर्जी रिपोर्ट कामगार विभाग द्वारा भेजी जा रही है। इसके लिये सभी वर्तमान समाचार पत्रों की फिर से और स्पष्ट जांच करायी जाए।
इसका बीयूजे के इंदर कुमार जैन ने भी समर्थन किया। इस बैठक में ध्यान दिलाया गया कि समाचार पत्र प्रतिष्ठानों द्वारा जान बूझकर अपने प्रतिष्ठानों की गलत बैलेंसिट देकर ग्रेडेशन पर मतभेद पैदा किया जा रहा है। सबसे ज्यादा मतभेद समाचार पत्र प्रतिष्ठानों के ग्रेडेशन को लेकर होता है। इसके लिये जरुरी है कि वर्तमान सभी समाचार पत्रों की बैलेंसशीट आयकर विभाग से मंगायी जाए या दिल्ली स्थित डीएवीपी, कंपनी रजिस्ट्रार कार्यालय से मंगवाया जाए। इससे समाचार पत्रों का ग्रेडेशन तय हो सकेगा। यह मुद्दा भी शीतल करदेकर ने उठाया।
आठ महीने बाद मजीठिया वेतन आयोग को अमल में लाने के लिये त्रिपक्षीय समिति की बैठक महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त के मुंबई स्थित कार्यालय में बुलायी गयी थी। इसकी अध्यक्षता खुद नये कामगार आयुक्त राजीव जाधव ने किया। इस बैठक में मालिकों के प्रतिनिधि के रूप में सकाल के मेदनेकर उपस्थित थे जबकि मीडियाकर्मियों और पत्रकारों के प्रतिनिधि के रुप में एनयूजे महाराष्ट्र की शीतल करदेकर, बीयूजे के मंत्रराज पांडे, इंदर जैन आदि उपस्थित थे।
कामगार आयुक्त राजीव जाधव ने सबसे पहले वर्तमान १२९ समाचार पत्रों की जिनके बारे में दावा किया गया है कि इन्होंने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश को लागू नहीं किया है, उनकी जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। इसके लिये १५ दिनों में ६ जांच टीमें भी बनाने का निर्देश दिया गया है। दो महीने में यह जांच पूरी करने का भी नये कामगार आयुक्त ने निर्देश दिया है। साथ ही कामगार आयुक्त ने कहा कि समाचार पत्र कर्मियों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। नये कामगार आयुक्त ने यह भी कहा कि अगर किसी भी समाचार पत्र प्रबंधन ने अपने मीडियाकर्मियों से यह लिखवाकर लिया है कि उसे मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ नहीं चाहिये और अगर वह पात्र है तब भी उसे माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के अनुसार मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ मिलेगा।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी
९३२२४११३३५