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उत्तर प्रदेश

क्या आज़मगढ़ के सूचना विभाग को नहीं भाता मुख्यमंत्री अखिलेश का ‘सन्देश’?

उत्तर प्रदेश के जनसम्पर्क एवं सूचना विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश सन्देश पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है. यह पत्रिका सरकार की योजनाओं, गतिविधियों और किये जा रहे विकास कार्यों को जनता तक पहुँचाती है.इसके संपादक डॉ संजय राय है. पत्रिका को पहले से काफी बेहतर रूप में प्रकाशित करने का क्रम जारी है. इसके लिए सरकार ने धन भी मुहैया कराती है.पत्रिका को देख यह लगता है की सरकारी विभाग निश्चित तौर पर अपनी कार्य कुशलता से एक बेहतरीन प्रकाशन कर रहा है.लखनऊ से प्रकाशन के बाद जिलों के सूचना विभाग को इसकी प्रतियां जनता तक पहुँचाने के लिए उपलब्ध करायी जाती है.

<p>उत्तर प्रदेश के जनसम्पर्क एवं सूचना विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश सन्देश पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है. यह पत्रिका सरकार की योजनाओं, गतिविधियों और किये जा रहे विकास कार्यों को जनता तक पहुँचाती है.इसके संपादक डॉ संजय राय है. पत्रिका को पहले से काफी बेहतर रूप में प्रकाशित करने का क्रम जारी है. इसके लिए सरकार ने धन भी मुहैया कराती है.पत्रिका को देख यह लगता है की सरकारी विभाग निश्चित तौर पर अपनी कार्य कुशलता से एक बेहतरीन प्रकाशन कर रहा है.लखनऊ से प्रकाशन के बाद जिलों के सूचना विभाग को इसकी प्रतियां जनता तक पहुँचाने के लिए उपलब्ध करायी जाती है.</p>

उत्तर प्रदेश के जनसम्पर्क एवं सूचना विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश सन्देश पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है. यह पत्रिका सरकार की योजनाओं, गतिविधियों और किये जा रहे विकास कार्यों को जनता तक पहुँचाती है.इसके संपादक डॉ संजय राय है. पत्रिका को पहले से काफी बेहतर रूप में प्रकाशित करने का क्रम जारी है. इसके लिए सरकार ने धन भी मुहैया कराती है.पत्रिका को देख यह लगता है की सरकारी विभाग निश्चित तौर पर अपनी कार्य कुशलता से एक बेहतरीन प्रकाशन कर रहा है.लखनऊ से प्रकाशन के बाद जिलों के सूचना विभाग को इसकी प्रतियां जनता तक पहुँचाने के लिए उपलब्ध करायी जाती है.

लखनऊ बैठे सूचना विभाग के अफसर यह सोचते होंगे की मेहनत करके निकालें जाने वाली ये पत्रिका पाठकों तक पहुँच जाती होंगी और जिले के सूचना विभाग के लोग इस काम को बखूबी करते होंगे। निश्चित तौर पर कई जिलों में समय पर यह पत्रिका अपने गंतव्य तक पहुंच जाती होगी। लेकिन  आजमगढ़ जनपद जहाँ मुख्यमंत्री के पिता मुलायम सिंह जी सांसद है उस जिले के  सूचना विभाग के दफ्तर का बुरा हाल है इसमें प्रवेश करते ही जमीन पर एक कोने में सन्देश पत्रिका का मई अंक बंडलों में आज भी पड़ा हुआ है ।नवम्बर महीने तक इस  विभाग को सरकार के सन्देश को जनता तक पहुँचाने का समय नहीं मिला.इससे पता चलता है कि  आज़मगढ़ का  सूचना विभाग कितना काम के प्रति समर्पित है. प्रदेश सरकार ऐसी लापरवाही करने वाले विभाग के भरोसे क्या जनता को अपनी बात समय से पंहुचा पायेगी? लाखों रुपये खर्च कर,संपादक मंडल के दिन रात मेहनत का नतीजा यह होता है कि इतनी बहुमूल्य सरकार की पत्रिका  सूचना विभाग में एक कोने में पड़ी रो रही है.यही है सरकारी सिस्टम जिन्हें नेता भी देखते है, सरकारी अफसर भी देखते है और मीडियाकर्मी भी.और काम चलता रहता है. 

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सुभाष चन्द्र सिंह
आजमगढ़

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