Sanjay Verma-
मेरे एक मित्र एक कंपनी में मैनेजर हैं। सज्जन पुरुष हैं ! महीने पन्द्रह दिन में कभी दोस्तों के साथ शराब की महफिल करते हैं । लेकिन उनकी पत्नी के लिए शराब पीना बड़ा टैबू था । जब भी वे शराब पीकर घर आते , पत्नी उनसे ऐसा अछूत सा बर्ताव करती । उन्हें लगता जैसे वे किसी का खून कर आए हों । रोना पीटना , रूठने मनाने का सिलसिला देर रात तक चलता । मित्र पार्टी में जितना मजा करके आते , उससे कई गुना सज़ा घर आ कर पाते।
फिर उनकी जिंदगी में एक दिलचस्प वाक़या हुआ । उनके बॉस ने एक दिन उन्हें अपने घर सपरिवार डिनर पर आमंत्रित किया । बॉस का परिवार खुले विचारों का आधुनिक परिवार था । जैसे ही वे लोग घर पहुंचे , बॉस की पत्नी ने पूछा -” भाई साहब , आप क्या पसंद करेंगे बियर , व्हिस्की या रम…!”
मित्र ने पत्नी की तरफ देखा । थोड़े संकोच मान मनौवल के बाद व्हिस्की पर बात ठहरी और बॉस की पत्नी ने महंगे कटलरी क्लासों में खुद अपने हाथों से व्हिस्की डाली ।
उस दिन मित्र की पत्नी ने घर लौटने के बाद कोई सीन क्रिएट नहीं किया और फिर हमेशा के लिए शराब को लेकर उनका रवैया थोड़ा नरम हो गया । जो समस्या मित्र बरसों से सुलझाने की कोशिश कर रहे थे , वह एक डिनर में सुलझ गई।
यह कैसे हुआ ..?
हम इंसानों के लिए अक्सर सिर्फ यह महत्वपूर्ण नहीं होता कि बात सही है या गलत ! यह भी महत्वपूर्ण होता है कि उसे कौन कह रहा है , और हमारे दिमाग में कहने वाले आदमी की पोजीशन क्या है ? मित्र की पत्नी के दिमाग में , बॉस सामाजिक अनुक्रम में बहुत ऊपर थे । वे उस पीयर ग्रुप के सदस्य थे जो हमारे लिए स्वीकार्य सामाजिक नियम तय करता है । इस तरह के लोगों को हम फॉलो करते हैं , ये हमारे विचारों को इन्फ़्लुएन्स करने की ताकत रखते हैं । इसीलिए साबुन बनाने वाली कंपनी का मार्केटिंग मैनेजर खुद नहीं कहता कि मेरा साबुन अच्छा है वह यह बात किसी हीरोइन या हीरो से कहलवाता है और आप मान जाते हैं ।
मोरल ऑफ द स्टोरी यह है कि अनाड़ी बलम जी , जो बात तुम अपनी नादान सजनी को समझाना चाहते हो , वह कितना भी प्रयास कर लो नहीं समझा पाओगे ! क्योंकि दिन रात तुम्हे देखते झेलते अब उसके दिमाग मे तुम्हारी हैसियत कुछ नहीं बची है। बेहतर है कोई इनफ्लुएंसर ढूंढो । वह तुम्हारी नादान सजनी को तुम्हारे मन की वह बात कुछ ही मिनटों में समझा देगा जो तुम बरसों में नहीं समझा पाओगे …!
Comments on “अनाड़ी बलम नादान सजनी : पार्टी में जितना मजा करके आते, उससे कई गुना सज़ा घर आ कर पाते!”
बहुत ही शानदार Story, वाकई बहुत खूब
आपने कई लोगों की समस्या आसान कर दी। अनजाने ही सही कई मसलों का हल निकल गया।
मेरी पोस्ट को यहां जगह देने के लिए बहुत शुक्रिया ।
आपके माध्यम से मेरी बात अधिक लोगों थ पहुंची ।
पर यदि मुझे भी इसकी सूचना देते तो और अच्छा होता ।
वह तो आज यूँ ही मैंने ग्रुप खोला तो ब्रॉउज़ करते इस पर नज़र पड़ी