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रिपब्लिक टीवी देखेंगे तो अर्नब आपको अपने जैसा पागल बना देगा!

-संजय कुमार सिंह-

पत्रकारिता के नाम पर इसे कैसे झेलते हैं आप…

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अर्नब गोस्वामी की हत्या करने के लिए सोनिया गांधी ने दो हमलावर भेजे। उन्होंने उन हमलावरों का चुनाव खुद किया था। और इन हमलावरों ने उस पर तब हमला किया जब वह (मुंबई के) वर्ली स्थित दफ्तर से अपने घर लौट रहा था।

यह दूरी चार किलोमीटर से कम है। अर्नब गोस्वामी वाई-श्रेणी की सुरक्षा में है। वह और उसकी पत्नी जान पर हमले की इस कोशिश में ‘बच’ गए थे।

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असल में हमलावरों ने उसपर गोली चलाने की बजाय स्याही फेंकी थी। वह भी तब जब वह अपनी एयरकंडीशन कार के अंदर था और हमलावर बाहर।
इसके बाद अर्नब हमलावरों को पकड़ने में कामयाब रहा। उसने उनसे पूछताछ की, आधार कार्ड का विवरण लेकर उन्हें जाने दिया।

इसके बाद अपनी बिल्डिंग की पार्किंग में गया, वीडियो बनाया और रिपब्लिक टीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर हमले की इस घटना से संबंधित वीडियो ट्यूब पर अपलोड किया। उसने यही कहा कि यह हमला उसकी जान पर था।

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इसके बाद वह वर्ली थाने गया जहां उसने शिकायत दर्ज कराई।

इसके बाद से उसने अपने और अपनी पत्नी की जान पर हमले के प्रयास से संबंधित कोई खबर या फॉलोअप अपने ही चैनल पर नहीं की।

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अर्नब को यह भी पक्कै तौर पर पता था कि सोनिया गांधी ने पालघर में गेरुआ वस्त्र धारी दो साधुओं को मरवा दिया था। उसने अपने टेलीविजन चैनल पर उनका नाम लिया और कुछ दिनों तक अभियान चलाया।

और यह सब जो मैं कह रहा हूं वह सत्य है और सत्य के सिवा कुछ भी नहीं। इसलिए मेरी मदद करो प्रभु!
और फिर एक दिन अर्नब ने सलमान खान का नाम लेकर ढूंढ़ना शुरू कर दिया। कहां छिपे हो वाले अंदाज में।

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इससे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी चुनौती दी थी और मुझे ड्रग-ड्रग दो का अलाप भी किया था।

अब आप बताइये ये बंदा किस लायक है।

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और मजा यह है कि लाखों भारतीय फिर भी उसके इस बीमार प्रसारण के देखते हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में इसने मीडिया ट्रायल चलाया खोजी पत्रकारिता के नाम पर गिरफ्तारी अभियान चलाया। अरेस्ट रिया हैशटैग चला। यह सब खोजी पत्रकारिता के नाम पर हुआ।

दोस्तों, यह आदमी सामान्य नहीं है। अगर आप उसका चैनल देखते हैं तो आपको भी अपना जैसा बना देगा।

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Vinod Chand की पोस्ट का अनुवाद।

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