Paramendra Mohan : अटल जी के निधन के बाद हमारे संस्थान ज़ी मीडिया में एक मिनट का मौन रखा गया था। चैनल की इमारत में घुसते ही ग्राउंड फ्लोर पर अटल जी की तस्वीर रखी थी, गुलाब के फूल रखे गए थे और हर मीडियाकर्मी उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर नमन कर रहा था। मेरा अटल जी के प्रति हमेशा से एक खास लगाव रहा है, इसलिए मैं करीब 10 मिनट तक वहीं रुककर उनकी स्वाभाविक मुस्कान वाली तस्वीर देखता रहा था। यकीन मानिए, हर चेहरे पर मैंने किसी अपने को खो देने वाले भाव देखे।
दिल्ली में सर्वदलीय सार्वजनिक श्रद्धांजलि सभा में सभी दलों के नेताओं, बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद, नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला, लेफ्ट के डी राजा सभी ने अटल जी की सर्वप्रियता का सम्मान किया था। ऐसे में रायपुर में अटल जी की श्रद्धांजलि सभा में ठहाके लगाते रमन सिंह के मंत्री अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल के वायरल वीडियो देखकर क्या कहा जाए, समझ से परे है। मध्य प्रदेश में अटल जी की अस्थि कलश यात्रा के दौरान शिवराज की मंत्री अर्चना चिटनीस का व्यवहार भी सबने देखा है।
बीजेपी में या तो पप्पुओं की तादाद तेज़ी से बढ़ती जा रही है या फिर सत्ता का अहंकार ज़रूरत से ज्यादा होता जा रहा है। मैं इस बहस में नहीं उलझना चाहता कि अटल जी के निधन को बीजेपी इवेंट बना रही है या नहीं बना रही है, मेरे लिए इसके कोई मायने ही नहीं हैं। जब कांग्रेस नेहरू, इंदिरा, राजीव के नाम पर एयरपोर्ट, स्टेडियम, यूनिवर्सिटी, सड़कें, चौक, पुल के नाम रख सकती है, जबकि इन सभी नामों पर शायद ही सर्वदलीय सहमति बनी हो तो अटल जी के नाम पर तो कोई विरोध हो भी नहीं सकता।
आने वाली पीढ़ियां देश के इस महान नेता के नाम को जानती रहें, इसलिए अटल जी के नाम पर जैसे नया रायपुर का नाम अटल नगर रखा गया है, वैसे हीः और भी कदम उठाए जाने चाहिए। सच कहें तो 1980 के बाद जब पहली बार अटल जी और आडवाणी जी की तस्वीरें बीजेपी के पोस्टर से 2014 में गायब देखी थी, तो मन में तकलीफ हुई थी कि जिन्होंने बीजेपी की स्थापना की, इसे देश की सबसे बड़ी पार्टी बनाया, उन्हें कैसे भूला जा सकता है? अटल जी जब लोगों को पहचानने की शक्ति खो बैठे थे, उस वक्त आडवाणी जी को छोड़कर उनके पास दूसरे नेता सिर्फ बड़े मौकों पर ही रस्म अदायगी के तौर पर आशीर्वाद लेने जाते थे, लेकिन निधन के बाद जब ये दिखा कि इस पार्टी में भी अपने बुजुर्ग और बड़े नेताओं के प्रति सम्मान बचा है तो अच्छा लगा। अब खुद ही इसके नेता श्रद्धांजलि सभा में ठहाके लगाकर अपना मुखौटा उतारने पर उतारू हैं तो कोई क्या कह सकता है? मैं अगर इस स्थिति में होता कि अटल जी के प्रति सम्मान न दिखाने वाले इन बीजेपी नेताओं पर कार्रवाई कर सकता तो इस वीडियो को देखते ही दोनों को बाहर का रास्ता दिखा चुका होता, लेकिन…..खैर, शुभ रात्रि।
जी मीडिया समूह में वरिष्ठ पद पर कार्यरत पत्रकार परमेंद्र मोहन की एफबी वॉल से.
https://youtu.be/BXu6enscLjo