चंडीगढ़: पंजाब के मीडिया माफिया फास्टवे ने एक बार फिर अपना माफिया रूप दिखाया है। जी ग्रुप के टीवी चैनल ‘जी पंजाबी’ का कथित रूप से फास्टवे केबल नेटवर्क पर प्रसारण बंद कर दिया गया है ताकि पंजाब और देश भर में बसते पंजाबी समुदाय के लोग पंजाब सरकार के खिलाफ खबरें न देख सकें। इस केबल नेटवर्क का मालिक बादल खानदान है। बताया जाता है कि बादल सरकार के खिलाफ ‘जी पंजाबी’ से कुछ सख्त खबरें चल गईं जिसके कारण केबल पर प्रसारण बंद करा दिया गया।
इससे पहले साल 2014 में भी इंडिया न्यूज पंजाब, डे एडं नाइट, एबीपी सांझा समेत कई अन्य छोटे और बड़े टीवी चैनलों को चलने नहीं दिया गया। उन्होंने राज्य सरकार की इस कथित हरकत को मीडिया की आजादी पर हमला बताया और कहा कि इससे हजारों युवाओं का रोजगार भी छीना है। किसान आत्महत्याएं के बाद अब बादल सरकार पंजाब में से पत्रकारों को आत्महत्याएं करने के लिए मजबूर कर रही है।
रीजनल न्यूज चैनल ‘जी-पंजाब, हरियाणा हिमाचल’ का पंजाब में केबल नैटवर्क पर प्रसारण बंद होने के मुद्दे पर राज्य की राजनीति में गर्मा गई है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने इसके लिए सत्तारूढ़ अकाली दल को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, शिअद ने दो टूक कहा कि चैनल और केबल नैटवर्क के बीच उठे इस विवाद से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। पंजाब कांग्रेस के प्रधान कै. अमरेन्द्र सिंह ने केबल नैटवर्क पर चैनल बंद करने का ठीकरा शिअद-भाजपा सरकार पर फोड़ते हुए इसकी निंदा की। न्यूयॉर्क से जारी बयान में उन्होंने इस कदम को तानाशाही करार दिया। अमरेन्द्र ने कहा कि सत्ता में आने के बाद वह टी.वी. चैनल, केबल वितरण, खनन, ट्रांसपोर्ट, शराब के बिजनैस सहित हर चीज से बादलों का एकाधिकार खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा कि बादल न्यूज चैनल्स को बंद करके सच्चाई नहीं दबा सकते।
वहीं, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता राजिंद्र कौर भट्ठल ने भी इस मुद्दे पर बादल सरकार की निंदा की है। दूसरी तरफ, ‘आप’ के सांसद भगवंत मान ने इसी मुद्दे पर कहा कि ‘आप’ की सरकार बनने के साथ ही केबल माफिया का अंत होगा। उन्होंने एक बयान में कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार छीनने में अकाली-भाजपा सरकार ने कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया। हालांकि, शिअद ने उक्त राजनीतिक हमलों को पूरी तरह नकार दिया है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री और शिअद के प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि ‘जी पंजाब हरियाणा हिमाचल’ के प्रसारण पर रोक में पंजाब सरकार का कोई हाथ नहीं है।
फास्ट-वे केबल द्वारा जी पंजाब-हरियाणा-हिमाचल न्यूज चैनल को अपने नेटवर्क से बंद कर देने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। चुनाव के मुहाने पर खड़े पंजाब में सरकार का गुणगान न करने वाले न्यूज चैनल्स को पंजाब में चलने नहीं दिया जाएगा। ये बात हम नहीं लोग कर रहे है जिन्होंने ट्विटर पर #BadalsAttackMedia के जरिए बादल सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली है जहां आप सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल ने बादल सरकार पर मीडिया को दबाने के चौकाने वाले आरोप लगाए वहीं लोग भी पीछे नहीं हटे।
लोगों ने लिखा है कि Zee Punjabi को बंद करना, अकालियों की बौखलाहट जाहिर करता है। आखिर कब तक लोकतंत्र की आवाज दबाओगे? किसी ने लिखा है पंजाब तथा पंजाबियत का गला घोंटने की नीच हरकत करने वाली बादल सरकार अपने ही पैंरों पर कुल्हाड़ी मारने पर उतारू है। किसी ने लिखा कि बादल सरकार हर उस चीज पर हमला बोलती है जिसको पंजाब में बढ़ावा मिलने लगता है। पंजाब में जहां लड़की को कोख में मारने के लिए मश्हूर है वहां पत्रकारिता और लोकतंत्र का भी बादल सरकार गला घोंटना चाहती है। (साभार- पंजाब केसरी)