Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

नौकरशाहों में ये बदलाव सकारात्मक है!

मनीष श्रीवास्तव-

“सन्देशवाहक” में प्रकाशित इस खबर पर नजरें इनायत कीजिये…

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक डीएम जमीन पर बैठकर फरियादी की गुहार सुनता है, एक मण्डलायुक्त मासूम बच्चे को दर्द से तड़पता देखकर खुद भी भावविभोर हो उठती है।

एक डीएम शहीद के शव पर बिलखते परिजनों संग खुद भी गमगीन हो उठता है।

दरअसल बीते समय यूपी के कई आईएएस अफसरों की वायरल हुई इन संवेदनशील तस्वीरों ने नौकरशाही के बदलते चेहरे का अक्स भी दिखाया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

जितने मुंह उतनी बातें।

कोई आईएएस कहता है अरे छपास का रोग है, कोई कहता है भावुक पलों में आंसू आ ही जाते हैं क्योंकि हम भी इंसान हैं। सिक्के का दूसरा पहलू ये है कि आम जनता के दर्द के प्रति संवेदनशील नौकरशाह ही वक्त की जरूरत है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

नाजुक मौकों पर आईएएस अफसरों द्वारा की गई संवेदनहीनता अक्सर सुर्खियां बटोरती हैं। जिसके बाद आईएएस बिरादरी को ऐटिट्यूड वाला करार देकर तमाम तरह की बातें सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक बहस का मुद्दा बनती हैं।

मसूरी में आईएएस की राष्ट्रीय अकादमी में भी संवेदनशीलता के पाठ पर उतना बल नहीं दिया जाता। नौकरशाह संवेदनशील होंगे तो सेवा का धर्म जिम्मेदारी से निभाया जा सकता है। कृपया संवेदनशील बनें…

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement