सचिन श्रीवास्तव-
आज बागेश्वर धाम वाले बाबाजी का एक वीडियो खूब चर्चा में है। इसे चमत्कार बताया जा रहा है। क्या सच में किसी व्यक्ति से जुड़े 4 लोगों के नाम बताना चमत्कार है? फेसबुक पर ये जानकारियां सहज हैं।
हुआ यूं कि बागेश्वर धाम वाले बाबाजी ने एक पत्रकार साथी को मंच पर बुलाया। यह बुलावा उनके चाचा का नाम लेकर किया गया। फिर उनके चाचा के साथ भाई और भतीजी के नाम बताए और कह दिया कि यह चमत्कार है।
लेकिन बंधु यह जानकारी तो abp के पत्रकार ज्ञानेंद्र जी के फेसबुक पर सार्वजनिक है। उनका फेसबुक पेज बताता है कि ज्ञानेंद्र जी के भाई का नाम राघवेंद्र है। राघवेंद्र जी ने अपनी बेटी की तस्वीर पोस्ट की है। उनके कवर फोटो में भी बेटी की तस्वीर है। एक पोस्ट जिसमें बेटी की कुछ तस्वीरें हैं। उस पर भ्रगुनाथ जी ने एक कमेंट किया जिसमें बेटी का नाम अविषि लिखा है।
तो महज 4 पेज देखकर पता चल जाता है कि ज्ञानेंद्र जी के चाचा का नाम भ्रगुनाथ प्रसाद है। भाई का नाम राघवेंद्र है और भतीजी का नाम अविषि है।
स्क्रीन शॉट देख सकते हैं।
यानी किसी के फेसबुक पेज से जरा सी जानकारी देखो और चमत्कार कर दो? कितने सस्ते हो गए आजकल चमत्कार। और जब इसी पर तालियां बजने लगे तो तथ्य कौन देखे।
किसी को भूल भुलैया 2 का वह सीन याद है जा कार्तिक तिवारी फेसबुक से मिली जानकारी के जरिए कियारा आडवाणी को चमत्कृत करता है।
वैसे फेसबुक पेज देखकर यह भी बताया जा सकता है कि साल 2010 के बाद ज्ञानेंद्र जी कहां कहां गए।
तो 2 बातें। अपने फेसबुक पेज पर अधिक जानकारी शेयर न करें, पता नहीं कब कौन उसे देखकर चमत्कार का दावा कर दे।
हालांकि ज्ञानेंद्र तिवारी जी की 2–3 दिन की रिपोर्टिंग साफ बता रही है कि वो बाबा जी के पक्ष से ही बोल रहे हैं। पंडित ज्ञानेंद्र तिवारी जी बार बार एक व्यक्ति के विरोध और लाखों की आस्था की बात करते हैं। माखनलाल यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं। जाहिर है क्लास ठीक से नहीं कर पाए होंगे। तथ्य का सामान्य सिद्धांत है कि इसे ज्यादा लोग वर्सेज कम लोगों के जरिए नहीं देखा जाता, बल्कि रेशनल ढंग से परखा जाता है।
बहरहाल। इतना ही। आस्थाओं पर चोट की हो तो बहुत बहुत माफी।
एबीपी न्यूज़ के इस पत्रकार ने पूरे मीडिया जगत का सिर झुका दिया!?