संजय कुमार सिंह-
वैलंटाइंस डे पर बीबीसी दफ्तर में सर्वेक्षण पर ऐसा शीर्षक दूसरे अखबारों में क्यों नहीं है?
ए के लिए वैलंटाइन और
बी (बीसी) के लिए छापा
आज हिन्दुस्तान टाइम्स में एक खबर का शीर्षक है, अडानी मामले में डरने, छिपाने के लिए कुछ नहीं है – अमित शाह। तो जांच करवा दीजिए, जेपीसी बैठा दीजिए। अगर ऐसा ही है तो गुजरात में छिपाने के लिए क्या था जो बीबीसी ने दिखा दिया है और फिल्म पर बैन लगा दिया है। उसे ही दिखाने देते और कह देते सब झूठ है। दूसरी खबर है, “बीबीसी दफ्तर पर आई-टी सर्वे से विवाद छिड़ा”। यह खबर दूसरे अखबारों में भी प्रमुखता से है। इनमें इंडियन एक्सप्रेस का शीर्षक वही है जो सबको पता है। डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध के कुछ ही हफ्ते बाद बीबीसी को मिली आई-टी (आयकर) की दस्तक।
इंडियन एक्सप्रेस में एक बड़ी खबर बहुत ही प्रमुखता से छपी है। इसके अनुसार मोदी, मैक्रॉन और बिडेन ने एक साथ घोषणा की है, एयर इंडिया के लिए 470 बसें और बोइंग विमान। फ्लैग शीर्षक है, बिडेन ने कहा इससे एक मिलियन अमेरिकी रोजगार पैदा होंगे। मैक्रॉन ने कहा ऐतिहासिक। आप जानते हैं कि एयर इंडिया अब एक निजी कंपनी है और विमान खरीदने की खबर न जनहित है और न जनता का काम। सीधे-सीधे व्यवसाय है और इससे अमेरिका में रोजगार की संभावना बनेगी यह तो बताया जा रहा है पर भारत में यह सरकारी विमानसेवा रहे एयरइंडिया की ओर से 17 साल बाद विमानों की खबर है यह हिन्दुस्तान टाइम्स ने बताया है। विमान खरीदने वाली खबर दूसरे अखबारों में इतनी प्रमुखता से नहीं दिखी। कई जगह तो पहले पन्ने पर भी नहीं।