कुछ वर्ष पूर्व अलवर के निकाय चुनाव के दौरान भाजपा पार्टी द्वारा टिकट वितरण में हुई खींचतान को लेकर दैनिक भास्कर अखबार के लोकल संस्करण द्वारा एक पार्टी के प्रत्याशी को आपराधिक कार्यों में लिप्त बता कर उसके संदर्भ में भ्रामक जानकारी छापी गई। इसका नतीजा ये हुआ कि उस व्यक्ति को टिकट वापस लेने पर पार्टी ने मजबूर कर दिया।
बताते हैं कि वह व्यक्ति अपने क्षेत्र में लगभग चुनाव जीता ही हुआ था। परंतु भास्कर ने उसके साथ खेल कर दिया। लेकिन उस व्यक्ति ने हार नहीं मानी। उस व्यक्ति की पुलिस वेरिफिकेशन जांच से पता चला कि जन्म से लेकर अब तक कोई आपराधिक केस उस पर दर्ज नहीं है।
कोई अन्य व्यक्ति होता तो इतने बड़े अखबार से लड़ने से पहले सौ बार सोचता परंतु पीड़ित ने साहस नहीं खोया। वह न्यायालय की शरण में गया। अब एक लंबे अंतराल के बाद न्यायालय ने दैनिक भास्कर अलवर संस्करण के संपादक राजेश रवि के खिलाफ आदेश पारित किया है। कोर्ट ने प्रतिष्ठित व्यक्ति के बारे में मिथ्या भ्रामक जानकारी छापने के विरुद्ध मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
इस आदेश की खबर को स्थानीय मीडिया द्वारा पूरी तरह से दबाया दिया गया। पीड़ित का कहना है कि इस संबंध में आगे तक की लड़ाई लड़ने के लिए वह तैयार हैं।
गौरतलब है कि भास्कर के संपादक राजेश रवि द्वारा बिना किसी प्रमाण के एक पार्टी के प्रत्याशी को आपराधिक व्यक्ति बता देने का घृणित कार्य दैनिक भास्कर अखबार के माध्यम से किया गया।
कहा जा रहा है कि पार्टी का टिकट कैंसिल कराने के लिए दूसरे लोगों से सांठगांठ कर अखबार को हथियार बनाया गया।
देखें आदेश की कॉपी-




One comment on “छवि धूमिल करने के मुकदमें में कोर्ट ने दैनिक भास्कर के संपादक के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा”
दैनिक भास्कर मॉल ( DB) में खुले आम मुसलमानों का आतंक लगातार जारी है इस आतंकी घटनाओं में दैनिक भास्कर मॉल पूरी तरह से जिम्मेदार है इसलिए दैनिक भास्कर के इसलामिक आतंकवादियों से सम्बंध की जाँच होनी चाहिए।