भोपाल : जिस प्रकार बिजनेसमैन आजकल मीडिया का रुतबा और जलवा देख कर अख़बार और न्यूज़ चैनल में घुसपैठ कर रहे हैं ठीक उसी प्रकार मीडिया मालिक भी बिजनेसमैनों की अकूत दौलत देख कर उद्योग धंधो में कूद रहे हैं. इस प्रकार उनका पत्रकारिता से ज्यादा सरोकार नहीं रह गया है बल्कि इसके दम पर येन केन प्रकारेण अपने बिजनेस हितों को प्रमोट करना और दौलत बटोरना ही उनका मकसद रह गया लगता है. गले-गले तक विज्ञापनों के लिए वे आवास मेले, वाहन मेले और गरबा-डांडिया जैसे तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं और अख़बारों और चैनलों के मार्फ़त इनका प्रचार कर रहे हैं. जाहिर है इस सबके चलते पत्रकारिता और पाठक कहीं पीछे छूट गए हैं और देश प्रदेश की सत्ता विरोधी खबरें और उन पर संपादकीय अब गुजरे वक्त की बात होकर रह गई है.
वैसे तो मध्यप्रदेश के कमोबेश सभी प्रमुख अख़बार इसी लाइन पर चल रहे रहे हैं पर इन्हें लीड प्रदेश और देश का बड़ा अख़बार दैनिक भास्कर कर रहा है. ताजा उदाहरण कोलार इलाके में इस अख़बार द्वारा आवास मेले के आयोजन का है जिसे अखबार के अंगरेजी प्रेम के कारण प्रापर्टी एक्सपो नाम दिया गया है. सब जानते हैं की देश के साथ ही प्रदेश में भी रियल स्टेट का धंधा साल दो साल से मंदी पर है. अब हजार और पांच सौ के नोटों की बंदी के कारण इसके दिन और बुरे आ गए हैं क्योंकि काले धन के निवेश का यह सबसे सुरक्षित सेक्टर माना गया है. इसलिए भास्कर की तरफ से इस मेले की कामयाबी के लिए अख़बार और खबरों के जरिए लोगों को भरमाया जा रहा है.
मेले को प्रमोट करने के लिए उदघाटन से पहले के अंक में कोलार इलाके में प्रापर्टी खरीदने के फायदे गिनाते हुए बड़ी खबर बिजनेस पेज के बजाए सिटी फ्रंट पेज पर छापी गई. अगले दिन इस एक्सपो का पूरे पेज का और फिर अगले दिन आधे पेज का विज्ञापन छापा गया. इन बड़े विज्ञापनों का सिलसिला अब भी जारी है और संभवतः मेले की समाप्ति तक चलेगा. साथ ही प्रतिदिन मेले की खबर खबरों के पन्ने पर छापी जा रही है जिसे काएदे से बिजनेस के पन्ने पर होना था पर तब इसका उतना असर ना होता..! इस प्रकार व्यापारिक हितों के लिए अख़बार का निर्लज्ज दुरूपयोग किया जा रहा है जो इस समूह की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह है जिसका रोज पहले पेज पर मत्थे के ऊपर डंका पीटा जाता है. अखबार में छपी खबरों को देखने के लिए यहां क्लिक करें : http://bhadas.blogspot.in/2016/11/blog-post_45.html
श्रीप्रकाश दीक्षित
भोपाल