‘भास्कर न्यूज’ नामक चैनल से खबर आ रही है कि यहां कार्यरत कर्मियों ने कई महीने से सेलरी न मिलने के कारण काम बंद कर दिया है. चैनल के अंदर ‘सेलरी नहीं तो काम नहीं’ काा पोस्टर, वालपेपर लगा दिया गया है. भास्कर न्यूज में सेलरी न मिलने से हड़ताल कई दिनों से चल रही है. भड़ास4मीडिया की एक खुफिया टीम ने चैनल में घुसकर कई तस्वीरें ली जिसे यहां प्रकाशित किया जा रहा है.
चैनल की मालकिन हेमलता अग्रवाल अब इमोशनल ड्रामा करके चैनल कर्मियों को बहलाने-फुसलाने का काम कर रही हैं. सूत्रों के मुताबिक कुछ रोज पहले हेमलता अग्रवाल हड़ताली कर्मियों के पास पहुंची और आंसू बहाने लगीं. उन्होंने रोते हुए कहा कि उनके पास पैसा नहीं है, इसलिए सेलरी अभी नहीं दे पायेंगी. साथ ही अनुरोध किया कि काम जारी रखें. पर दूध का जला छाछ फूक फूक कर पीता है वाली कहावत चरितार्थ करते हुए हड़ताली कर्मियों ने हेमलता के घड़ियाली आंसू पर तनिक भी भरोसा नहीं किया और हड़ताल जारी रखा.
पी7 न्यूज चैनल के कर्मियों द्वारा निदेशक को बंधक बनाने और धरना देने के बाद सेलरी संकट सुलझने की घटना से प्रेरित होकर भास्कर न्यूज के कर्मचारी भी हेमलता अग्रवाल को उनके केबिन में बंधक बनाने की तैयारी कर रहे हैं. बवाल की आशंका के कारण चैनल के नंबर दो और एमडी राहुल मित्तल पहले से ही खुद की सुरक्षा पुख्ता कर चुके हैं और चार-चार मुस्टंडे बाडीगार्ड लेकर चल रहे हैं.
चैनल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भास्कर न्यूज की स्थिति बेहद नारकीय और दयनीय हो गई है. पूरे चैनल में उदासी का माहौल है. सेलरी न मिलने से कई सारे मीडियाकर्मी बेहद परेशान हैं और अब जीवन-मरण का सवाल उनके सामने खड़ा हो गया है. पर हेमलता अग्रवाल का दिल पसीज नहीं रहा है और वह अपना जमा किया हुए करोड़ों रुपये में से एक पैसा भी बाहर नहीं निकाल रही हैं. उनकी कोशिश है कि चैनल का खर्चा और सेलरी आदि सब कुछ मार्केट से उगाह कर ही दिया जाए, पुराने-जमा पैसे से नहीं. चैनल आने से पहले ही चैनल को लाभ में लाने की जिद व जल्दबाजी के कारण चैनल का बंटाधार हो गया है.
journalist
November 25, 2014 at 12:48 pm
मीडिया की सबसे बड़ी ‘ठगी गेंग’…सिर्फ भास्कर न्यूज पर… ठग, फ्रॉर्ड, हेरा-फेरी, जैसे शब्दों का इस्तेमाल तब होता है जब आपको कोई अपने जाल में फंसा कर धोखा देता है । असल जिंदगी में कई बार ऐसे लोगों से सामना हुआ होगा लेकिन मीडिया में भी ऐसे लोग अपना जाल बुनेंगे ये नहीं सोचा था । अब मीडिया में भी एक फ्रॉर्डियों की गेंग आ गई है जिसने चैनल खोला पत्रकारों को सपने दिखाए लेकिन सारे सपनों को चकना चूर कर दिया दरअसल भास्कर न्यूज की हालत बेहद खराब है चैनल चलाने के लिए पैसा नहीं है ये खबर मीडिया में आग की तरह फैलती जा रही है लेकिन एमडी राहुल मित्तल अपने शौक पूरे करता रहता है तो सीमएडी हेमलता अग्रवाल खोखले वादों के सहारे कर्मचारियों की आंखों में धूल झोंक रही है । भास्कर न्यूज में पहले तो सिर्फ राहुल मित्तल ही तारीख देता था ..लेकिन अब सीएमडी हेमलता अग्रवाल साफ कहे चुकी है कि अभी पैसा नहीं है । लगभग तीन महीने होने आए है लेकिन इनके बहाने खत्म नहीं हुए । सभी कर्मचारी तो इन्हें बद्दुआएं देते –देते धक गए हैं । अब नजाने मित्तल और हेमलता अग्रवाल कितने पत्रकारों की बद्दुआएं लेंगे या यूं कहे कि दोनों ठगियों को उपर वाले का भी खौफ नहीं ।चेहरे पर परेशानी नहीं कर्मचारी मरता है तो मरे लेकिन हम तो शौकीन ठहरे । उधार की गाड़ी और दो जोड़ी कोट पेंट में ‘’राहुल बन गया जैन्टलमैन’’ ।अंदर की बात ये है कि इस चैनल को मीडिया के दिग्गज पत्रकारों ने अपना नाम दिया …चैनल तो डूबा साथ ही वो दिग्गज आज नौकरियां तलाश रहे हैं और अपनी किस्मत को कौस रहे है । सेलरी के नाम पर मित्तल दिग्गजों को आश्वासन देता है जिससे वो भी खामोश हो जाते हैं और अपने सभी कर्मचारियों को सेलरी का दिलासा देते हैं। मित्तल की हिम्मत को सलाम करते है कि वो इनवेस्टर्स को इस कदर अपने जाल में फंसाता है और चैनल के नाम पर मोटा पैसा मांग लेता है जिसका हिसाब किसी को नहीं दिया जाता .. ये पहली दफा नहीं जब मित्तल ने पैसों का गबन किया हो बल्कि जबसे चैनल शुरु हुआ है तभी से पैसों में हेर-फेर का सिलसिला चलते आ रहा है। ये कला उन लोगों के पास ही होती है जिन्हें फ्रॉर्ड करने में महारथ हासिल हो और ज्यादातर लोग जानते है कि मित्तल किस लेवल का फ्रॉर्डी है। दो महिने की सेलरी नहीं हैं लेकिन इनवेस्टर्स को बेवकूफ बनाने के लिए न्यूजरुम में ऐसे घुमाता है जैसे भास्कर से बड़ा कोई चैनल नहीं है। मीडिया का ‘’म’’ तक नहीं पता और एमडी बन गया। खबर का ‘’ख’’ नहीं पता और बनता है देश का सबसे बड़ा पत्रकार । भला हो उस इंसान का जिसने खबरों के इस नए बाजीगर राहुल मित्तल का टीवी शो शुरु होने से पहले ही बंद करवा दिया उस शो को नाम था ‘’ द राहुल मित्तल शो’’. कर्मचारियों ने एक बार फिर पैसा मांगा लेकिन भाई इनकी तारीख खत्म नहीं होती..कोई इन्हें याद दिलाए कि फिल्मों में भी तारीख खत्म हो जाती है और फैसला भी आ जाता है लेकिन ये अपनी तारीख पर खरे कब उतरेंगे । नवंबर को खत्म होने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं लेकिन सेलरी का कोई अता-पता नहीं..वो कहते है कि ‘’ कर्म कर फल की चिंता ना कर ’’ लेकिन भास्कर न्यूज में इस मुहावरे को कुछ इस प्रकार बोला जा रहा है कि ‘’ कर्म कर फल की चिंता भी कर’’। अब कर्मचारी अपना हक मांगते थक गए हैं । मित्तल और मैनजमेंट के अंडर काम करने का किसी का मन नहीं है लेकिन हम सभी लोग असली पत्रकार हैं और पत्रकार कभी घर नहीं बैठता…इसलिए हम सब ऑफिस आते हैं थोड़ा काम करते है काम से नहीं भागते ।भास्कर न्यूज का एमडी राहुल मित्तल और सीएमडी हेमलता अग्रवाल शायद इसे हमारी कमजोरी समझ रहे है लेकिन वो भूल गए है कि कमजोरी को ताकत बनने में ज्यादा वक्त नहीं लगता और फ्रॉर्डियों को सड़क पर ला कर बेनकाब कर करना पत्रकारों का काम होता है ।अगर अभी राहुल मित्तल नहीं समझा तो भास्कर में भूचाल दस्तक देने वाला है।
nadeem ahmed
December 5, 2014 at 4:47 pm
rahul mittal aur smeer abbas na chaneel ko chos li hai jase koi jok chus lati hee mittal kaval 4fit ka hai lakin dalal bhout bara hai kuch aur ghtiya logo ko head banaya gya tha jisme ek name sanjay singh ka hai media mai usse ghtiya admi nhi hai