Connect with us

Hi, what are you looking for?

आवाजाही

अनिल शर्मा को भास्कर और संजीव रतन सिंह को टीओआई से हटाए जाने की चर्चा

चर्चा है कि दैनिक भास्कर भोपाल के संपादक अनिल शर्मा को पद से हटा दिया गया है. अनिल शर्मा लंबे समय से ऑक्सीजन पर चल रहे थे. उन पर कार्य में लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं. भोपाल से ही एक अन्य अपुष्ट जानकारी के मुताबिक टाइम्स आफ इंडिया के संपादक संजीव रतन सिंह को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. संजीव रतन सिंह की कार्यवधि में टीओआई के भोपाल संस्करण से कई कर्मचारियों ने, विशेषकर महिलाओं ने नौकरी छोड़ी और कुछ ने तो इस संबंध में प्रशासन को लिखित में शिकायत भी की थी.

<p>चर्चा है कि दैनिक भास्कर भोपाल के संपादक अनिल शर्मा को पद से हटा दिया गया है. अनिल शर्मा लंबे समय से ऑक्सीजन पर चल रहे थे. उन पर कार्य में लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं. भोपाल से ही एक अन्य अपुष्ट जानकारी के मुताबिक टाइम्स आफ इंडिया के संपादक संजीव रतन सिंह को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. संजीव रतन सिंह की कार्यवधि में टीओआई के भोपाल संस्करण से कई कर्मचारियों ने, विशेषकर महिलाओं ने नौकरी छोड़ी और कुछ ने तो इस संबंध में प्रशासन को लिखित में शिकायत भी की थी.</p>

चर्चा है कि दैनिक भास्कर भोपाल के संपादक अनिल शर्मा को पद से हटा दिया गया है. अनिल शर्मा लंबे समय से ऑक्सीजन पर चल रहे थे. उन पर कार्य में लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं. भोपाल से ही एक अन्य अपुष्ट जानकारी के मुताबिक टाइम्स आफ इंडिया के संपादक संजीव रतन सिंह को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. संजीव रतन सिंह की कार्यवधि में टीओआई के भोपाल संस्करण से कई कर्मचारियों ने, विशेषकर महिलाओं ने नौकरी छोड़ी और कुछ ने तो इस संबंध में प्रशासन को लिखित में शिकायत भी की थी.

एक नेशनल न्यूज चैनल के भोपाल ब्यूरो चीफ के बारे में चर्चा है कि आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप में चैनल ने उन्हें टर्मिनेट कर दिया है. भड़ास द्वारा जारी की गई मध्य प्रदेश के पत्रकारों द्वारा संचालित की जाने वाली वेबसाइट की सूची और उसके माध्यम से सरकार से की जा रही लाखों की नियमित उगाही की खबर कई पत्रकारों के लिए ताबूत में अंतिम कील साबित हो रही है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक बड़े चैनल के भोपाल संवाददाता को हटाए जाने के अलावा कम से कम तीन और वरिष्ठ पत्रकारों की भी अंतिम गिनती चल रही है और कभी भी उनकी बर्खास्तगी की जा सकती है. इस सूची में कुछ तो वाकई सच्चे पत्रकार हैं, लेकिन अधिकांश अपनी पत्नी, भाइयों के नाम पर सरकार से उगाही कर, सरकार की गोद में सालों से बैठे हुए थे. एक मोहतरमा तो चार वेबसाइट चलाकर जबर्दस्त उगाही अभियान में लगी हुईं थीं. इन कथित पत्रकारों पर चुनावों के दौरान भी व्यापक वसूली किए जाने के आरोप लगते रहे हैं, जिनकी मदद से कई मकान, दुकानें चला रहे हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. अनिल सिंदूर

    February 2, 2016 at 4:51 am

    हिन्दुस्तान अलीगढ़ के डीएनई नीरज मिश्रा को निकाला गया। फर्जी सेलरी स्लिप लगाने का मामला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement