इंदौर प्रेस क्लब की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के आरोप में भूपेन्द्र नामदेव की सदस्यता समाप्त करने का फैसला लिया गया। कार्यकारिणी की बैठक में नामदेव के कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की गई और ये माना कि उनका कृत्य प्रेस क्लब के विधान का सीधा-सीधा उल्लंघन है। भूपेंद्र नामदेव की पिछले कुछ समय से लगातार प्रेस क्लब विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की शिकायत प्रेस क्लब सदस्यों द्वारा की जा रही थी। इन्हीं शिकायतों के आधार पर नामदेव को नोटिस जारी किया गया था।
बावजूद इसके उन्होंने इंदौर प्रेस क्लब के विशेष समारोह ‘काबिलियत को सलाम’ के संबंध में बेहद आपत्तिजनक मैसेज सोशल मीडिया पर प्रसारित किए। यह मैसेज असत्य जानकारियों और भ्रम फैलाने वाले थे, उनके इस कृत्य से प्रेस क्लब की छवि को धक्का लगा। उनके इस कृत्य पर सदस्यों ने नाराजगी जताते हुए सख्त कार्यवाही की मांग की थी। कार्यकारिणी की आपात बैठक में सर्वसम्मति से भूपेन्द्र नामदेव की सदस्यता समाप्त करने का फैसला कर लिया गया। साथ ही उनके द्वारा चलाए गए मैसेज के खिलाफ साइबर सेल में मुकदमा दर्ज करवाने का भी निर्णय लिया गया। इन भ्रामक मैसेज को जिन लोगों ने आगे बढ़ाया है उनके खिलाफ भी साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई जाएगी। प्रबंधकारिणी ने प्रेस क्लब परिसर में श्री नामदेव का प्रवेश भी सर्वानुमति से प्रतिबंधित कर दिया है।
उधर, कुछ पत्रकारों ने वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र नामदेव की सदस्यता गलत तरीके के खत्म करने को लेकर चिंता जाहिर की है. पत्रकारों ने बैठक कर कहा कि इमरजेंसी जैसे हालात है इंदौर प्रेसक्लब में. इनका यह भी कहना है कि भूपेंद्र नामदेव की बढ़ती लोकप्रियता से परेशान होकर तानाशाह हुए क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी. पूरे मामले को लेकर इंदौर प्रेसक्लब के पूर्व अध्यक्षो ओर वरिष्ठ पत्रकारों से मिलकर उन्होंने पूरे घटनाक्रम से करवाया जाएगा अवगत.
भूपेंद्र नामदेव की सदस्यता गलत तरीके से खत्म करने को लेकर पत्रकारों में काफी आक्रोश है. हर कोई यही बोल रहा है कि भूपेंद्र चुनाव ना लड़ सके इसके लिए ये सारा षडयंत्र रचा जा रहा है. अरविंद तिवारी की तानाशाही को लेकर एक मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में पत्रकार साथी मौजूद रहे. अरविंद तिवारी के तानाशाह रवैय्या को लेकर पत्रकारों कहा कि इंदौर प्रेसक्लब में इमरजेंसी जैसे हालात हैं जो किसी की भी सुनने को तैयार नहीं है. जो अरविंद तिवारी पिछले तीन सालों में एक साधारण सभा नहीं कर पाए, भूपेंद्र नामदेव की बढ़ती लोकप्रियता से इतने तानाशाह हो गए कि महज 24 घंटे में मीटिंग कर उनकी सदस्यता ही खत्म कर दी. तानाशाही ऐसी की क्लब में प्रवेश पर ही रोक लगा दी. इससे अन्य सदस्यों में काफी रोष है. सदस्यों का कहना है कि भूपेंद्र नामदेव प्रेसक्लब का चुनाव नहीं लड़े सके, इसलिए ये सब किया जा रहा है. भूपेंद्र नामदेव की सदस्यता खत्म करने के मामले में साथियों ने सुझाव दिया है कि पूरे घटनाक्रम और अरविंद तिवारी की तानाशाही को लेकर इंदौर प्रेसक्लब के पूर्व अध्यक्षों ओर वरिष्ठ पत्रकारों को अवगत करवाया जाएगा ताकि उन्हें भी इनकी जानकारी मिल सके.