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अफसर प्रबंध संपादक बना तो स्थानीय संपादक ने दे दिया इस्तीफा

खबर छत्तीसगढ़ से है। दैनिक ‘सन स्टार’ रायपुर संस्करण के संपादक अनिल द्विवेदी ने स्थानीय संपादक पद से इस्तीफा दे दिया है। इसकी वजह कंपनी की खराब आर्थिक स्थिति होना बताया गया है 

<p>खबर छत्तीसगढ़ से है। दैनिक 'सन स्टार' रायपुर संस्करण के संपादक अनिल द्विवेदी ने स्थानीय संपादक पद से इस्तीफा दे दिया है। इसकी वजह कंपनी की खराब आर्थिक स्थिति होना बताया गया है </p>

खबर छत्तीसगढ़ से है। दैनिक ‘सन स्टार’ रायपुर संस्करण के संपादक अनिल द्विवेदी ने स्थानीय संपादक पद से इस्तीफा दे दिया है। इसकी वजह कंपनी की खराब आर्थिक स्थिति होना बताया गया है 

मगर सूत्रों के मुताबिक द्विवेदी इस बात से व्यथित थे कि अखबार के मालिक गोपाल दास ने एक ऐसे अफसर (अनुराग लाल) को प्रबंध संपादक बना दिया, जिसे फर्जी जाति प्रमाण-पत्र मामले में राज्य सरकार बर्खास्त कर चुकी है। लाल के आने के बाद न सिर्फ संवाददाताओं बल्कि संपादक पर भी भ्रष्ट और अनुचित तरीके से खबरें प्रकाशित करने का दबाव आ रहा था मगर द्विवेदी ने इस तरीके से काम करने से इंकार कर दिया।

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0 Comments

  1. Meena

    June 6, 2015 at 8:27 am

    ये संपादक भी ना. अरे भाई एडजस्ट कर लेते तो क्या जाता. अब खोजिए दूसरी नौकरी.

  2. Manoj Mishra

    June 6, 2015 at 12:35 pm

    अनिल द्विवेदी वरिष्ठ पत्रकार हैं और मैंने उनके साथ काम किया है। मेहनती हैं, ईमानदार हैं लेकिन मेरे मुर्गे की एक टांग वाला सिद्धांत नहीं चलता। माना कि सन स्टार को उर्जा देने में पण्डित जी ने कोई कसर नहीं छोड़ी, एक खबर पर तो राज्यपाल ने भी तारीफ की थी लेकिन टीम वर्क भी तो कोई चीज होती है। वे अपनी टीम बनाने में ज्यादा यकीन रखते हैं। आपको प्रबंधन के साथ चलना ही होगा।

  3. Rajiv saxena

    June 7, 2015 at 4:33 pm

    Kya kaenge aur kya kar sakte hain. Yahi jamana aa gaya hai. ab afsarraj media me bhi aa gaya hai. bure dinon ki saugaat yahi hai.

  4. Sumit joshi

    June 8, 2015 at 3:45 pm

    Aise akhbaron me yahi sab hota hai. Dwivedi ji kahan iske chakkar me pad gaye. Sun Star ko pahle samajh lena tha.

  5. g. ramesh

    June 9, 2015 at 10:15 am

    Now time is crucial foe media & media man who are facing chelenfes & criticism. Why forget the editor his duty. Tell the truth & sham the Devil.

  6. deepak kayani

    June 10, 2015 at 4:11 pm

    Sun star akhbaar ke malik gopal das ko mai Bhopal se janta hun. Unhone pahle Hindi mail akhbar shuru kiya. Flop rahe. Phir jansatta laaye. Lhir kahi ankahi. Phir ek magazine. Lekin aaj bhi log unhe Dalaal hi kahte hain. Afoisas ve is chhabi se ubarna nahi Chahte.

  7. prakash yadu

    June 11, 2015 at 6:49 am

    बाजार और पत्रकारिता के बीच सबसे ज्यादा संपादक नाम का प्राणी ही पिस्ता है। हांलांकि अच्छे संपादक के लिए बैनर मायने नहीं रखता। उसे नाम से भी अखबार चला करते है।

  8. Mayank Chauhan

    June 11, 2015 at 10:56 am

    दुर्भागयपूर्ण और अफसोसजनक दौर आ गया है. मीडिया को अब वे अफसर चलायेंगे जिन पर पहले से ही फर्जीवाडा कर सरकार को धोखाधडी देने का आरोप लगाया है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे रिपोर्टर से क्या काम लें्रे. धमकाओ चमकाओ और विज्ञापन लाओ. खबरों की ब्लेकमैलिंग करो. इसीलिए आम आदमी का विश्वास मीडिया घरानों से उठ रहा है.

  9. priyanka mishra

    June 12, 2015 at 8:26 am

    Anil dwivedi ji ke nature ko mai bhalin bhanti janti hun. Dil lagakar kaam karte hain aur behtareen parinaam dete hain. News.Marketing.Branding. kuch bhi karva lijiye. Lerfect man haIn. Kisi bade group me jaane ka chal raha hai.

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