Shamshad Elahee Shams : इस बकरमुंह से मिलिए. नाम है इसका हाजी सादिक. उम्र ८१ साल. ये मुसलमानों का छोटा वाला आसाराम बापू है.
इंग्लैण्ड में कार्डिफ मस्जिद का इमाम भी रहा है और कुरआन पढ़ाने का पेशा भी करता था. १३ साल से कम उम्र की ४ बच्चियों के यौन शोषण के मामले में इसे १३ बरस की जेल हुई है. पश्चिम में अक्सर इसाई मुल्लेह, बाल यौन शोषण की ख़बरों में सुर्खियाँ बनाते हैं. ऐसा इसलिए है कि पश्चिमी समाज में वह सामाजिक दिक्कते नहीं कि पीड़ित अपने दुःख को छिपा जाए.
यदि ये सामाजिक दबाव एशिया के समाजो से नदारद हो जाए तो मुल्लाह बिरादरी को इतनी सजाएँ मिले कि जेले कम पड़ जाएँ. अव्वल दर्जे के हरामखोर, बेगैरत और बच्चेबाज़ नस्ल के कीड़े होते है. सिर्फ सडा हुआ समाज ही इनकी परवरिश कर सकता है. लोग मज़हबी अकीदे के चलते इन्हें घर पर बुलाकर अपने बच्चे पढवाते और ये ..
एक अदद अच्छा मौलवी -हाफिज ढूँढना इतना ही मुश्किल है जैसे भूसे के ढेर में सूईं को टटोलना.
मेरठ में पढ़े-लिखे और इन दिनों कनाडा में रहने वाले कामरेड शमशाद एल्ही शम्स की एफबी वॉल से.