विश्व दीपक-
यह पहली बार है जब कांग्रेस, बीजेपी के अब तक के सबसे बड़े नायक को श्रद्धांजलि देकर उसे अपनाने की प्रक्रिया में जा रही है. यह आक्रामकता, यह रणनीति बहुत पहले अपनाई जानी चाहिए थी लेकिन कांग्रेस के अंदर सक्रिय (कथित) रेडिकल लेफ्ट ने यह होने नहीं दिया. जिसके अंदर जरा सा भी हिंदू तत्व दिखा, उसे सांप्रदायिक बता कर खारिज कर दिया गया. नतीजा मोदी के रूप में सामने आया.
जाते हुए साल की सबसे अहम तस्वीर आज सामने आई. राहुल गांधी को अटल बिहारी बाजपाई की समाधि पर दो दिन पहले 24 दिसंबर को ही जाना था लेकिन उस दिन कमल हसन की वजह से प्रोग्राम थोड़ा लंबा खिंच गया.
कल सरकार ने इस इलाके में कब्जा कर रखा था. लिहाजा राहुल आज सुबह जबकि दिल्ली का पारा सात डिग्री से भी कम था, अटल बिहारी को टी-शर्ट पहन कर श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
दक्खिन टोले में इस एक तस्वीर ने जो हलचल मचाई है उसका हिसाब नहीं. चक्रवर्ती सम्राट ने चाहे बीजेपी को जितनी ही सीटें दिलवाई हों, चाहे जितने चुनाव जितवाएं हों अटल बिहारी बाजपाई के सामने उनका कद बौना ही है. इस तस्वीर ने बौनेपन और क्षुद्रता के उस अहसास को और गहरा कर दिया है.
भूलना नहीं चाहिए कि अटल ही थे जिन्होंने चक्रवर्ती सम्राट को “राजधर्म” की याद दिलाई थी.
राजनीतिक विरोधी होने का मतलब घृणा करना या दुश्मनी पालना नहीं–यह इस तस्वीर का स्पष्ट संदेश है. लेकिन अंदर की बात यह है कि राहुल गांधी बीजेपी को याद दिलाना चाहते हैं कि तुम्हारी पार्टी में ऐसे भी नेता थे जिनके लिए इंसानियत बड़ी बात थी. जो हिंदू तो थे लेकिन अपनी धार्मिक पहचान को अलग तरह से परिभाषित करते थे.
यह तस्वीर नहीं एक आमंत्रण भी है. आने वाले वक्त में यकीनन इसका असर होगा.
जयराम रमेश ने यूं ही नहीं कहा है कि राजनाथ सिंह, गडकरी और वेंकैया नायडू “भारत जोड़ो यात्रा” में शामिल हो सकते हैं. ये सब लोग यात्रा में भले ही न शामिल हों लेकिन इनकी शुभेच्छा यात्रा के साथ, राहुल गांधी के साथ है. यह समझने के लिए चाणक्य बनने की जरूरत नहीं. इसे भी यात्रा की सफलता के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए.
अटल बिहारी, भारत के इतिहास में जिसे नेहरू युग कहा जाता है, उसके सबसे बड़े उत्पादों में से एक हैं. उन्हें अपनाने से बीजेपी के अंदर मोदी जिस विषाक्तता का प्रतिनिधित्व करते हैं, उसके खिलाफ एंटी डॉट तैयार होगा.
समन्वय की कोशिश बीजेपी की तरफ से होनी चाहिए थी लेकिन कांग्रेस की तरफ से हो रही है. कांग्रेस, राहुल गांधी अपनी ऐतिहासिक ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं. मुल्क के लिए अच्छा होगा.