अश्विनी कुमार श्रीवास्तव-
कोरोना के नाम पर प्राइवेट अस्पताल जमकर लूट मचाए हुए हैं. बनारस में मेरे मौसा कोविड पॉजिटिव हुए तो वहां के एक प्राइवेट अस्पताल ने तीन लाख लेने के बावजूद उन्हें BHU रेफर कर दिया.
दिल्ली में मेरे भतीजे के दोस्त के माता- पिता कोविड पॉजिटिव होने के बाद वहां के कैलाश अस्पताल में भर्ती हुए. उस दोस्त की माता जी का निधन हो गया, पिता अभी भर्ती हैं और अस्पताल अभी तक नौ लाख रुपए ले चुका है.
लोगों के व्यापार ठप हैं. नौकरी खतरे में है. लोन की ई एम आई फिर से चालू हो गई हैं. जमा- पूंजी और निवेश भी शून्य होते जा रहे हैं. ऐसे में लाइलाज कोरोना मरीज को हस्पताल में रखकर बेड, छिटपुट दवा, ऑक्सीजन या वेंटिलेटर देने के नाम पर अगर हस्पताल इसी तरह लाखों रुपए लूटते रहेंगे तो आम लोगों का क्या हश्र होगा?
केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल निजी अस्पतालों की इस लूट पर रोकथाम लगानी चाहिए. वरना जब तक vaccine आएगी, तब तक तो यह लूट इस कदर बढ़ जाएगी कि लोग अस्पताल जाने से डरने लगेंगे.