इंदौर के गुटका व्यापारी किशोर बाधवानी का समाचार पत्र दबंग दुनिया शुरुआत से ही चर्चा में रहा है। परिवर्तन तो यहां प्रतिदिन का काम हो गया है। भास्कर के कारनामें छापता रहता है, लेकिन अपनी कालाबाजारी कभी उजागर नहीं करता है। हाल में हुए कुछ परिवर्तन और नए आए लोगों के बारे में कुछ जानकारी आपको दे रहा हूं। दबंग के मालिक किशोर बाधवानी के दुश्मन रहे प्रवीण खारीवाल अब इन्हीं के अखबार दबंग दुनिया में सीईओ और एडिटर इन चीफ के पद पर हैं। वाधवानी-खारीवाल की हाल ही में दोस्ती हुई है। वाधवानी ने खारीवाल को फ्री हैंड दे दिया है। जिसे चाहे रखो, जिसे चाहे निकालो, बस रिजल्ट दो। इसी के तहत खारीवाल ने गीत दीक्षित व अन्य पुराने लोगों को हटाकर नए लोगों को लाने की योजना बनाई है। खारीवाल ने ही पुस्पेंद्र सोलंकी को दबंग दुनिया में रखवाया।
‘जनजनजागरण’ से हटाए गए पुस्पेंद्र सोलंकी काफी प्रयास के बाद दबंग दुनिया भोपाल में प्रवेश कर चुके हैं और उनके आते ही यहां हलचल शुरू हो गई है। अमित देशमुख भी सोलंकी के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। अमित देशमुख सोलंकी के साथ नवदुनिया भोपाल में काम कर चुके हैं। भोपाल, जबलपुर और रायपुर एडीशन देख रहे गीत दीक्षित को निपटाने का अभियान शुरू हो चुका है। वैसे कहने वाले कहते हैं कि गीत दीक्षित का टाइम पूरा हो चुका है और इन्हें हटाने के लिए इनडायरेक्ट तौर पर इशारा प्रबंधन की तरफ से किया जा चुका है।
दबंग दुनिया भोपाल में अंदरुनी पालिटिक्स के कारण आरबी सिंह, अजय द्विवेदी, चंदर सिसोदिया और निशांत दुबे जैसे लोग मुश्किल में हैं। दबंग भोपाल में मार्केटिंग हेड के रूप में हाल ही में रखे गए हैं वामिक खान। वामिक राज एक्सप्रेस, पीपुल्स और स्टार समाचार के भोपाल एडिशन में काम कर चुके हैं। वामिक के बारे में कुछ लोगों का कहना है कि ये वामिक जी पहले तो मालिकों को बड़े बड़े सपने दिखाकर खूब खर्चे करवाते हैं और बाद में 6-8 महीने का मोटा वेतन लेकर बाहर हो जाते हैं, लेकिन तब तक संस्थान की ऐसी.तैसी हो जाती है। उधर, दबंग रायपुर से निकाले गए जितेंद्र सूर्यवंशी दीपक बुढ़ाना की कृपा से फिर भोपाल में इंट्री कर चुके हैं। चर्चा है कि जितेंद्र ने भी गीत दीक्षित के खिलाफ झंडा बुलंद कर रखा है, अमित देशमुख के साथ मिलकर। इन लोगों के आने और प्रबंधन द्वारा गीत दीक्षित को जबलपुर भेजे जाने के बाद से भोपाल में विज्ञापनों की मिसिंग लगातार हो रही है। (कानाफूसी)
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
vinay goel
September 26, 2014 at 6:36 am
lalit upmanuji ke bare me kya rai hai.
Dabang bol
September 26, 2014 at 4:46 pm
Ye kishore vadhwani ko journalism k bare me kuch ata-jata h nahi aur jo achche log kuch karna chahe to unhe bahar kar deta hai. Bache rahte h to sirf apna ULLU sidha karne wale. Aise log journalism k naam par dhabba hai. ARE KISHORE BABU AB TO BADE HO JAO YA FIR KISHORE HE RAHOGE.
रवी पांडे
September 26, 2014 at 6:23 pm
माना की गीतजी बडबोले है…. परंतु बहूत हि मेहनती और ईमानदार ईन्सान है. दबंग के लिए उन्होने हमेशा पूरी निष्ठा से काम कीया है. ऐसा लग रहा है जैसै वाधवानी को खारीवाल तथा उसके सीथी चूना लगाकर भाग जाऐंगे
Jasoos
September 27, 2014 at 4:30 pm
Deepak,gauri,praveen,amit bhaskar ke Mukhbir hai.Enhe dabang ko barbaad karne ke liye moti rakam mil rahi hai. Khariwaal ji pahle inko niptao baki sab apne aap thik hoga.
adil
September 28, 2014 at 12:28 pm
दबंग दुनिया भास्कर को मटियामेट करने के उद्देश्य से शुरू हुआ था और वाधवानी ने इसका इस्तेमाल अपने दुश्मनों से रंजिश भुनाने के लिए किया। लेकिन कीर्ति राणा,महेश लिलोरिया, जैसे अच्छे संपादक यहाँ टिक नहीं पाये वजह थी वाधवानी का कान का कच्चा होना। इस पेपर में तीन गुट है एक भास्कर गुट एक पत्रिका गुट और एक भाटी ग्रुप अब खारीवाल के आने के बाद बना नई दुनिया ग्रुप। वाधवानी इन ग्रुप्स को लड़वाकर अपना उल्लू सीधा करते आएं है। अब वक्त आ गया है की वाधवानी के भतीजे नीतेश पेपर की बागडोर सम्भाल ले।
shubhchintak
December 16, 2014 at 10:32 pm
kirti rana hote to aaj ye din nhi dekhna padta