दैनिक भास्कर की ये रिपोर्ट पठनीय है-
वरिष्ठ पत्रकार अश्विनी कुमार श्रीवास्तव की टिप्पणी पढ़ें-
दैनिक भास्कर की यह खोजी रपट पढ़िए. आपको पता चल जाएगा कि बाबागिरी का बिजनेस किसी भी अन्य बिजनेस से आकर्षक क्यों है !!!
लोगों से से माया- मोह छोड़ने और चमत्कार करने व उसके एवज में किसी से एक पैसा न लेने का ढोंग करके देश के हजारों छोटे- बड़े बाबा किस तरह से अकूत धन रोज बाबागिरी से कमा रहे हैं, बागेश्वर बाबा की कमाई पर लिखी गई इस खोजी रपट से आप समझ जाएंगे.
हालांकि इतना खोजने के बावजूद यह अंदाजा लगा पाना नामुमकिन है कि बागेश्वर बाबा या अन्य कोई और बाबा हर रोज कितने लाख या करोड़ रुपए कमा रहे हैं. क्योंकि लाख- दो लाख हर रोज की कमाई तो बाबा के नाम पर स्टैंड आदि चलाकर उनके भाई- बंधु या चेले ही कर ले रहे हैं.
कुछ लोग कहेंगे कि इस कमाई से आखिर दिक्कत क्या है? सबका भला ही तो हो रहा है !!! रोजगार और व्यापार चल रहे हैं.
ऐसे लोगों से फिर यह पूछना पड़ेगा कि अगर धर्म के नाम पर कोई जादूगर / बाजीगर या पाखंडी ऐसे ही हर रोज लाखों- करोड़ों कमा रहा है और इससे कोई दिक्कत नहीं है तो फिर किसी भी गैरकानूनी धंधे से अगर कोई कमा रहा है तो उसमें क्या दिक्कत है?
धर्म, आस्था, ईश्वर, चमत्कार के नाम पर किसी बीमार, मजबूर, दुखी, दरिद्र अथवा मुसीबत में फंसे इंसान से धन ऐंठ लेना अपराध नहीं है और नहीं रोका जाना चाहिए तो किस मुंह से झोलाछाप डॉक्टर/ फर्जी हकीम आदि को इलाज के नाम पर ठगी करने से कानून रोकता है ?
या किस मुंह से किसी भी निजी अस्पताल को लोगों से ज्यादा पैसे वसूलने या इलाज न करने – लापरवाही करने आदि के लिए मुकदमे किए जाएंगे? किसी जांच केंद्र में जांच के नाम पर लूट अथवा फर्जी रिपोर्ट या मेडिकल स्टोर में असली दाम से महंगी दवाएं अथवा नकली दवा बेचने पर आखिर क्यों कार्यवाही की जाएगी? क्या ये सब लोगों को रोजगार नहीं दे रहे हैं, या व्यापार नहीं बढ़ा रहे हैं? ये भी तो बाबाओं की तरह बीमार, परेशान लोगों को मूर्ख बनाकर उनसे धन वसूल रहे हैं.
बहरहाल, बाबागिरी का धंधा इसी तरह दिन- दूनी रात चौगुनी तरक्की करता रहेगा क्योंकि खुद सरकार धर्म के नाम पर चमत्कारों का धंधा चलाने को गलत नहीं मान रही. जनता तो खैर अपनी आस्था- श्रद्धा के सामने अपना बुद्धि- विवेक खो ही चुकी है.
Anshu singh
February 11, 2023 at 9:51 pm
किस मूर्ख आदमी ने यह आर्टिकल लिखा है… अरे आप बिना जाए किसी को पाखंडी कैसे बोल सकते हो… वरना फिर आप में और अंधभक्त में क्या फर्क रहा है…
अगर इतनी ही दम है तो जाइए वहां और लाइव टेस्ट लीजिए उनका उन्होंने तो खुद कहा कि हमारी परीक्षा लो हमारी पर डरपोक लोग जा ही नहीं रहे… और यहां अकल चला रहे हैं लिखने में… मंदबुद्धि