Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

दलित लेक्चरर की इसलिए चली गई नौकरी!

वीरेंद्र यादव-

संविधान को सर्वोपरि बताएंगे तो नौकरी जा सकती है. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के राजनीति शास्त्र के दलित अतिथि प्रवक्ता मिथिलेश कुमार गौतम की सेवाएं तत्काल प्रभाव से उनकी सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी के कारण समाप्त कर दी गईं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

उनके विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. उनका अपराध यह था कि उन्होंने अपनी टिप्पणी में लिख दिया था कि ” नौ दिनों के व्रत के बजाय यदि स्त्रियाँ संविधान और हिंदू कोड बिल का पाठ करें तो उनका जीवन भय और दासता से मुक्त होगा. जय भीम.” यानि बाबा साहेब आंबेडकर की जय के साथ तर्क बनाम आस्था की बात करना जोखिम भरा है, क्योंकि बदले भारत में इससे किसी की भावनाएं आहत हो सकती हैं.

लगता है धार्मिक कर्मकांड , पाखंड आदि के विरुद्ध तर्क व वैज्ञानिक सोच की बात कहने सुनने के दिन अब भारतीय समाज में लद गए और अज्ञान व आस्था ही अब रोशनी की मीनार है. मनुस्मृति बनाम संविधान की बहस भी अब जोखिम से खाली नहीं है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

देश सचमुच बदल गया है. संलग्न समाचार आज के ‘दि हिन्दू’ के मुखपृष्ठ पर प्रकाशित है.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement