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उत्तर प्रदेश

जुदा विचारों वाली समाजवादी बहुएं

उत्तर प्रदेश के सबसे ताकतवर ‘समाजवादी परिवार’ में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। एक तरफ इस परिवार की तीसरी राजनीति में प्रवेश कर रही है तो दूसरी ओर परिवार की बहुएं अपने व्यवहार से सुर्खियां बटोर रही हैं। ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब मुलायम सिंह की सांसद बहू और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने लोकसभा में जबर्दस्त तकरीर देकर अपनी तरफ लोगों का ध्यान खींचा था। महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के मुद्दे पर उन्होंने संसद में जो भाषण दिया था, उसकी सराहना में न केवल समाजवादियों बल्कि विरोधियों तक ने भी दातों तले उंगली दबा ली थी। डिंपल यादव राजनैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। वह समय-समय पर अखिलेश सरकार की उपलब्धियां गिनाती रहती हैं तो मौका पड़ने पर यह कहने से भी नहीं चूकती हैं कि कानून व्यवस्था को लेकर यूपी के जो हालात मीडिया और विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा दिखाए और दर्शाये जा रहे हैं, वह सच नहीं हैं।

<p>उत्तर प्रदेश के सबसे ताकतवर ‘समाजवादी परिवार’ में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। एक तरफ इस परिवार की तीसरी राजनीति में प्रवेश कर रही है तो दूसरी ओर परिवार की बहुएं अपने व्यवहार से सुर्खियां बटोर रही हैं। ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब मुलायम सिंह की सांसद बहू और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने लोकसभा में जबर्दस्त तकरीर देकर अपनी तरफ लोगों का ध्यान खींचा था। महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के मुद्दे पर उन्होंने संसद में जो भाषण दिया था, उसकी सराहना में न केवल समाजवादियों बल्कि विरोधियों तक ने भी दातों तले उंगली दबा ली थी। डिंपल यादव राजनैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। वह समय-समय पर अखिलेश सरकार की उपलब्धियां गिनाती रहती हैं तो मौका पड़ने पर यह कहने से भी नहीं चूकती हैं कि कानून व्यवस्था को लेकर यूपी के जो हालात मीडिया और विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा दिखाए और दर्शाये जा रहे हैं, वह सच नहीं हैं।</p>

उत्तर प्रदेश के सबसे ताकतवर ‘समाजवादी परिवार’ में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। एक तरफ इस परिवार की तीसरी राजनीति में प्रवेश कर रही है तो दूसरी ओर परिवार की बहुएं अपने व्यवहार से सुर्खियां बटोर रही हैं। ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब मुलायम सिंह की सांसद बहू और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने लोकसभा में जबर्दस्त तकरीर देकर अपनी तरफ लोगों का ध्यान खींचा था। महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के मुद्दे पर उन्होंने संसद में जो भाषण दिया था, उसकी सराहना में न केवल समाजवादियों बल्कि विरोधियों तक ने भी दातों तले उंगली दबा ली थी। डिंपल यादव राजनैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। वह समय-समय पर अखिलेश सरकार की उपलब्धियां गिनाती रहती हैं तो मौका पड़ने पर यह कहने से भी नहीं चूकती हैं कि कानून व्यवस्था को लेकर यूपी के जो हालात मीडिया और विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा दिखाए और दर्शाये जा रहे हैं, वह सच नहीं हैं।

सांसद डिंपल भाजपा शासित प्रदेशों के हालात अपने राज्य से बदत्तर बताने के साथ-साथ अखिलेश सरकार के विकास कार्यो की तारीफ करती हैं। निश्चित ही सांसद डिंपल की साफगोई समाजवादी सरकार के लिये बूस्टर का काम करती होगी। डिंपल, खासकर महिलाओं से जुड़ी समस्याओं पर खूब बोलती हैं। यही वजह है पार्टी की लीक से हटकर वह महिला आरक्षण की भी जोरदार तरीके से वकालत करती हैं। मोदी सरकार को भी कटघरे में खड़ा करने का कोई मौका वह नहीं खोती हैं।

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यह सिक्के का एक पहलू है, लेकिन डिंपल की यह तेजी शायद मुलायम की दूसरी बहू अपर्णा यादव पत्नी प्रतीक यादव को भी रास नहीं आई। तेजी ही नहीं विचारधारा के मामले में भी मुलायम की दोनों बहुओं के बीच काफी फासला नजर आता है। डिंपल जहां यूपी सरकार की महिला सशक्तीकरण योजना की तारीफ करते नहीं थकती हैं, वहीं अपर्णा को महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण के मामले में मोदी ज्यादा बेहतर लगते हैं। वह बड़ी साफगोई के साथ कहती हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से अपने भाषण में महिला सशक्तीकरण को जिस तरह से बढ़ावा देने की बात कही है, उसकी सराहना की जानी चाहिए।

लखनऊ के एक डिग्री कालेज में हर्ष संस्था की ओर से चलाये जा रहे ‘बी अवेयर’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेने आई अपर्णा ने पति की मौजूदगी में महिलाओं के बारे में सलीके से अपना पक्ष रखा, लेकिन उनका यह सलीका समाजवादी परिवार पर काफी भारी पड़ता दिखा। ऐसा लग रहा था अपर्णा यादव कहीं से कहीं तक अपनी जेठानी के विचारों से इतिफाक नहीं रखती हैं। डिंपल महिलाओं की सुरक्षा के लिये सीएम अखिलेश यादव द्वारा बनाये गये हेल्प लाइन नंबर 1090 की तारीफ करते नहीं थकती। वह कहती हैं कि मात्र दो-ढाई वर्ष में लाखों महिलाओं की समस्याओं का 1090 ने निराकरण किया है। वहीं अपर्णा को लगता है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिये आज भी 100 नंबर सबसे अच्छा है। जहां 24 घंटे किसी भी समय आपराधिक वारदात की जानकारी दी जा सकती है। इस पर कार्यवाई भी होती है।

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कालेज की लड़कियों के सामने अपने विचार रखते हुए अपर्णा यहां तक कह गईं कि देश में आपकी मदद के लिये 13854 नंबर काम कर रहे हैं, पर इसमें सबसे प्रभावी 100 नंबर ही है। अपर्णा का बयान उस समय आया जबकि चार दिन पूर्व उनकी जेठानी डिंपल यादव ने 1090 हेल्पलाइन नंबर प्रमोट करते हुए कहा था कि 1090 ने ढाई लाख महिलाओं का गुंडों से बचाने का बड़ा काम किया है जो बड़ी बात है। खैर, बात अपर्णा की ही कि जाये तो वह यहीं नहीं रूकीं उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण और सेल्फ डिफेंस को अनिवार्य करने के लिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय और राज्य सरकार से मांग करेंगी।

इस संबंध में जब प्रतीक यादव से पूछा गया तो उन्होंने अर्थ भरे अंदाज में कहा कि महिलाओं का इश्यू किसी का भी पेटेंट नहीं है। इस मामले में कोई अच्छा काम कर रहा है तो उसकी तारीफ होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मुद्दे पर जो कुछ कहा वह सराहनीय है। इसके साथ ही उन्होंने यह जरूर जोड़ दिया कि भले ही सपा और भाजपा की विचारधार अलग-अलग है।

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बहरहाल, राजनीतिक हल्कों में इस बात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा तो यहां तक जाता है कि प्रतीक की नजर मैनपुरी लोकसभा के उप-चुनाव पर लगी थी, अपर्णा भी चाहती थी कि उनके पति ही वहां से चुनाव लड़ें, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। इसी के चलते करीब दो माह पूर्व समाजवादी पार्टी की चुनावी कैसेट में अपनी आवाज देकर मुलायम सिंह और अखिलेश सरकार का गुणगान करने वाली अपर्णा के सुर एकदम बदल गये हैं। अपर्णा के लिये अच्छी बात यह है कि उन्हें सभी मोर्चो पर प्रतीक का उन्हें पूरा समर्थन हासिल हो रहा है।

अपर्णा का बयान आना था और भाजपा ने उसे लपट लिया। भारतीय जनता पार्टी के नेता डॉ. चंद्र मोहन ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह बात अपर्णा को जल्द समझajaykumarmaya1 में आ गई, उम्मीद है कि अन्य समाजवादी भी जल्द समझ जायेंगे। वहीं सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने अपर्णा के बयान को उनकी निजी राय बता कर चुप्पी साध ली। कांग्रेस को भी अपर्णा का बयान रास नहीं आ रहा है। कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्वत का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महिला सशक्तीकरण के लिये कोई ठोस कदम उठायेंगे, इसकी उम्मीद बिल्कुल भी नहीं की जानी चाहिए। भाजपा सरकार छल के सहारे चल रही है, जिसका जल्द पर्दाफाश हो जायेगा।

 

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लेखक अजय कुमार लखनऊ में पदस्थ हैं और यूपी के वरिष्ठ पत्रकार हैं। कई अखबारों और पत्रिकाओं में वरिष्ठ पदों पर रह चुके हैं। अजय कुमार वर्तमान में ‘चौथी दुनिया’ और ‘प्रभा साक्षी’ से संबद्ध हैं।

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