दीपिका पादुकोण एक न्यूज़ चैनल पर अपनी खबर देखने के बाद भड़क गईं और ट्विटर पर गुस्सा जाहिर किया. दीपिका ने टाइम्स आफ इंडिया को करारा जवाब देने के बाद पूजा बेदी को लताड़ लगाई है. पहले जानिए पूजा बेदी ने क्या कहा. पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा बेदी ने एक इंटरव्यू में कहा, “जब ऋतिक रोशन या शाहरुख खान की सिक्स-पैक एब्स की तस्वीरें मीडिया में आती हैं तो ये किसी को गलत नहीं लगता तो आखिर एक औरत के लिए इतना अंतर क्यों? … एक सेलेब्रिटी होने के कारण आपको कैमरा फेस करना ही पड़ता हैं और अगर मीडिया ने कुछ ऐसा नेटिस किया जो आप दिखा रहे हैं तो इसमें बुराई क्या है … जब कोई पब्लिक फिगर होता हैं तो इसकी नेलपेंट का रंग और फुटवियर तक पर मीडिया की नज़र होती है …. अगर औरत के रूप पर ध्यान देना और फोकस करना क्राइम है तो फिर बॉलीवुड के सभी आइटम नंबर पर बैन होनी चाहिए…“
पूजा बेदी को जवाब देते हुए दीपिका ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, “जबतक एक औरत खुद हां नहीं कहती तब तक किसी को यह अंदाजा नहीं लगाना चाहिए कि वो सेक्स करना चाहती है। मुझे अच्छे से अपने काम के बारे में पता है। मेरा काम बहुत डिमांडिंग है जो मुझसे बहुत कुछ करवाना चाहता है। किसी रोल की मांग हो सकती है कि मैं सर से पैर तक ढ़की रहूं या पूरी तरह नेकेड हो जाउं और तब एक एक्टर के तौर पर यह मेरा निर्णय होगा कि मैं यह करना चाहती हूं या नहीं। यह फर्क समझना होगा कि रोल और रियल में अंतर होता है और मेरा काम मुझे दिए गए रोल को जोरदार तरीके से निभाना है। जो मुझे लगता है वो मैं साफ तौर पर लिख रही हूं ताकि इसे शहरुख के एटपैक्स और किसी औरत के शरीर की बनावट के साथ उलझाया मत जाए। मैंने एक ऐसी विचारधारा के खिलाफ आवाज उठाई है जो हमें पीछे ढकेल रही है और जिसका सहारा लोगों का ध्यान खींचने के लिए किया जा रहा है वो भी ऐसे दौर में जब हम महिलाओं के लिए समानता की लड़ाई लड़ रहे हैं। एक ऐसे वक्त में जब औरतें मर्दों के वर्चस्व वाले समाज में जगह बना रही हैं और जिसके लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए, हम असल जिंदगी और सिनेमा के बीच की लक्ष्मण रेखा को मिटा रहे हैं और एक साल पुरानी बात को ख़बर की तरह पेश करके अपनी सारी कोशिशें खराब कर रहे हैं। एक पुरानी ख़बर निकलकर उसकी हेडलाइन ‘OMG: दीपिका क्लिवेज शो’ देना पिछड़ी सोच को बढ़ावा देकर तकात का गलत इस्तेमाल करना है। अगर किसी अभिनेत्री के कपड़े इधर-उधर हो जाएं, तो ऐसा नहीं मान लिया जाना चाहिए कि उसने जानबूझ कर ऐसा किया होगा। ऐसे में कैमरे को जूम करने और उस विशेष हिससे को गोल घेरे में डालने और उस पर खास ध्यान दिलवाने के लिए तीर का निशान बनाने से बेहतर होगा कि हम उस अभिनेत्री को थोड़ा सम्मान दें और ऐसी बातें जानें दें ना कि उनपर हेडलाइन बनाएं। क्या हम इंसान नहीं हैं। मैं उस विचारधारा के खिलाफ बोली, जिसमें खास चालों के जरिए पाठकों का ध्यान तब खींचा जाता है, जब हम महिलाओं की बराबरी और महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं। यह कोई ब्रेस्ट, गुप्तागों या शरीर के किसी और अंग की खबर दिखाने की बात नहीं थी। एक संदर्भ की बात है और कैसे संदर्भ से बाहर जाकर सिर्फ एक हेडलाइन बेचने के लिए रिर्पोटिंग की जाती है। मेरे लिए यह टॉपिक यही खत्म हो गया है। हर किसी को अपनी बात रखने का हक है।”
दीपिका क्लीवेज विवाद पर पूजा बेदी की दो टूक : ”जब आप एक पब्लिक फिगर होते हैं, तो किसी भी मीडिया इवेंट में आपकी नेल पॉलिश से लेकर आपके फुटवियर तक पर कैमरा की नजर रहती है। और आपको इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर किसी भी औरत के असेट्स पर फोकस करना और उनकी तारीफ करना अपराध है तो सारे आइटम नंबर्स को भी बैन कर देना चाहिए। यह कहना कहां तक सही है कि पब्लिक अपियरेंस में मैं कपड़े ऐसे ही पहनूंगी, लेकिन आपको दूसरी नजर से देखना होगा? अपने घर में भी कपडे़ पहनते वक्त आप इस बात का खयाल रखते हो कि उन कपड़ों पर आपकी फैमिली, ससुराल वालों, पति और यहां तक कि आपके पड़ोसी का क्या रिऐक्शन होगा। एक सिलेब्रिटी की यह जिम्मेदारी है कि वह कैमरा के सामने जाने से पहले यह तय कर ले कि उसे क्या दिखाना है, क्या नहीं, और यह बेवकूफी ही है कि महिला अधिकारों की बात करते हुए आप यह सवाल उठाएं कि जो मैं दिखा रही थीं, उस पर आपकी नजर क्यूं गई? हम हर चीज पर अपने नजरिए से रिऐक्ट करते हैं, और हमारा नजरिया तो हमारे लिए सही ही होता है, लेकिन हमें सिक्के के दूसरे पहलू पर भी ध्यान देना चाहिए।”