लोकतन्त्र के चार स्तम्भ होते हैं न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायका, मीडिया। सभी के अपने दायित्व होते हैं। अगर एक भी स्तम्भ अपने दायरों से हटकर काम करना शुरू कर दे तो लोकतन्त्र खतरे में आ जाता है। मीडिया एक ऐसा स्तम्भ है जिसका दायित्व सभी को आयना दिखाना होता है।
मीड़िया का काम जनता की आवाज सरकार तक और सरकार की बात जनता तक पहुंचाने का होता है। मीड़िया खुद ही जनता की आवाज होती है। सरकार के सही कदम की सरहाना करती है और गलत कदम पर विपक्ष की भूमिका निभाकर सवाल करती है। कवि, साहित्यकार, पत्रकार सत्ता के स्थाई विपक्ष होते हैं। जो निरंकुश होती सत्ता पर लगाम लगाने का काम करते हैं।
लेकिन क्या होगा अगर मीड़िया सरकार के गुणगान करने लगे। क्या होगा जब मीडिया देश के पंथनिरपेक्ष सिध्दांत पर न चल कर साम्प्रदायिक हो जाऐ। क्या होगा जब मीड़िया सरकार से सवाल पूंछने की जगह सरकार के तलवे चाटने लगे। क्या होगा जब मीड़िया सच बोलने की जगह झूठ, नफरत परोसने लगे। सोचकर देखिये, इसके परिणाम वाकई गम्भीर होंगे।
मीड़िया का अधिकांश भाग आज अपने मार्ग से भटक गया है। माफ कीजिये भटकना शब्द शायद गलत होगा। भटके हुये को समझा बुझा कर सही मार्ग पर लाया जा सकता है। लेकिन जो जानबूझ कर भटकने का नाटक कर रहा हो उसे क्या कहते हैं हमें नही पता।
मुख्यधारा की मीड़िया में एक नाम हैं सुदर्शन न्यूज चैनल का। न्यूज चैनल की जगह अगर इसे फेक न्यूज फैक्ट्री कहा जाऐ तो ज्यादा बेहतर होगा। फर्जी खबरों के साथ साथ ये न्यूज चैनल नफरत भी फैलाता है। कितना अच्छा नाम हैं ‘सुदर्शन’ लेकिन नाम के विपरीत इसके काम हैं।
लेकिन हैरत की बात हैं कि हमारे सभ्य समाज में ये चैनल वर्षों से झूठ और नफरत परोस रहा है। सरकारें, मीडिया पर निगरानी करने वाली संस्थाईं आंखे बंद करके बैठी हैं और ऐसे न्यूज चैनल को अपना प्रोपगेंडा फैलाने की मौन स्वीकृति दे रही हैं। झूठ फैलाने वाली इस फैक्ट्री को बीते अगस्त में 14 साल पूर्ण हो जाऐंगे। सोचिये इतने लम्बे समय से इस साम्प्रदायिक विभाजनकारी विचारधारा वाले चैनल ने इस भारतीय समाज में कितना जहर घोला होगा।
इस झूठ फैलाने वाले कारखाने की मालिक हैं सुरेश चव्हाण्के, जिनके फोटो अक्सर भाजपा और हिन्दूवादी संगठन के नेताओं के साथ मिल जाऐंगे। फेक न्यूज की पड़ताल करने वाले मीड़िया पोर्टल altnews ने कई बार सुदर्शन न्यूज के झूठ पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की हैं। लेकिन सुरेश चव्हाण्के हैं जो कि झूठ बोलने से चूकते ही नहीं।
सुदर्शन न्यूज का पर्दाफाश करने के लिये कई मीड़िया हाउस ने इस पर रिपोर्ट प्रकाशित की है। जिसमें आल्ट न्यूज, लल्लनटॉप और भड़ास4मीड़िया शामिल हैं। भड़ास4मीडिया पर ‘झूठ बोलने में सबको पछाड़ देगा सुदर्शन न्यूज चैनल का मालिक सुरेश’ शीर्षक से आपको लेख मिल जाऐगा वहीं लल्लनटॉप पर ‘फ़ेक न्यूज़ फैक्ट्री सुरेश चव्हाणके के खिलाफ एक्शन लेने में क्यों कांपता है सिस्टम?’ नाम से आशुतोष उज्जवल जी का लेख आपको मिलेगा। लगातार झूठ व नफरत फैलाने वाले इस न्यूज चैनल के खिलाफ आखिर कोई कार्यवाही क्यों नही होती है।
कई बड़े नेता करते हैं सुरेश चव्हाणके का फॉलो
झूठ और नफरत फैलाने वाली न्यूज फैक्टी सुदर्शन चैनल के मालिक सुरेश चव्हाणके को कई बडे नेता फॉलो करते हैं जिनमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान, पूर्व केन्द्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन सहित भाजपा के कई बड़े नेता व सांसद फॉलो करते हैं।
फारूक इस्लाम अब्बास
स्वतंत्र पत्रकार
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पुनीत शुक्ला
January 4, 2020 at 3:03 am
क्या झूठ फैलाया या फैलाते हैं?
यह भी तो बताते।
लेख तभी पूर्णता को जाता।
सबूत के साथ लेख दुगुना आनंद देता।
चोर को कंकड़ मार कर भागने की कोशिश की गई।