नून रोटी खाएँगे
मंदिर वहीं बनाएँगे.
दोनों बातें मान ली राम जी ने.
जीडीपी के साथ नून रोटी का दिन आने वाला है और अयोध्या में मंदिर बनने वाला है.
जय श्री राम. सारे भक्तों को नून रोटी का आशीर्वाद दें भगवान.
नोट: बंदे बता रहे हैं कि नए तरीक़े से कैलकुलेट हुआ है इसलिए साढ़े चार है. यूपीए स्टाइल में करने पर ढाई आ रहा जीडीपी. नून रोटी खाएँगे मोइ जी को जिताएँगे.
Jey Sushil और Jitendra Narayan की एफबी वॉल से.
Manish Singh : आज एक तरफ जीडीपी गिरने की खबर छाई है, तो भीतर के पन्नो में उसका कारण भी दांत निपोरते खड़ा मिलेगा। अगर आप कनेक्ट कर सकें तो ..!! और खुदा के लिए, जागिये और कनेक्ट कीजिए।
देश खोता है, व्यापारी पाता है। मगर सारे व्यापारी नही,… सिर्फ वो, जिसकी औकात अपनी सरकार पालने की हो। उद्यमशीलता, साहस, नवाचार, परिश्रम और लीडरशिप के गुण आपको अमरीका में अमीर बना सकते हैं। भारत मे अमीर होने के लिए सेटिंगबाज होना जरूरी है। कांग्रेस हो या बीजेपी, देश हो, राज्य हो या जिला। सेटिंग परमो धर्म:
गूगल फॉउंडर को पछाड़कर दुनिया के नवमें बड़े अमीर बनने वाले के पास एक विश्वस्तरीय प्रोडक्ट नही है। कोई विश्वसनीय सेवा नही है, एक अविष्कार पापुलराइज नही किया हिंदुस्तान के बाहर कहीं चवन्नी की पूछ नही हैं, कोई ब्रांड नही है। ये उद्यमी नही है, ये छोटे कद के बड़े पंसारी हैं, जिन्होंने लूट का माल बेचने की दुकान खोल रखी है।
रोशचाइल्ड, बेल, टेस्ला, फोर्ड, एडिसन, फेरारी, जॉब्स, लैरी पेज, बिल गेट्स.. तमाम बड़े अमीर वो है जिन्होंने अपने फील्ड रेवलुशनलाइज कर मानव सभ्यता को नया आयाम दिया। कार, कम्प्यूटर, फोन, बिजली, इंटरनेट.. नई चीज, सस्ते में हमारे घर लाकर, एक आम इंसान के जीवन को हमेशा हमेशा के लिए बदल दिया। दुनिया भर में पहचान बनाई।
हम ??? खोदो, लूटो, बेचो, कब्जा करो। सेटिंग के बूते..
ये अमीर बने हैं, हमें लूटकर, दूसरे उद्यमियों को लूटकर, बाजार को खाकर, सरकारी कोष खाकर, मुफ्त के कर्ज पर। इनकी फैक्ट्री में चीन की मशीनें लगती हैं, इनका प्रोडक्ट भारतीय कहलाता है। इनके चैनल दिन रात नफरत फैलाते हैं, नचनिया गवइया टैलेंट में हमें गाफिल रखते हैं, उसका भी पैसा सरकार से वसूलते हैं। इनका भारतीय होना, अमीर होना मुझे कोई गर्व नही देता, बेहद शर्म पैदा करता है।
है कोई देशभक्त सरकार जो इनको नेशनलाइज करे। देश का लुटा हुआ देश को वापस दिलाये। है तो कहे.. मेरा वोट, समर्थन, चन्दा सब देने का वचन देता हूँ।
मुल्ले बाद में, पहले इनको टाइट करो।
रायगढ़ निवासी पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट मनीष सिंह की एफबी वॉल से.