रवीश कुमार-
डॉलर बनियान पचास साल का हो गया। इस विज्ञापन में डॉलर इंडस्ट्रीज़ के दीनदयाल गुप्ता जी की तस्वीर छपी है। उनके चेहरे से एक जीवन काल में एक उद्योग खड़ा कर देने का संतोष छलक रहा है लेकिन इससे गुप्ता जी के जवानी के दिनों के संघर्ष का पता नहीं चलता कि इसे खड़ा करने में क्या-क्या पापड़ बेलने पड़े। पर उनकी यह उपलब्धि सराहनीय तो है ही। वह भी आना चाहिए था।
गुप्ता जी से एक ही गुज़ारिश है कि गोदी मीडिया को विज्ञापन न दें। खुद इतनी लगन से एक ब्रांड बनाया, आख़िर वे उस मीडिया को विज्ञापन कैसे दे सकते हैं, जो पत्रकारिता को ही नष्ट कर रहा है। कचरे के ढेर पर डॉलर का विज्ञापन अच्छा नहीं लगेगा। गोदी मीडिया को पैसे देने के बजाए पचास साल पूरे होने की ख़ुशी में किसी झुग्गी में एक हज़ार डॉलर बनियान का सप्रेम वितरण भी करा दें। गुप्ता जी की इस तस्वीर में कुछ तो ख़ास बात होगी कि लगा कि लिखना चाहिए ।
डॉलर पहनने वालों को भी बधाई। गुप्ता जी को भी बधाई। यह बधाई उनके सपने और मेहनत के लिए है।