सत्येन्द्र कुमार–
महामारी के इस वक्त में सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ऑक्सीजन की आपूर्ति मुद्दा बना हुआ है। एक एक सांस बचाने की जद्दोजहद चल रही है। वहीं दूसरी तरफ गोरखपुर जनपद के बेतियाहाता में मेडरेव फार्मेसी संचालित करने वाला संदीप त्रिपाठी चंद लोगो को अपने साथ लेकर खुलेआम ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी करने में मशगूल है।
35 हजार में बिकने वाला ऑक्सीजन कंसंट्रेटर महामारी के इस दौर में एक लाख दस हजार में बेचा जा रहा है। इस कालाबाजारी के तार दिल्ली की खान मार्केट तक फैले हैं। अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली के खान मार्किट से छापेमारी में 428 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद हुए थे। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी करने वाले संदीप त्रिपाठी के तार भी दिल्ली के खान मार्किट से जुड़े हैं।
खुद संदीप त्रिपाठी ने बताया कि बेतियाहाता स्थित पार्क हॉस्पिटल में उसकी फॉर्मेसी की दुकान है जहां पर वो गुपचुप तरीके से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी में डील करता है। साथ ही दवा की फ्रेंचाइजी भी संचालित करता है। जनपद में ऑक्सीजन से लेकर रेमेडिसवीर की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने की प्रशासनिक कवायद चल ही रही थी कि जनपद के पाश इलाके बेतियाहाता के हॉस्पिटल में बैठे एक नए कालाबाजारी संदीप त्रिपाठी ने भी दस्तक दे दी है।
खुलेआम इंसानी साँसों की नीलामी करने वाले मेडरेव फार्मेसी के इस मालिक की ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल होते ही इसके चमचे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर छोड़कर भूमिगत हो गए हैं। आज जनपद में इनकी जहां जहां भी डीलिंग होनी थी वहां डीलिंग करने कोई नहीं पहुंचा। महामारी के इस समय में जब इंसानी लाशें सूखे पत्तों से भी ज्यादा तेजी से गिर रही हैं, ऐसे वक्त में भी कालाबाजारियों पर प्रशासनिक नकेल न कस पाना प्रशासनिक अक्षमता का प्रमाण है।
जिस तरह दिल्ली के खान मार्किट में छापेमारी होने पर 428 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद हुए वो किसी न किसी रूप में कई इंसानी साँसों को थामने में मददगार साबित हुए। यदि आज गोरखपुर प्रशासनिक अमला समय से क्रियाशील हो जाये तो उसे जनपद में संदीप त्रिपाठी के ठिकानों पर छापेमारी और सख्ती कर कई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद करने में सफलता मिल सकती है। साथ ही कालाबाजारी के इस खेल में गहराई तक लिप्त रहे कई फ्रंट लाइन वर्करों के चेहरों से नकाब भी हटा सकती है। लेकिन इतनी फुरसत प्रशासन के पास है कहाँ।
साँसों के सौदागर से हुई बातचीत की रिकार्डिंग सुनें-
सत्येन्द्र कुमार
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