Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

मोदी शाह के नाम पर लूट मचाता गुजरात का चैनल अब बिहार, दिल्ली, यूपी में हुआ सक्रिय!

मीडिया का हाल किसी से छिपा नहीं है. मैं भी एक पत्रकार हूं. जब मुझे पता चला कि एक गुजराती व्यवसायी चैनल आ रहा है तो मुझे बहुत खुशी हुई. इस चैनल से जुड़ना हुआ. कुछ ही दिनों में मैंने जॉब छोड़ दी थी. कारण साफ था कि इस गुजराती व्यवसायी के दिमाग में सैटेलाइट चैनल लाने की कोई योजना नहीं है. इसका लक्ष्य है केबल चैनल के नाम पर कंपनी द्वारा किसी तीसरी कंपनी से बनवाए जा रहे प्रोडक्ट को मार्केट में पत्रकारों के माध्यम से बिकवाना.

कंपनी का गुजरात मॉडल फेल हो चुका है. बावजूद इसके इस गुजराती व्यवसाई ने बिहार झारखंड राजस्थान उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ उड़ीसा पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में अपना मकड़जाल फैला दिया है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसी सिलसिले में कंपनी को बिहार झारखंड यूपी में कई काबिल पत्रकारों ने मुंहतोड़ जवाब भी दिया है. कंपनी के मकड़जाल को फैलाने का काम दिल्ली की एक महिला और एक पुरुष ने संभाल रखा है.

कंपनी की पोल खुलने का पता इसी बात से चलता है कि कंपनी के खिलाफ देश के कई भागों में न केवल शिकायत हुई है बल्कि कंपनी के एमडी और एचआर प्रबंधन के खिलाफ कुछ पत्रकारों ने कोर्ट में जाने का मन भी बना लिया है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस गुजराती ने अपनी कंपनी का टर्नओवर 100 करोड़ बताया जबकि पड़ताल करने पर कंपनी का टर्नओवर एक करोड़ के आसपास भी नहीं है.

एक चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि कंपनी ने बिहार उड़ीसा झारखंड और उत्तर प्रदेश में इंटरव्यू के दौरान जिस चैनल का नाम बताया है उस चैनल का ना तो कोई लाइसेंस है और ना तो कोई आधिकारिक कागजात.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस कंपनी का मालिक अमित शाह और मोदी के साथ अपने घरेलू संबंध बताता है और पत्रकारों से बड़ी-बड़ी बातें कर अपने झांसे में फांसता है और बढ़िया सैलरी पैकेज भी ऑफर करता है. बेचारे पढ़े-लिखे पत्रकार इसके जाल में फंस जाते हैं.

गुजरात में इस कंपनी का मालिक एक केबल चैनल चलाता है जिसकी हालत भी खस्ता है. यह गुजराती ठग पहले भी कई लोगों से करोड़ों रुपए ऐंठ चुका है और सभी लोग इसे ढूंढ रहे हैं. मीडिया को ढाल बनाकर चलने वाले इस गुजराती ठग के सामने देश में कई जगह शिकायतें भी दर्ज की गई हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस जानकारी देने का एक ही मकसद है कि ऐसी जालसाज कंपनियों से हमारे पत्रकारों को बचाया जाए. इनके भ्रमजाल में आकर कोई पत्रकार डूबे नहीं.

एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement