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सुख-दुख

गुटखे ने ले ली इस पत्रकार की जान

मीडिया में ढेर सारे लोग गुटखे का सेवन करते हैं. ये गुटखा जानलेवा है. यह जब कैंसर बनकर व्यक्ति पर हमलावर होता है तो फिर जान लेकर ही मानता हैं.

गुटखे के ताजा शिकार हुए हैं फूल खान. ये बदायूं के कई अखबारों से जुड़े थे. खुद की एक मैग्जीन भी निकालते थे.

फूल खान गुटखा खाते थे. उनको कई बार कहा गया लेकिन उन्होंने गुटखा खाना नहीं बंद किया.

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2019 में उन्हें ओरल कैंसर का पता चला.

ऑपरेशन करवाया.

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इसके बाद उन्हें रेडिएशन और कीमो का सामना करना पड़ा.

फिर आया कोरोना काल. वह दिल्ली चले गए. वहां रेडिएशन और कीमो के कई चरण हुए.

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अंत में डॉक्टरों ने उन्हें जवाब दे दिया तो परिजन बदायूं लौट आए.

बदायूं में उन्हें आवाई कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया.

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उनके परिवार में उनकी पत्नी के अलावा एक बेटी है.

फूल खान बदायूं के कई अखबारों से जुड़े रहे और स्वयं की एक मैगजीन के मुद्रक प्रकाशक और संपादक भी थे.

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