वैद्य आनन्द पांडेय-
Influenza A virus subtype H3N2 और आयुर्वेद… H3N2 Virus के इन्फेक्शन में भी आयुर्वेद उतना ही और उसी तरह प्रासंगिक है जितना Covid-19 वायरस पर था। सरकार, आईसीएमआर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो भी निर्देश दिये हैं उसका पालन करते रहें, मास्क लगायें, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने का प्रयत्न करें। शारीरिक दूरी बनाए रखें।
प्रमुख लक्षण- 2-3 दिनों तक तेज बुखार बना रहता है। शरीर में दर्द, सिरदर्द, गले में जलन इसके अलावा मरीज में लगातार दो हफ्ते तक खांसी होती है।
लेकिन यदि दुर्भाग्यवश इसका इन्फेक्शन हो गया तो फिर कुछ उपाय हैं जो करने चाहिए-
१- हर तीन घण्टे पर गुनगुने पानी में सेंधा नमक और थोड़ा सा घी डालकर गार्गल करें
२- नाक में घी या तिल का तेल डालकर निकलें (सुबह-रात)
३-भोजन गर्म ही करें
४- गर्म पानी में अजवाइन डालकर भाप लें
५- शहद में अदरक का रस मिलाकर उसे थोड़ी-थोड़ी देर पर लेते रहें
६- ज़्यादा तकलीफ़ होने पर नज़दीकी चिकित्सक से संपर्क करें।
क्या ना करें –
१- रोग से घबराएँ नहीं क्योंकि यह कष्ट देगा लेकिन जानलेवा नहीं है
२- अपने मन से कोई भी दवा ना लें।
३- कोई भी एंटीबायोटिक ना लें क्योंकि यह वायरल इन्फेक्शन है और एंटीबॉयोटिक्स बैक्टीरिया पर काम करती हैं, अनायास ये दवाएँ लेने पर इम्युनिटी पर और शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है ।
४- ठंडी तासीर के खाद्य व दही, चावल, मूली का सेवन ना करें ।
५- घर के लोगों से थोड़ी दूरी बना लें
६- कोई भी औषधि चाहे वो एलोपैथिक हीनता आयुर्वेदिक बिना उस पैथी के विशेषज्ञ की सलाह के ना लें
६- यह बिलकुल याद रखें कि आयुर्वेदिक औषधियाँ भी नुक़सान कर सकती हैं इसलिए पढ़े लिखे डिग्रीधारी वैद्य की सलाह से ही लें
वैद्य आनन्द पांडेय
गंगा आयुर्वेदिक चिकित्सालय
पहड़िया, सारनाथ, वाराणसी